डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (भाषाविद्-समीक्षक)-
गुजरात में अहमद पटेल के रूप में काँग्रेस का सम्मान संकट में, परन्तु राहुल गांधी की अब तक की चुप्पी क्या कह रही है? शंकर सिंह बाघेला से ‘पंगा’ लेने का प्रभाव और सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल का राजनीतिक वर्चस्व राहुल को यदि नहीं दिख रहा है तो यह गांधी-परिवारवाली काँग्रेस के अस्तित्व के लिए ‘चेतावनी की घण्टी’ है। इस सन्दर्भ में काँग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का काँग्रेस के प्रति व्यक्त किया गया आक्रोशपूर्ण विचार विचारणीय है। अनुभवसम्पन्न अपेक्षाकृत अधिक स्वच्छ छविवाले काँग्रेसी नेताओं की उपेक्षा ‘गांधी-परिवार’ के लिए बहुत महँगी सिद्ध होगी, इससे इंकार नहीं किया जा सकता