
जब आपने कह दिया है तो क्यों रुकेंगे ? किसी के सामने हम अब क्यों झुकेंगे ?
मोहब्बत की है हमने, कोई चोरी नहीं मरे सारी दुनिया परन्तु हम क्यों मरेंगे ?
दिल में उसे बसाया है सच में सौरभ भूलें सारी दुनिया पर उसे नहीं भूलेंगे ।
डर नहीं किसी का भी अब मोहब्बत में मोहब्बत की है तो पूरा करके छोड़ेंगे ।
वायदा किया है उससे सातों जनम का तो साथ ही जिएंगे और साथ ही मरेंगे ।
हम वो मौसम नहीं कि साल में एक बार आए अब की है मोहब्बत तो हरसंभव निभाएँगे ।

सौरभ कुमार ठाकुर (बालकवि एवं लेखक) मुजफ्फरपुर, बिहार, मो0- 8800416537