प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पाकिस्तान अगर भारत के साथ वार्ता चाहता है तो उसे आतंकवाद छोड़ना ही होगा, क्योंकि भारत अकेले शांति की डगर पर आगे नहीं बढ़ सकता। नई दिल्ली में आज शाम दूसरे रायसीना डायलॉग में श्री मोदी ने कहा कि दुनिया गंभीर बदलाव के दौर से गुजर रही है और गैर जिम्मेदार तत्व दुनिया के सामने सिर उठाती चुनौतियों के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद को धर्म से जोड़कर नहीं देखता है और अच्छे तथा बुरे आतंकवाद के बीच कृत्रिम भेद को खारिज करने में विश्वास रखता है।
भारत और चीन संबंधों पर श्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों का उत्थान उनके और पूरे विश्व के लिए एक अभूतपूर्व आर्थिक अवसर है। साथ ही यह बहुत स्वाभाविक है कि दोनों बड़े शक्तिशाली पड़ोसी देशों के बीच कुछ मतभेद भी हो। उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों को क्ष्ोत्र में शान्ति तथा विकास के लिए एक-दूसरे की महत्वपूर्ण चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान दिखाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि एकीकृत पड़ोस उनका सपना है और संपर्कों को मजबूत बनाने तथा क्षेत्र को एकजुट करने की आवश्यकता है। श्री मोदी ने कहा कि भारत का अफगानिस्तान के साथ सुरक्षा संबंध और गहरा हुआ है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में संसद भवन का निर्माण और भारत-अफगान मैत्री बांध विकास के लिए साझेदारी के दो शानदार उदाहरण है। श्री मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के साथ भी भारत की राजनीतिक समझदारी बढ़ी है। अमरीका के साथ संबंधों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे प्रयासों से दोनों ही देशों के बीच आर्थिक, वाणिज्यिक और सुरक्षा क्षेत्र में और ज्यादा गति और मजबूती आई। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व का बहुधुव्रीकरण आज का बड़ा सत्य है और भारत इसका स्वागत करता है।