पानीदारी अब यही, पानी सकें बचाय

March 20, 2017 0

बाबूलाल दहिया (बघेली साहित्यकार), सतना- कल अंतर्राष्ट्रीय जल दिवस है और परसो विश्व वानिकी दिवस। वैसे जल और बन एक दूसरे के पूरक है। जहाँ – जहाँ घना वन वहांँ – वहांँ अधिक वर्षा और […]

भ्रष्टाचार और पशुता

March 6, 2017 0

मणि प्रकाश तिवारी- बहुत उत्साह , उम्मीद ,इच्छाएँ हैं इनकी आँखों में, बस एक बार इनकी आँखों में झांक कर तो देखो । आकाश से भी ऊँचे उड़ सकते हैं मेरे ये बच्चे , बस […]