तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ0 पन्नीरसेल्वम ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। बैठक में जल्लीकट्टपर उच्चतम न्यायालय के प्रतिबंध पर बातचीत हुई। जल्लीकट्ट के सांस्कृतिक महत्व की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि फिलहाल मामला न्यायालय के विचाराधीन है। लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि केन्द्र इस मामले में राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों में मदद करेगा।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को यह भी आश्वासन दिया कि राज्य में सूखे की स्थिति का सामना करने के लिए हरसंभव सहायता दी जायेगी और एक केन्द्रीय दल शीघ्र ही राज्य का दौरा करेगा। मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेलवम ने आज प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि तमिलनाडु सरकार केन्द्र के सहयोग से जल्लीकट्ट खेलों के आयोजन के लिए कदम उठायेगी। प्रधानमंत्री के साथ बैठक के बाद उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से इन खेलों के आयोजन के लिए एक अध्यादेश जारी करने की अपील की है। श्री पन्नीरसेलवम ने बताया कि ऑल इंडिया अन्ना डीएमके प्रमुख शशिकला ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर केन्द्र से एक अध्यादेश जारी करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि जल्लीकट्ट तमिलनाडु की सदियों पुरानी परम्परा है और ये खेल बहादुरी का प्रतीक है, इसलिए इन्हें अनुमति दी जानी चाहिए। तमिलनाडु में जल्लीकट्ट के समर्थन में आज प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है। युवा सार्वजनिक स्थलों पर दिन रात प्रदर्शन कर रहे हैं। सांडों को काबू करने के खेल के लिए मशहूर मदुरै जिले में स्थित अलंगनल्लूर में जनता सार्वजनिक स्थानों पर घेराव कर रही है। हजारों लोग इस प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं। राज्य के कई कला और विज्ञान महाविद्यालय बंद हैं।
उधर उच्चतम न्यायालय ने जल्लीकट्ट पर प्रतिबंध को लेकर चेन्नई के मरीना बीच पर हो रहे प्रदर्शन में हस्तक्षेप करने की एक याचिका पर आज सुनवाई से इंकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने वकील राजा रमन की उस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया जिसमें उन्होंने मरीना बीच पर चल रहे प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों को खाना और पानी ले जाने पर पुलिस की रोक पर स्वत: संज्ञान लेने की अपील की थी। शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करने को कहा है। पुद्दुचेरी में भी तमिल संगठनों के जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध के विरोध में कल 12 घंटे के बंद का कांग्रेस ने समर्थन किया है। डी.एम.के. और उसके सहयोगी पहले से ही प्रदर्शनकारियों के समर्थन में हैं।