सतगुरु ज्ञान का दीप जलाए

राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित”, प्रधान संपादक, समाचार संगम

  16 जुलाई को हम सब गुरु पूर्णिमा मनाएंगे। प्रतिवर्ष आषाढ़ मास में यह महोत्सव हम मनाते आये हैं। गुरु को ब्रह्मा विष्णु महेश से भी बढ़कर बताया गया है। सच्चा सतगुरु यानि कामिल पीर वही होता है जो शिष्य को अनिष्टों से बचाकर ज्ञान रूपी सत्पथ पर चला दें। अज्ञान की घोर कालिमा को हर ले। अज्ञानं तिमिरांधस्य ज्ञानञ्जय शालाकया चक्षु उन्मीलितम येन तस्मे श्री गुरुवे नमः। सतगुरु वह है जो हमें उस साक्षात परमात्मा के दर्शन करा दे। जो प्रत्यक्ष दर्शन कर चुका हो। साँचा सद्गुरु न मिला मिली न सांची सीख भेष यति बना फिरे घर घर मांगे भीख। आज जरूरत है सच्चे सद्गुरु की हम खोज करें। नकली गुरुओ की

भीड़ लगी है। लोग संत के भेष बनाकर जनता को ठग रहे हैं। नकली गुरु आये दिन पकड़ में आ रहे गया। उनका पर्दाफाश हो रहा है। इसलिए पानी पियो छानकर गुरु करो जानकर। नकली यंत्र मन्त्र तन्त्र के नाम पर लूटने वाले नकली ढोंगी गुरुओं के जाल से बचने की आज जरूरत हैं।

भगवान राम, भगवान कृष्ण सभी के गुरु थे आपके भी कोई न कोई गुरु होगा। जो अंगुली पकड़ कर सत्य मार्ग पर चलाता है गुरु का सम्मान करें। उनकी आज्ञा का पालन करें यही शिष्य का परम कर्तव्य है। यदि सतगुरु यानि तत्वदर्शी महापुरुष की शरण चले गए तो वह उस शाश्वत धाम का राजमार्ग दिखा देगा। जो शांति प्रदान करता है।

गुरु पूर्णिमा पर सभी संकल्प करें हम प्रतिदिन हमारे नोनिहालों को हमारे शास्त्र बाल गीता बाल रामायण उनके हाथों में देकर उन्हें पढ़ने को देंगे। हम स्वयं भी धर्म शास्त्र पढ़ेंगे। जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी भारतीय संस्कृति व संस्कारों को समझ सकेगी। बच्चों को माता पिता समय जरूर दें। उनके पास बैठे। उन्हें समय दें।

98 पुरोहित कुटी, श्रीराम कॉलोनी
भवानीमंडी, जिला-झालावाड़, राजस्थान