आरटीई के तहत 25 जून से 15 जुलाई तक निजी विद्यालयों में निश्शुल्क प्रवेश हेतु करें आवेदन

तीसरे चरण के अंतर्गत 25 जून से 15 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन होंगे

कछौना (हरदोई) : हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिले, इसके लिए शासनस्तर पर विभिन्न योजनाएं चलती हैं। निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत निजी विद्यालयों में 25 फ़ीसदी सीटों पर गरीब परिवारों के बच्चों हेतु प्रवेश का मौका दिया गया है। इस कानून के तहत उनकी फीस और काफी किताबों की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाती है।

तीसरे चरण के अंतर्गत 25 जून से 15 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन होंगे। 18 जुलाई तक जांच होगी। 20 जुलाई को लाटरी द्वारा उसमें आने वाले बच्चों को 30 जुलाई तक प्रवेश कराया जाएगा। प्रशासन की हीला हवाली के चलते कई बार सरकार द्वारा जारी धनराशि वापस हो जाती है। कई बार शैक्षिक सत्र समाप्त होने के बाद भी नौनिहालों को मिलने वाली सुविधाएं फ़ीस, काफी, किताबें नहीं मिल पाते हैं, जिसका खामियाजा नौनिहालों को उठाना पड़ता है।

समय से शुल्क न मिलने के कारण निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्य इस योजना के तहत चयनित नौनिहालों को प्रवेश लेने में रुचि नहीं लेते हैं। इस कानून में एक न एक खामी की वजह से अभिभावकों को एक अच्छे विद्यालयों में प्रवेश कराने में असुविधा होती है। एक किलोमीटर के अंदर स्कूल में प्रवेश कराना है। आवश्यक अभिलेख आय प्रमाण पत्र, बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, अभिभावक का पहचान पत्र की छाया प्रति संलग्न कर आवेदन ऑनलाइन करा ले।

ऑनलाइन आवेदन rte25upsdc.gov.in वेबसाइट पर करा सकते हैं। यदि एक अप्रैल को बच्चे की उम्र 6 वर्ष से अधिक और 7 वर्ष से कम है तो उसे पहली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा। गरीब बच्चे को निजी विद्यालयों में बेहतर शिक्षा पाने का मौका मिलेगा और शिक्षा का सामान अवसर पाकर वे आगे बढ़ेंगे। परंतु विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह महत्त्वपूर्ण योजना ख़याली पुलाव से ज्यादा कुछ नहीं है। आखिर नौनिहालों के भविष्य के प्रश्न पर पक्षपात क्यों? इस तरह भारत में शिक्षा अमीर व गरीब के बीच की दूरी को बढ़ा रही है।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता