बरेली के आला हजरत दरगाह का फरमान, स्वतंत्रता दिवस पर मदरसों में राष्ट्रगान न गाएं मुसलमान

जमात रजा-ए-मुस्तफा के प्रवक्ता नासिर कुरैशी ने बताया कि बरेली के काजी आसजद आर खान ने बरेलवी मदरसा को स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए कहा है । साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की सरकार द्वारा सभी मदरसों में राष्ट्रगान गाने और वीडियोग्राफी कराये जाने के फरमान को मानने से इनकार कर दिया है । बरेली के काजी ने योगी सरकार के फरमान का बहिष्कार करते हुए कहा है कि मदरसों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जायेगा, लेकिन राष्ट्रगान नहीं गाया जाएगा । राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद राष्ट्रगान की जगह ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा…’ गाया जायेगा ।

जमात रजा-ए-मुस्तफा कृत्य माफी के काबिल नहीं है । ठीक है कि आप लोगों में कुछ मक्कार भारत के प्रति प्रेम नहीं रखते हैं । खाते और पीते तो यहाँ का हैं और गुलामी अपने नाजायज बाप की करते हैं । लेकिन बात जब देश के मान सम्मान की होती है तब जाति या धर्म दरकिनार हो जाता है । वैसे जिन किताबों से पढ़कर ये ऊटपटांग फतवे निकालते हैं, वहाँ जिस मुल्क में रहो वहाँ की इज्जत करने की नसीहत दी गयी है । राष्ट्रगान पर फतवा सीधा देश द्रोह है । लेकिन भारत में तुष्टीकरण और धर्म देखकर आरोप तय करने की राजनीति के कारण शायद ही कोई बड़ा निर्णय लिया जाए । देश के राष्ट्रगान का अपमान बर्दाश्त है लेकिन आरोपियों के ज्ञान स्रोत के विरुद्ध कुछ भी कहना और लिखना अपराध है और तो और इसके लिए देशप्रेमी और सच्चाई कहने वाला रासुका में भी निरुद्ध हो सकता है ।