कोमल गुप्त की फेसबुक वॉल से-
हर देश के कुछ प्रमुख पर्व होते हैं जो उसकी पहचान होते हैं। दीपावली भारत का सबसे प्रमुख पर्व है। अब आप सौ बच्चों को दीपावली पर पोस्टर बनाने को कहिये। सौ में से सौ बच्चे पोस्टर में दीपावली दर्शाने के लिए दीपक और पटाखे बनाएंगे। इस तरह भारत की पहचान दीपावली है और दीपावली की पहचान हैं दीपक और पटाखे।
क्या हुआ? दीवाली पर पटाखों पर बैन। बंगाल के सबसे प्रमुख पर्व दुर्गा पूजा के, सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम, विसर्जन पर रोक। पोस्ट लंबी हो जायेगी, पर यह केवल दो घटनाएं नहीं हैं। पूर्व का बिहू, दक्षिण का जल्लीकट्टू, आदि बहुत से पर्व पहले से ही इस दायरे में आ चुके हैं। तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो कोई होहल्ला नहीं हुआ। धर्मनिरपेक्ष अभी भी मज़े में हैं। उन्हें तकलीफ तब होगी (शायद न भी हो) जब उनसे कहा जायेगा कि आप अपने पिता को जला नहीं सकते, इससे प्रदूषण बढ़ेगा। आप इन्हें नदी में भी नहीं बहा सकते। कब्रिस्तान मुस्लिम अल्पसंख्यकों का है। उसमें इनके लिए जगह नहीं। वैसे भी काफिर को वहां दफनाने से उनकी धार्मिक भावना आहत होगी। आप इन्हें अपने घर में ही कहीं दबा दीजिये। आज आपको यह असम्भव और प्रलाप लग रहा होगा। पर आप आज ऐसे ही खींसे निपोरते रहे तो एक दिन यह होगा। आपका किया, हम सब भुगतेंगे।