व्यक्तित्व निर्माण में सहायक सिद्ध होगी कुमार संदीप की कृति ‘प्रेरक विचार’

कृति:- ई पुस्तक-प्रेरक विचार ,भाग -2
लेखक:- कुमार संदीप
पृष्ठ:-101
संस्करण:- 2019 (प्रथम)
समीक्षक:- राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”

    मनुष्य की जिन्दगी बदल देते हैं सकारात्मक विचार। यदि सुविचारों का ह्रदय में प्रवेश हो जाये तो जिंदगी जन्नत सी बन जाती है। जीवन मे कई झंझावतों का सामना करना होता है। हम कई बार मायूस होकर बैठ जाते हैं। ऐसे समय मे हमें सुविचार पढ़ने को मिल जाये सुनने को मिल जाये तो जैसे डूबते को तिनके का सहारा मिल जाये ऐसा आभास होता है। ऐसा ही सार्थक प्रयास किया है अपने विचारों का बेहतरीन संकलन प्रकाशित कर युवा लेखक कुमार संदीप जी ने। इनके प्रेरणादायक विचारों में ये शतक जिंदगी में नया उजाला भरने में सक्षम है। आइये सौ विचारों में क्या खास लिखा कुमार संदीप जी ने। 
प्रस्तुत कृति में कुमार संदीप ने लिखा कि मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए। विनम्रता एवम व्यवहार ही आपका परिचय हो। मधुर वचन बोलें। अहंकार से व्यक्ति पतित होता है। खुद को श्रेष्ठ व दूसरे को कभी तुच्छ न समझो।

