मदरसे अपने को भारतीय मानते हैं ?

राजेन्द्र जी (वि. सं. कें. लखनऊ) प्रान्त संयोजक सामाजिक समरसता विभाग अवध प्रांत-


मदरसों में राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत गाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह दोनो ही भारत राष्ट्र के हैं न कि पाकिस्तान अथवा अरब राष्ट्र के और मदरसे अपने को भारतीय मानते नहीं। तमाम सेकुलर पार्टियां और मुस्लिम राजनेता मुसलमानों को राष्ट्र भक्त बताने में कोई कोर-कसर नहीं रखते इसलिए अब समय आ गया है कि वे यह भी बताएं कि उन्हें भारतीय संविधान में विश्वास है अथवा नहीं और यदि भारतीय संविधान में विश्वास है तो उसके हर नियम/कानून को मानना पड़ेगा अन्यथा उन्हे तथा सरकार दोनों को विचार करना पड़ेगा कि वे लोग भारत में रहने लायक हैं अथवा नहीं।साथ ही सरकार को यह भी विचार करना होगा कि ऐसे मदरसे जो संविधान में विश्वास नहीं करते वे सरकार से अनुदान या किसी प्रकार की सहायता प्राप्त करने के अधिकारी हैं अथवा नहीं। उचित तो यह होगा कि जो व्यक्ति अथवा संस्था भारत के संविधान में विश्वास नहीं करता उसकी नागरिकता एवं मान्यता समाप्त कर दिया जाना चाहिए।