वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों ने लगाये भेदभाव के आरोप

हरदोई– केंद्रीय निगरानी समिति सोशल जस्टिस मंत्रालय के सदस्य रविंद्र प्रधान ने नगर पालिका में चेयरमैन वीरेंद्र लोधी व ईओ वंदना शर्मा के साथ बैठक कर कर्मचारियों की स्थिति का जायजा लिया। सफाईकर्मियों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों ने कहा कि उनसे सफाईकार्य जबकि दूसरी जाति के सफाईकर्मियों से दूसरे काम लिए जा रहे हैं।

कहा कि पिछड़ी जाति के सफाईकर्मियों से सफाई का कार्य नहीं कराकर अन्य काम लिये जा रहे है। इस शिकायत को समिति के सदस्य ने गंभीरता से लिया और कहा कि पालिका के जिम्मेदारों को सभी से समान व्यवहार करना चाहिए। भेदभाव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार निकायों के माध्यम से सफाईकर्मियों को शासनादेश के अनुसार सभी दे रही है, मगर कुछ जगहों पर उसका सही उपयोग नहीं किया जा रहा है।

इस दौरान एक बात और सामने आई कि एक दर्जन से अधिक युवकों से महज तीन-तीन हजार रुपये में में काम लिया जा रहा है। इस पर सफाई निरीक्षक ऋषिपाल सिंह यादव ने सफाई दी कि कुछ कर्मचारी शारीरिक रूप से बीमार हैं इसलिए उनकी जगह अन्य युवकों से काम लिया जा रहा है ताकि कस्बे की सफाई व्यवस्था दुरुस्त बनी रहे। सफाई आयोग सदस्य ने इस पर घोर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह की व्यवस्था से तो वाल्मीकि समाज के युवाओं का शोषण हो रहा है। जब लोग नौकरी करने में अक्षम है तो उनके परिवार के लोगों को लगाया जाए, न कि उनकी जगह पर तीन-तीन हजार रुपये देकर बाहरी युवकों को रखा जाए। सफाई मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह को उन्होंने अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया। बैठक में नवीन भाटी, ललित शर्मा, नवीन जैन, राजकुमार वर्मा, रमेश चंद वाल्मीकि, राजेश कुमार, मनोज कुंडेलवाल, दिनेश चौहान, भोला उस्ताद, संजय बैरागी मौजूद रहे।