गोरखपुर का बालवध काण्ड सरकारी और प्रशासनिक पंगुता की नजीर है…

राघवेन्द्र कुमार “राघव”-


बी. आर. डी. मेडिकल कालेज गोरखपुर के बालवध काण्ड पर कॉंग्रेस पार्टी की उग्रता पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यह सियासत का नही बल्कि संवेदना का मामला है। बी आर डी मेडिकल कालेज गोरखपुर की हृदय विदारक घटना हम सब को असीम पीड़ा दे गई है । साथ ही मेडिकल कालेज में हुई बच्चों की मौतों पर कांग्रेस पर सियासत करने का आरोप भी लगा दिया । आज यहां हुए एक संवाददाता संम्मेलन में श्री योगी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद जब केन्द्र में स्वास्थ्य मंत्री रहते हुये गोरखपुर के दौरे पर आये थे तो उन्होंने गोरखपुर और इसके आसपास के क्षेत्रों में इंसेफ्लाइटिस, जापानी मस्तिष्क ज्वर, एक्यूट इंसेफलाइटिस तथा अन्य बीमारियों के बारे में मामला सदन में उठाया था । उन्होंने उस समय उसे राज्य का मामला बताकर मामले से सरकार को अलग कर लिया था । आज किस मुँह से वही लोग बच्चों की मौत पर सियासत कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि मेडिकल कालेज में हुई बच्चाें की मौतों के लिये दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा, लेकिन इसमें नया क्या कहा ?

बी आर डी मेडिकल कालेज गोरखपुर के मामले में मौजूदा सरकार का रवैया भी पूर्व की सरकीरों की तरह ही है । योगी जी को यह दिखाने की जरूरत है कि भाजपा और दलों से अलग कैसे है ? दरअसल गोरखपुर का बालवध काण्ड सरकारी और प्रशासनिक पंगुता की नजीर है । माना कि इस काण्ड में सरकार की कोई गलती नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 2 दिन पूर्व बी आर डी मेडिकल कालेज गोरखपुर क्या करने गए थे ? क्या अस्पताल में इंसेफ्लाइटिस के उपचार की तैयारी को लेकर उन्हें कोई कमी नजर नहीं आयी ? ऑक्सीजन की आपूर्ति में 10 प्रतिशत की दलाली उन्हें क्यों नहीं दिखी और जब पता चल गया है तो पूरे प्रदेश के अस्पतालों के लिए सरकार ने क्या किया है ? सरकार पर सवाल तो उठेंगे ही, इसमें कोई नयी बात नहीं है । नयी बात इतनी सी है कि यह सरकार भी पुराने ढर्रे पर ही चल रही है ।