देश प्रमुख विश्वविद्यालयों के छात्रसंघ-चुनावों में ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्’ का वर्चस्व समाप्त !

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
(प्रख्यात भाषाविद्-समीक्षक)

डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-


विद्यार्थी परिषद् की एक बड़ी आस जे०एन०यू० से पूरी तरह से सफ़ाया हो जाने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय में अपने वर्चस्व को बनाये रखने की थी, वह भी समाप्त हो गयी है। सचिव और संयुक्त सचिव पद को छोड़कर महत्वपूर्ण पद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पर ‘एन०एस०यू०आई०’ के प्रत्याशी जीत चुके हैं। जहाँ एनएसयूआई को दो पद– अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मिले तथा वहीं सचिव और संयुक्त सचिव-पद पर विद्यार्थी परिषद् का प्रत्याशी जीता है।
उल्लेखनीय है कि पिछले चार वर्षों से ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्’ के प्रत्याशी ही जीतते आ रहे थे। आपको हम यह भी बता दें कि छात्रसंघ में ‘अध्यक्ष’-पद की जीत ही सबसे बड़ी जीत मानी जाती है। एक बात और है, जो अति महत्त्व का है, और वह यह कि केन्द्र में जिस दल का मन्त्रिमण्डल होता था, दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ-चुनावों में उसी दल-द्वारा समर्थित अध्यक्ष-पद के प्रत्याशी की विजय होती रही है। ऐसे में, ‘भारतीय जनता पार्टी’ के नेताओं को ज़ोर का झटका धीरे से’ लग चुका है और काँग्रेस की अँगड़ाई टूट रही है। ज्ञातव्य है कि एन०एस०यू०आई० काँग्रेस की और अ०भा०वि०प० भारतीय जनता पार्टी की छात्र-इकाई हैं। अध्यक्ष-पद पर विजय अर्जित करनेवाले रॉकी तुसाद का आरम्भ में तकनीकी कारणों से नामांकन पत्र निरस्त कर दिया गया था, परन्तु न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने के बाद उनके नामांकन पत्र को न्यायालय की ओर से वैध ठहराया गया था।