धारा 370 कश्मीर ही नहीं देश की समस्या है

राज चौहान (हरदोई)-


हरदोई- शहर के रसखान प्रेक्षागृह में प्रतिबद्ध संस्था द्वारा आयोजित “कश्मीर एवं धारा 370” विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रभात रंजन ने कहा कि 70 साल से हम लोग केवल भाषण दे रहे हैं, पर भाषण से विकल्प नहीं निकलेगा। अब बातचीत करने की जरुरत है। संवाद की जरुरत है। मंच और भाषण की दूरी को हटाना होगा तभी हम कश्मीर को आजादी दिला सकते हैं। श्री रंजन चौथी दुनिया समाचार पत्रिका के सम्पादक हैं। उन्होंने देश के संविधान की व्याख्या करते हुए कहा कि जिस समय संविधान सभा की मांग हो रही थी। उसी समय क्रांतिकारियों की शहादतें हो रहीं थी। आजादी का श्रेय केवल एक व्यक्ति या पार्टी को नहीं मिलनी चाहिए। इसके लिए भारतवर्ष के सभी नागरिक बराबर के हक़दार हैं।


नेहरू और जिन्ना ने केक की तरह किये थे भारत के दो टुकड़े: प्रभात रंजन


भारत वर्ष का जो संविधान कहा गया कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ ये सरासर ऐतिहासिक झूठ है। देश में 16 मई 1946 को भारत का संविधान लागू हो गया था। उसके बाद औपचारिक रूप से चुनाव हुआ। उसमे कांग्रेस को अधिक सीटें मिली और मुस्लिम लीग को बेहद कम सीटें मिली। जिससे मुस्लिम अलग हो गए और उन्होंने अलग से नए संविधान की मांग की। किन्तु अंग्रेजों की चाल थी और उन्होंने मुस्लिमों को जमकर भड़काया। नेहरू जिन्ना और लार्ड माउन्ट वेटन ने गोपनीय बैठक की। जिसके बाद अचानक नेहरू और जिन्ना ने हस्ताक्षर कर भारत को दो टुकड़ों में बाँट दिया। जबकि इसकी जानकारी भारत की जनता को 15 अगस्त 1947 को हुई। इस 68 वर्ष के संविधान में नेताओं ने मनमानी की। अपने हित के लिए सैकड़ों बार संशोधन किया किन्तु जनता के हित लिए कभी कोई संशोधन नहीं किया गया। यही नहीं सहित्यिक चोरी कर देश के सभी संविधानों की चोरी कर भारत का संविधान बना दिया गया। जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू होना दर्शाया गया। इसी क्रम में अभिषेक द्विवेदी ने कहा कि कश्मीर में धारा 370 पूरे देश की समस्या है।