राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने विशिष्ट बैंक नोट्स (दायित्व मुक्ति) अध्यादेश 2016 को मंजूरी दे दी है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल इस अध्यादेश को पहले ही मंजूरी दे चुका है। इस अध्यादेश के तहत 31 मार्च 2017 के बाद पांच सौ और एक हजार रुपए के दस से ज्यादा नोट रखना अपराध माना जाएगा।
इस अध्यादेश में वापस न आए प्रतिबंधित बैंक नोटों को नष्ट करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का भी प्रावधान है। इससे उन लोगों को अवसर मिलेगा जो अमान्य नोटों को समय सीमा के भीतर जमा नहीं करा पाए हैं। इसके अनुसार 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 तक देश से बाहर मौजूद भारतीय नागरिकों को 31 मार्च 2017 तक रिजर्व बैंक के चुनिंदा कार्यालयों में नोट वापस करने की सुविधा दी गई है। ऐसे भारतीय नागरिक, जो भारत में नहीं रह रहे हैं उन्हें 30 जून, 2017 तक यह सुविधा उपलब्ध रहेगी।