कविता : पहली नजर का प्यार

सौरभ कुमार ठाकुर 

उसे जब देखा मैंने पहली बार,

हुआ था मुझे पहली नजर का प्यार ।

चला आया जब मैं वहांँ से,

याद सताने लगी उसकी हजार बार ।

मिलना हो गया था दुश्वार,

देखा उसे जब मैंने दूसरी बार ।

चैन मिला मुझको,

दिल को मेरे मिला करार ।

लगी थी मुझे वो बहुत सुंदर,

प्यार हुआ मुझे इस कदर ।

अदाएँ थी उसकी बहुत प्यारी,

प्यार हुआ था मुझे एकतरफा ।

चला आया जब मैं वहांँ से,

मिला नहीं फिर उससे ।

पता नहीं कैसी होगी वो,

शायद मिल पाऊंगा उससे ।

लगता है मेरे दिल को ऐसा,

जिंदगी मेरी है वही ।

उससे मिलने के लिए,

करूँगा मै हमेशा इंतजार । 

मुजफ्फरपुर, बिहार मो0- 8800416537 प्रकाशित एवं स्वरचित