भारत की नई गोल्डन गर्ल हिमा दास

राम वशिष्ठ (स्वतंत्र पत्रकार, लेखक व फिल्म निर्देशक)-

आज के लिए जब विषय चुन रहा था तो बहुत से विषय सामने थे । लेकिन मैंने भारत की नई गोल्डन गर्ल हिमा दास को चुना । आज हिमा दास किसी परिचय की मोहताज नहीं है । यह 19 साल की महिला धाविका 21 दिन में 6 गोल्ड मेडल जीत चुकी है ।

आइएएएफ वर्ल्ड अंडर – 20 एथलेटिक्स चैम्पियनशिप की 400 मीटर दौड़ की स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं । साल 2018 के जकार्ता एशियन गेम्स में 400 मीटर में रजत पदक विजेता थी । यह हिमा दास की व्यक्तिगत उपलब्धियां हैं जिस पर देश को नाज है और इसी हिमा दास ने अपनी विजेता धनराशि को अपने प्रदेश आसाम के बाढ़ पीड़ित राहत कोष में देने का एलान करके देश वालों का दिल जीत लिया । यह भारत की बेटी है जो गरीबी से लड़ती है । अपने चावल के खेतों में काम करते – करते उसने ऐसी दौड़ लगायी कि सबको पीछे छोड़ दिया । कुछ मीम्स भी बने और अच्छे बने , लोगों ने छठवाँ गोल्ड मेडल जीतने पर लिखा कि बस कर पगली वो लोग आज बहुत रोएंगे जिन्होंने कोख में बेटियाँ मारी थी । जब ऐसा पॉजिटिव मीम बने तो समझ लो कि व्यक्तित्व प्रेरणादायक बन चुका है ।

कुछ लोगों ने हिमा दास के लिए भारत रत्न की मांग भी कर डाली , लेकिन भारत रत्न अभी जल्दबाजी होगा । अभी मात्र 19 साल की है , बहुत मंजिले हैं सामने , अनेक कीर्तिमान बनाने हैं , देश के लोगों को प्रेरणा देनी है कि बेटियाँ बोझ नहीं अभिमान हैं । लेकिन कुछ दर्द भी है , क्योंकि मेडल के अंबार तो पीटी उषा ने भी लगा दिये थे लेकिन ऑलम्पिक मेडल से वंचित रह गयी थी । हमने बहुत लंबे समय से चकाचौंध को प्राथमिकता दे रखी है । हम फिल्म और क्रिकेट के नायक/नायिकाओं (नायिका केवल फिल्म वाली ) के सामने अन्य खेल के नायकों को कमतर रखते हैं । यह दर्द एक और धाविका दुतीचंद ने अभी हाल में बयान भी किया था । हमने प्रियंका चोपड़ा को नेशनल फिल्म अवार्ड , फिल्म फेयर पुरस्कार और पद्मश्री सब दिया लेकिन उसने क्या किया ? भारत विरोधी अभियान चलाया , हमारे धर्म और आस्था पर छींटाकशी की । हमें यह भी समझना होगा कि हमारे नायक /नायिका आखिर क्यों गुमनाम हो जाते हैं या फिर बदलकर देश विरोधी अभियान में शामिल हो जाते हैं ?

अभी तो सैल्यूट हिमा दास ।