लेखपाल और सचिव पंचायत घर को मिनी सचिवालय के रूप में प्रयोग करें

बदायूँ: डीएम ने कहा कि विकास कार्याें में प्रगति लाने, कानून एवं शान्ति व्यवस्था कायम रखने तथा ग्रामीण क्षेत्रों की गतिविधियों को प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाने में पंचायत विभाग के सचिवों, सहायक विकास अधिकारियों की अहम भूमिका होती है। सभी सचिव एवं एडीओ अपने दायित्वों का भलीभांति निर्वाहन करते हुए विकास कार्याें में प्रगति सुनिश्चित करें।

शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने मुख्य विकास अधिकारी निशा अनंत सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ पंचायत विभाग के सचिवों एवं सहायक विकास अधिकारियों की बैठक कर अपनी मंशा से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कार्याें मंे लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। तालाबांे एवं चारागाह से अवैध कब्जे हटवाए जाएं और मनरेगा के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार कराया जाए। चारागाह की मिट्टी से चाहरदीवारी कराई जाए और वर्षा ऋतु में उसमें चारा बोया जाए। गांवों में जगह-जगह सड़क किनारे घूरा पड़ा रहने के कारण बीमारियों को पैर पसारने का मौका मिलता है। इसलिए एक स्थान निश्चित कर उसकी चाहरदीवारी कराई जाए और उसी में घूरा-कूड़ा डलवाया जाए। इसी गढ्डे में केचुए भी डाले जाएं, जो खाद बनाने का कार्य करेंगे।

लेखपालों की भांति सचिवों का भी गांव में उपस्थित रहने का रोस्टर बनाया जाए, जिससे दोनों एक ही दिन गांव में उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं का समाधान कराएं। लेखपाल और सचिव पंचायत घर को मिनी सचिवालय के रूप में प्रयोग करें, उसी में बैठें। अनुपयोगी स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की मरम्मत कराकर उन्हें बैठने योग्य बनाया जाए। एएनएम को प्रशिक्षण देकर वहां तैनात कराया जाएगा और छोटी-छोटी बीमारियों की दवाई भी उपलब्ध रहेगी। कायाकल्प योजना के तहत स्कूलों में टाइल्स, शौचालय, रनिंग वाटर, बाउंड्रीवाॅल एवं रंगाई-पुताई की व्यवस्थाएं पूर्ण कराई जाएं। बैठक में पशु चिकित्सा, जल निगम, समाज कल्याण, मनरेगा आदि विभागों के अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग से सम्बंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए सहयोग करने को कहा है।