शासन की महात्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रगति खराब पाये जाने पर 05 खण्ड विकास अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
इस संबन्ध में जानकारी देते हुये जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 मे न्यून प्रगति के संबन्ध में निर्धारित समयावधि में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के साथ ही वित्तीय वर्ष 2016-17 के शतप्रतिशत आवासों की प्रथम किस्त एवं अधिकाधिक द्वितीय किस्त तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत आवासों के रजिस्ट्रेशन, जियो टैेगिंग, स्वीकृति एवं प्रथम किस्त जारी कराने के निर्देश रिचा सिंह खण्ड विकास अधिकारी बेहन्दर को दिये गये थे। साथ ही उन्हें यह भी आगाह किया गया था कि अन्यथा की स्थिति मंे प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के संचालन में अरूचि, लापरवाही एवं शासन के निर्देशों के अनुपालन न करने हेतु उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व उनका होगा।
निर्देशों के बाबजूद खण्ड विकास अधिकारी रिचा सिंह द्वारा न तो कोई स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रगति को बढ़ाने हेतु कोई सार्थक प्रयास किये गये। 19 सितम्बर तक की प्रगति रिपोर्ट में उनके विकास खण्ड की स्थिति खराब पाई गई जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में 941 के लक्ष्य के सापेक्ष 941 रजिस्ट्रेशन हुये, जियो टेैगिंग 941, स्वीकृत 942, एफ0टी0ओ0 प्रथम किस्त 885 तथा द्वितीय किस्त 42 को जारी की गई है। वर्ष 2017-18 में 338 के लक्ष्य के सापेक्ष 260 रजिस्ट्रेशन, 246 जियो टैेगिंग, 211 स्वीकृत, एफ0टी0ओ0 द्वारा जारी प्रथम किस्त 100 तथा द्वितीय किस्त शून्य रही। जिससे स्पष्ट है कि खण्ड विकास अधिकारी बेहन्दर द्वारा शासन, आयुक्त, ग्राम्य, विकास एवं अन्य उच्चाधिकारियों द्वारा प्रेषित पत्रों को न तो संज्ञान में लिया गया और न ही अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन ही किया गया जिसके परिणाम स्वरूप भारत सरकार एवं प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता की प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रगति अत्यंत ही खराब प्रदर्शित हो रही है तथा प्रदेश स्तर पर जनपद की स्थिति सबसे निचले पायदान पर वर्गीकृत होने के कारण जनपद की छवि पूरे प्रदेश मे धूमिल हुई जिसके कारण रिचा सिंह खण्ड विकास अधिकारी बेहन्दर पूर्ण उत्तरदायी है जिसके लिये उन्हंे प्रतिकूल प्रविष्टि प्रदत्त की गई है। इसके साथ-साथ विद्याशंकर कटियार खण्ड विकास अधिकारी भरखनी एवं साण्डी, डा0श्रीकृष्ण पाण्डेय खण्ड विकास अधिकारी टड़ियावां एवं बाबन, अजीत कुमार खण्ड विकास अधिकारी भरावन एवं सण्डीला, महेन्द्र कुमार सिंह खण्ड विकास अधिकारी कछौना एवं कोथावां को भी कार्यों में शिथिलता बरतने पर प्रतिकूल प्रविष्टि दी गयी है।
जिलाधिकारी ने संबन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि तीन दिन मे प्रगति मे सुधार न करने पर आरोप पत्र जारी किये जायेगें।