आजकल लोग सड़कों पर वाहन बड़ी तीव्र गति से चलाते है यातायात के नियमों का उल्लंघन कर शराब पीकर सिगरेट पीते हुए मोबाइल चलाते हुए गाड़ी चलाते है जिससे आये दिन दुर्घटनाएं होती है। खुद की सुरक्षा व दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए वाहन चलाना चाहिए। हेलमेट का प्रयोग जरूरी है।
पापा की भवनाओं की कद्र करो उनके सपने को पूर्ण करने के लिए निष्ठा लगन से पूरा करें। ऐसा करने पर पापा तो खुश होंगे ही आपको भी खुशी मिलेगी जिसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकोगे।
आत्महत्या करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिसका मुख्य कारण है कि लोगों में आत्मविश्वास नहीं है। अवसाद व तनावों से दूर रहें।
स्वार्थवाद बढ़ता जा रहा है। हमें निर्धन बेसहारों का सहारा बनने की आवश्यकता है। स्वार्थ के कारण व्यक्ति अंधा होता जा रहा है।
हमेशा बड़े सपने देखो। मुश्किलों का हौंसलो के साथ सामना करो। जो लोग बड़े पदों पर पहुँचे उन्होंने बड़ी सोच रख कर कठिन मेहनत की।
माता पिता गुरु का हमेशा आदर करो। उनके बताए सत्मार्ग पर चलो। जिस परिवार में बड़ों का सम्मान होता है वह परिवार समाज मे पूजित होता है।
अंधकार से उजाले की ओर यदि कोई ले जाता ह तो वह शिक्षक है कभी शिक्षकों का अपमान न करो। ज्ञान की ज्योति जलाए रखना है तो शिक्षकों का आदर करना सीख लो।
लोग धन कमाने में रात दिन लगे है मगर ईमानदारी से कमाया धन ही टिकता है। इसलिए ईमानदारी से रुपया कमाए ।
मनुष्य की आर्थिक स्थिति असंतुलित हो जाये मगर मानसिक स्थिति संतुलित रखिये कड़ी मेहनत करें। जिसने अपने करीबी को खोया है वह ही दर्द को समझता है। अतः जिंदगी को हंसते मुस्कराते जीना चाहिए
रिश्तों के लिए लेखक लिखता है रिश्तों को प्रेम विश्वास के जल से सींचो। बुजुर्गों के साथ वक़्त गुजारो।
गरीब परिवारों की जितनी हो सके मदद करो। उनके प्रति सकारात्मक विचार रखो।
रक्षा बंधन भाई बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार है इस दिन भाई बहन को रक्षा का वचन जरूर दे।
आजकल लोगों ने भौतिक विलासिता के साधन तो बटोर लिए है मगर इंसानियत का अकाल दीखता है। लोग अधर्म की ओर बढ़ रहे हैं।
मुश्किलों को देख भागना नहीं चाहिए। आत्मविश्वास रख डट कर मुकाबला करो। स्वभाव सुन्दर बनाओ। अनाथ बच्चों के लिए आगे आएं।
आज चरित्र का अकाल दीखता है। व्यक्ति बाह्य सुंदरता को महत्व देने लगा है। मनुष्य की असली सुंदरता तो उसका चरित्र है अतः चरित्र निर्माण पर ध्यान दें।
मित्रता उसी से करें जो दुख में आपका साथ दें। धोखा देने वाले मित्र जीवन मे विष घोल देते हैं।
सफल व्यक्ति वही बनता है जो लगातार अपने लक्ष्य को ध्यान में रख कार्य करे।
कुमार संदीप जी मूक पशुओं जानवरों के प्रति दया भाव रखने की बात लिखते हैं।महावीर स्वामी ने कहा था किसी जीव को मत सताओ। हम सभी को भूखे प्यासे पशुओं जानवरों के प्रति दया रखनी चाहिए।
गरीब बेसहारा लोगों के प्रति भी सहानुभूति रख उनकी सेवा के लिए आगे आने की जरूरत है।
आजकल कई स्वयं सेवी संस्थाएं इस हेतु कार्य करने लगी है।
दुखों से घिर जाने पर भगवान को सभी याद करते है। हमें ऐसे समय घबराना नहीं चाहिए। डटकर मुश्किलो का सामना करना चाहिए।
सैनिक जो देश की रक्षा करते शहीद हो गए उनके परिवारों के लिए सरकार व समाज को सहायता हेतु आगे आना चाहिए।
दूसरों की सफलता देख प्रसन्न होना चाहिए। हम ईर्ष्या की भावना रखते है जो गलत है।
हम सद्विचार तो पढ़ लेते है मगर जीवन मे उनको आत्मसात नहीं करते इसीलिए पीछे रह जाते हैं
वृद्धावस्था में मदद करें बुजुर्गों की। विचारों का तालमेल बिठाएं। बुढापा बचपन का पुरागमन है। इसलिए इतना ही ध्यान रखो जितना आप छोटे बच्चों का रखते हो।
मित्रता अच्छी पुस्तकों से करो जिसमे जीवन जीने की कला लिखी है।
किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुचाएं।रिश्तों की अहमियत समझो। याद रखो विपत्ति के समय रिश्ते ही काम आते हैं।
बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है आओ बेटियों को पढ़ाएं उन्हें आगे बढ़ाएं।
जिंदगी में दुख दर्द आते ही रहते है इनसे घबराना नहीं चाहिए। जिंदगी एक अनमोल तोहफा है। यदि आप बड़ी शख्सियत बनना चाहते हो तो कड़ी मेहनत करो अपने अंदर की कमियां खोजो और सुधार करो।
योग के लिए थोड़ा समय निकाल लोगे तो रोग समाप्त हो जाएंगे।
जल की बचत करो। जितनी जरूरत हो उतना ही उपयोग करो क्योंकि जल ही जीवन है। जल बिना सब सुना है।
क्रोध आने पर शीतल जल पी लो। क्रोध समाप्त हो जाएगा। जीवन मे सारे अच्छे कार्य क्रोध से बिगड़ जाते है। कई रोग क्रोध के कारण हो जाते हैं। क्रोध न करो कभी भी।
रचनाओं को पढ़ने की प्रवृति जीवित रखिये जिससे जीवन मे प्रसन्नता आएगी। सुख की कुंजी मिल जाएगी।
मादक पदार्थों के सेवन से जीवन नारकीय बन जाता है इसलिए इनसे बचो। रोगों को खुला आमंत्रण मत दो। मादक पदार्थों के सेवन से बचो
दहेज लेना व दहेज देना दोनों अपराध है। समाज मे व्याप्त इस कुप्रथा का अंत करो।
दुख में लोग भगवान को याद करते है लेकिन यह नहीं सोचते कि इस दुख का कारण मेरी कुप्रवृत्तियाँ है। अतः संस्कारों को त्यागो मत। लक्ष्य के प्रति आत्मविश्वास से बढ़ते रहो। दुख कोसों दूर रहेगा।
कुमार संदीप जी बहुत सुंदर बात लिखते है जो इस कृति के प्राण है” जिनका चित्र उत्कृष्ट दिखता है उनका चरित्र भी उत्कृष्ट हो ।”
यह कृति जीवन निर्माण के लिए गागर में सागर सी है व्यक्तित्व निर्माण में बड़ी सहायक है। कुमार संदीप जी के सुविचार बड़े प्रेरणादायक है। आज की युवा पीढ़ी को ऐसे विचारों को पढ़ने की जरूरत है। साहित्य जगत में ये कृति अपनी पहचान बनाये। इसी शुभकामना के साथ कुमार संदीप जी को हार्दिक बधाई।

राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”
समीक्षक, कवि, साहित्यकार
श्रीराम कॉलोनी भवानीमंडी जिला झालावाड़ राजस्थान