भारत छोड़ों आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ

देश आज भारत छोड़ों आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस अवसर पर संगठन और स्थानीय स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस वर्ष का मुख्य विषय है- ‘संकल्प से सिद्धि’। लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 तक का भारत के 75 वर्ष होने का समय ठीक वैसा ही है जैसा 1942 से 1947 तक का समय था जब भारत आजाद हुआ। 1942 में भारत ने करेंगे या मरेंगे का प्रण लिया था और अब हमें करेंगे और करके रहेंगे का प्रण लेना है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए भारत- मंथन विषय पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देशभर के जिला कलेक्‍टरों को सम्‍बोधित किया। कलेक्‍टरों के साथ इस तरह की यह पहली वार्ता है, जो भारत छोड़ो आन्‍दोलन की 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित किया गया । इसका उद्देश्‍य नए भारत- मंथन कार्यक्रमों को ज़मीनी स्‍तर पर  उतारना है। उन्‍होंने जिला कलेक्‍टरों से सबसे गरीब लोगों के जीवन स्‍तर में सुधार के लिए प्रयास करने को कहा।

अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री ने जिला कलेक्‍टरों से 15 अगस्‍त से पहले अपने जिले के लिए दृष्टिकोण दस्‍तावेज या समाधान दस्‍तावेज तैयार करने को कहा, जिसमें वह अपने सहयोगियों और बुद्धिजीवियों से मदद ले सकते हैं।  उन्‍होंने कहा कि इसमें 2022 तक हासिल किये जाने वाले दस से 15 लक्ष्‍यों को शामिल किया जाए। इस अवसर पर संसद के दोनों सदनों में स्‍वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी गई।