एक मजदूर के बेटे कृष्णगोपाल इसरो में वैज्ञानिक बने

मथुरा में एक मजदूर के बेटे कृष्णगोपाल ने अपने परिवार और माँ-बाप का नाम स्वर्णाक्षरों में लिख दिया है । गरीबी की पीठ पर सवार होकर उसने गर्वानुभूति कराने वाले कृष्णगोपाल ने इसरो में वैज्ञानिक पद को प्राप्त किया है ।

कवि दुष्यंत कुमार की चर्चित पंक्तियों कौन कहता है कि “आसमान में छेद नहीं होता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों” को पूर्णतः चरितार्थ कर दिया है । मथुरा रिफायनरी के पास गोपालपुरा कॉलोनी में रहने वाले कृष्णगोपाल के पिता एक मजदूर हैं और बेल्डिंग का काम करते हैं । जैसे ही कृष्णगोपाल के इसरो में वैज्ञानिक बनने की खबर मिली परिवार में खुशियाँ ही खुशियाँ भर गयीं ।