‘भाषा की पाठशाला’ के अन्तर्गत डॉ. पृथ्वीनाथ पाण्डेय से पूछें शब्दार्थ

‘दैनिक जागरण’ की ‘शनिवासरीय’ प्रस्तुति ‘भाषा की पाठशाला’ में हम ‘दो शब्दों’ पर सम्यक् रूपेण विचार करते हैं और अन्त में उन शब्दों के प्रति अपनी पाठक-पाठिकाओं को जागरूक करते हैं, जो अनभिज्ञता के कारण उनका अशुद्ध और अनुपयुक्त प्रयोग करते हैं।

हम चाहते हैं कि आप उन शब्दों को हमारे पास ‘prithwinathpandey@gmail.
com’ पर भेज दें, जो जनोपयोगी हों और विद्यार्थियों के लिए परीक्षोपयोगी भी तथा आपको यथाशक्य प्रयास करने के बाद भी उनके अर्थ और अभिप्राय का बोध न हो पाया हो।

निस्सन्देह, ‘भाषा की पाठशाला’ एक अभिनव प्रयोग है, जिसके माध्यम से हम ‘दो ही शब्दों’ में अनेक व्याकरणिक रूपों को प्रकट करते हैं।