कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की चिकित्सा व्यवस्था हेतु वार्ड स्थापित, अभी तक किसी संक्रमित की जानकारी नहीं

बदायूँ: नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित मरीजों की चिकित्सा हेतु जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने सभी तैयारियाँ पूर्ण कर ली है। जिला चिकित्सालय एवं राजकीय मेडिकल काॅलेज में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की चिकित्सा व्यवस्था हेतु वार्ड भी स्थापित कर दिए गए हैं। जिला चिकित्सालय ने 108 नम्बर की एक एम्बुलेंस को भी चिन्हित किया है, जो आवश्यकता पड़ने पर सिर्फ कोरोना के मरीजों को लाने-ले जाने का काम करेगी। जिला चिकित्सालय में पर्याप्त दवाएं एवं स्ट्रेचर तथा ब्लड सैम्पलिंग की पर्याप्त व्यवस्था उपलब्ध हैं। हालांकि जिले में अभी तक कोई भी कोरोना का प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है। शासन के निर्देश पर भविष्य की परिस्थिति में किसी मरीज को कोई असुविधा न हो इस लिए यह एहतियाती कदम उठाया गया है।

शुक्रवार को जिलाधिकारी कुमार प्रशान्त ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 यशपाल सिंह, नगर मजिस्ट्रेट सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों के साथ मीडिया से बात करते हुए तैयारियों के सम्बंध में जानकारी दी। उप मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 अनवर सादात को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। डीएम ने अवाम से अपील की कि जनपद में कोरोना से सम्बंधित कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है, इसलिए अवाम को घबराने की आवश्यकता नहीं है। कोरोना वायरस से सुरक्षा हेतु बचाव एवं क्या करें अथवा क्या न करें की जानकारी ही मुख्य उपाय है। मास्क एवं सैनेटाइज़र के मूल्य पर विशेष नज़र रखी जाएगी, जिससे कोई अधिक दामों पर न बेंच सके।

कोरोना वायरस की पहचान—

कोरोना वायरस (कोवाइड-19) में पहले बुखार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है। कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी, किडनी फेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है। उम्रदराज लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में खतरा गंभीर हो सकता है। कुछ और वायरस में भी इसी तरह के लक्षण पाए जाते हैं जैसे जुकाम और फ्लू में।

सुरक्षा हेतु क्या उपाय करें–

स्वयं की स्वच्छता पर ध्यान दें, साबुन लगातार हाथ धोते रहें, छींकते और खांसते समय अपना मुँह टिशु एवं रुमाल से ढक लें। उपयोग के तुरन्त बाद टिशु को किसी बंद डब्बे में फेंक दें। अपने हाथ गंदें दिखने पर हाथों को एल्कोहल आधारित हैण्डबाश से साफ करें। खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरन्त नज़दीकी सरकारी चिकित्सालय में निःशुल्क उपचार हेतु सम्पर्क करें। बीमार व्यक्ति की देखरेख घर का कोई स्वस्थ व्यक्ति करे एवं व्यक्तिगत सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखें। इस वायरस से बचाव हेतु मास्क अवश्य पहनें। मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए। अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए। मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे। मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़ कर निकालना चाहिए, मास्क नहीं छूना चाहिए।

क्या न करें—

खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण होने पर किसी के सम्पर्क में न आएं, हाथ मिलाने से बचें। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें। सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें। जीवित से पशुओं से सम्पर्क या कच्चे/अधपके मांस के सेवन से बचें। जिस व्यक्ति में खांसी, बुखार या जुकाम के लक्षण हों तो उससे एक मीटर की दूरी बनाए रखें तथा अनावश्यक यात्रा न करें।

कंट्रोल रूम स्थापित—

कोरोना वायरस से सम्बंधित जानकारी एवं सतर्कता हेतु तत्काल प्रभाव से मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, जिसका नम्बर 05832-266441 है। इस नम्बर पर काॅल कर कोरोना वायरस के सम्बंध में जानकारी ली जा सकती है अथवा कोई भी सूचना उपलब्ध कराई जा सकती है।