अमित शाह!
‘राष्ट्रगीत’ की रचना बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय ने की थी। गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर ने ‘राष्ट्रगान’ की रचना की थी और वह भी केवल अपने देश के लिए, ‘दो देशों’ के लिए नहीं। उन्होंने बांगलाभाषा मे अपनी जन्मभूमि बंगाल के लिए यह गीत रचा था :― “आमार शोनार बांगला”, जिसे आगे चलकर, बांगलादेश ने अपने ‘राष्ट्रगान’ के रूप मे अपना लिया था।
गूगल से देखकर बोलेंगे अथवा अपरिपक्व लोग को विश्वसनीय मानकर उनके द्वारा लिखकर दिया हुआ सुना देंगे वा उसे देखकर पढ़ेंगे तो देश के जानकार आपकी हँसी और खिल्ली ही उड़ायेंगे। क्या इसी आधार पर आप लोग अपने ‘न्यू इण्डिया’ को ‘विश्वगुरु’ बनाने मे लगे हुए हैं?

शुद्ध शब्द ‘सम्मान’ है, ‘सन्मान’ नहीं। ‘कबी गुरू’ नहीं, ‘कवि गुरु’ कहें। ‘ऐसे व्यक्ति है’ की जगह ‘ऐसे व्यक्ति थे,’ कहें। ‘गीत लिखा’ नहीं जाता, ‘रचा’ जाता है। जिसने लिखकर दिया था, उसे मेरी यह टिप्पणी दिखायें, शर्म से पानी-पानी हो जायेगा।
‘न्यू इण्डिया के गृहमन्त्री! आपसे अत्युत्तम ज्ञान हमारे उत्तरप्रदेश के कक्षा १२ के विद्यार्थियों के पास है, जो बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद ‘स्नातक’ की शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रवेश पाते हैं, ‘इण्टर’ की नहीं।
(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १२ मई, २०२३ ईसवी।)