हिन्दी का अलख जगा रहे दो कर्मयोगी

दो भ्राता— अनुज पं० विष्णुप्रकाश त्रिपाठी (राष्ट्रीय सम्पादक– ‘दैनिक जागरण’), नोएडा और अग्रज आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद् और समीक्षक), प्रयागराज अपनी मातृभाषा ‘भारत की भाल-बिन्दी— हिन्दी’ और उसकी लिपि ‘देवनागरी’ को उसकी शुचिता के साथ सहज मार्ग का आश्रय लेते हुए, विकास-पथ पर अग्रसर करने और उसे उत्तुंग शिखर पर समासीन करने के लिए कटिबद्ध हैं। ‘हिंदी हैं हम’ की संकल्पना का लोकहितकारी वैविध्य दिग्दिगन्त में व्याप्त होकर अपने साकार रूप को निसर्ग में प्रतिष्ठित करते हुए, भारतराष्ट्र की ‘जनभाषा’ का व्यावहारिक स्वरूप ग्रहण करे।

उक्त भ्राता-द्वय अन्तिम श्वास तक इसी तरह से आत्मिक और मानसिक स्तर पर साथ-साथ रहें; संग-संग रहें, परम शक्ति से कामना है।