लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने के आदेश का पालन नहीं करने पर बीसीसीआई अध्यक्ष के पद से अनुराग ठाकुर को हटा दिया है। प्रधान न्यायाधीश टी0 एस0 ठाकुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने श्री अनुराग ठाकुर को नोटिस जारी कर पूछा है कि उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न शुरू की जाये। बी सी सी आई सचिव अजय शिरके को भी उनके पद से हटा दिया गया है।
न्यायालय ने कहा कि बी सी सी आई के सभी पदधारक और राज्य में संबंधित संस्थायें जिन्होंने क्रिकेट में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानने से इंकार किया है, उन्हें तुरन्त पद से हट जाना चाहिए। न्यायालय ने कहा कि 70 वर्ष से ऊपर का व्यक्ति, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति, मंत्री, सरकारी कर्मचारी, सजायाफ्ता और नौ साल से ज्यादा इस पद पर रह चुका व्यक्ति बीसीसीआई में कोई पद नहीं ले सकता। मामले की आगे सुनवाई 19 जनवरी को होगी। न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए न्यायमूर्ति आर0 एम0 लोढ़ा ने कहा कि यह खेल की जीत है और इस फैसले से खेल को फायदा होगा। बीसीसीआई के अध्यक्ष होने के नाते अनुराग ठाकुर सभी मामलों के लिए जिम्मेदार थे। उनका दायित्व था कि उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों को लागू करवाया जाये, लेकिन पांच माह बीत जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने संज्ञान लिया और उसे लगा कि उन्हें हटाने के बाद ही न्यायालय के आदेश को लागू कराया जा सकेगा। बर्खास्त बी सी सी आई सचिव अजय शिरके ने आशा व्यक्त की है कि प्रशासनिक उथल पुथल के कारण बोर्ड अपनी अंतर्राष्ट्रीय साख नहीं खोएगा।