आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
आज (२ जुलाई) मोदी-सरकार ने महाराष्ट्र मे ‘एन० सी० पी०’ के भ्रष्ट विधायकों के विरुद्ध ई० डी०, आइ० टी० डी० तथा सी० बी० आइ०-जाँच कराने का भय दिखाकर ‘एन० सी० पी०’ को अपने पक्ष मे कर लिया है। इस घटनाक्रम मे शरद पवार के अति विश्वसनीय छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल तथा शरद पवार के भतीजे अजीत पवार की प्रमुख भूमिका रही है। यह वही अजीत पवार है, जिस पर मोदी-सरकार ‘सिंचाई-घोटाला’ के आरोप मे जाँच कराने की धमकी देती आ रही थी।
‘मोदी ऐण्ड कम्पनी’ को मालूम था कि जब तक महाराष्ट्र की ‘महाविकास अघाड़ी पार्टी’ मे दरार नहीं पैदा की जायेगी तब तक आगामी चुनाव मे उसके लिए वहाँ बड़ी संख्या मे सीटें जीत पाना “टेढ़ी खीर” है।
दूसरी ओर, एन० सी० पी०-प्रमुख शरद पवार का कहना है कि न घर टूटा है और न ही पार्टी टूटी है। हमारे कई विधायकों पर ई० डी० की जाँच हो रही थी, जिसके भय से वे लोग परन्तु यहाँ यह भी महत्त्वपूर्ण है कि उनके भतीजे अजीत पवार ने ‘महाराष्ट्र-महाविकास अघाड़ी पार्टी’ मे सेंध लगाकर एन० सी० पी० धड़े को अपने साथ उड़ा लिया और चाचा शरद पवार को ‘हवा’ तक नहीं लगी। यहाँ उसी घटना की पुनरावृत्ति हुई है, जिसके अन्तर्गत शरद पवार ने अपने गुरु के साथ विश्वासघात कर, अपने नये तवे पर अलग रोटी सेंकी थी।
अब शरद पवार के विद्रोही भतीजे अजीत पवार को महाराष्ट्र-मन्त्रिमण्डल का उपमुख्यमन्त्री बना दिया गया है और उसके ८ विधायक मन्त्री बनाये गये हैं। मन्त्रिमण्डल मे शामिल किये गये वे वही उपमुख्यमन्त्री और मन्त्री हैं, जिनके विरुद्ध मोदी-सरकार की ओर से भ्रष्टाचार की जाँच करायी जा रही है।
शरद पवार ने इस घटना के लिए सीधे तौरपर नरेन्द्र मोदी को ज़िम्मादार बताया है। उनका ऐसा आरोप बिलकुल सही है; क्योंकि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमन्त्री बनने का स्वप्न पूरा करने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। छ: माह-बाद महाराष्ट्र मे विधानसभा का चुनाव भी होनेवाला है। हमे नहीं भूलना चाहिए कि नरेन्द्र मोदी ने पहले उद्धव ठाकरे की पार्टी को तोड़ा था और अब शरद पवार की पार्टी को तोड़ा है। कहीं ऐसा तो नहीं, इस खेल मे शरद पवार की भी कोई भूमिका रही हो; क्योंकि शरद पवार के शातिर दिमाग़ को समझ पाना सहज नहीं है।
◆ इस विषय पर एक-दो दिनो के भीतर विस्तृत लेख लिखूँगा।
(सर्वाधिकार सुरक्षित― आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २ जुलाई, २०२३ ईसवी।)