— आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
इस समय चीन भारतीय सीमा में घुसा हुआ है और वहाँ से हटने का नाम नहीं ले रहा है। उसने ‘फींगर ४,५,६’ के पास अपने सैनिकों के लिए हस्पताल बना लिया है।
वह समस्त साजो सामान के साथ तैयार है। युद्ध का बादल दोनों देशों पर मँडरा रहा है। अमेरिकी सैटेलाइट से ज्ञात हुआ है कि चीन ने अभी हाल ही में २६ शिविर , २२ सपोर्ट बेस तथा २ हेलीपोर्ट बना लिये हैं। चीन ने सीमा पर ४० हज़ार सैनिकों को तैनात किये हैं।
देश के समाचारपत्रों में १५ जुलाई, २०२० ईसवी को प्रकाशित किया गया था कि चीन गलवान/गलवन से हट गया है, जो अब लद्दाख में भयावह स्थिति को देखते हुए, समाचारपत्रों के झूठ की पोल खोल रहा है।
अब देश की सरकार को अपनी रक्षा-प्रतिरक्षा-व्यवस्था को गम्भीरतापूर्वक सुदृढ़ करते हुए, अपनी सैन्य रणनीति के साथ जुड़ जाना चाहिए।
खेद है, देश के प्रधानमन्त्री और प्रमुख नेता इस समय आपसी ‘मुँहफुटव्वल’ में लगे हुए हैं। इस समय, जबकि भारत के प्रधानमन्त्री अयोध्या में जाकर ‘राममन्दिर’ की आधारशिला रखने के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें उसे स्थगित कर, भारतीय सैनिकों का मनोबल बढ़ाना चाहिए; चीन की एक-एक गतिविधि पर पैनी दृष्टि रखनी चाहिए।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २५ जुलाई, २०२० ईसवी)