‘बागेश्वरधाम’ के नाम पर रेलमन्त्रालय को प्रतिदिन लगाये जा रहे लाखों रुपये के चूने!..?

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

धर्म के नाम पर सरकार चलानेवाले और रेल-मन्त्रालय का संचालन करनेवाले प्रतिदिन आँखें मूँदे पुण्य कमाते आ रहे हैं और उसी धर्म के नाम पर बागेश्वरधाम जानेवाले धर्मात्मा उन्हें प्रतिदिन लाखों रुपये के चूने लगाते आ रहे हैं और रेलमंत्रालय उस लगाये गये चूने को ताम्बूल-पत्ते पर कत्थासहित रगड़कर, उसे मोड़कर मुख के एक कोने मे दाबकर मुख-सुख का अनुभव करते हुए, ‘जयश्रीराम’ का संकीर्त्तन कर रहा है।

मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के पास का एक छोटा रेल स्टेशन है, ‘दुरियागंज’। वहाँ से कुछ ही दूरी पर बाबा बागेश्वरधाम स्थित है। जानने-योग्य है कि उस स्टेशन के प्लेटफ़ार्म पर केवल ‘पैसेंजर गाड़ियाँ’ रुकती हैं; परन्तु उस स्टेशन से होकर प्रतिदिन बड़ी संख्या मे एक्सप्रेस, सुपर एक्सप्रेस तथा सुपर फास्ट एक्सप्रेस रेलगाड़ियाँ चलती रहती हैं, जिनमे हज़ारों की संख्या मे ऐसे धर्मालु होते हैं, जो ‘भगवा वस्त्र’ के प्रताप पर बिना टिकट-यात्रा करते हैं और जिस ‘दुरियागंज रेलस्टेशन पर उन गाड़ियों का ठहराव भी नहीं होता, उन्हें उस रेल स्टेशन से लगभग ५०० मीटर पहले ‘चेन-पुलिंग’ करके रोक लेते हैं और उनमे सवार धर्मात्मा, श्रद्धालु, सनातनी हिन्दू, बाबा बागेश्वरधाम के परम भक्त श्रद्धापूर्वक उतरकर एक विजेता की तरह से ६५ इंच की छाती फुलाये हुए, ‘बागेश्वरधाम’ के लिए प्रस्थान कर जाते हैं।

यह कृत्य बहुत समय से चला आ रहा है। उन भक्तों के इस सुकृत्य के कारण प्रतिदिन अवैध तरीक़े से रेलगाड़ियाँ सुनसान जगहों पर घण्टों खड़ी रहती हैं और उनमे बैठे अन्यत्र जानेवाले यात्री ‘सनातन हिन्दूधर्म की खुजली’ मिटाते रहते हैं।

हमारे देश की सरकार और उसके रेलमन्त्रालय को हिन्दूधर्म की भक्ति-भावना से कभी कुछ क्षण के लिए अवकाश मिले तो विचार करे― मोदी-सरकार और उसका रेलमन्त्रालय प्रतिदिन कितने लाख रुपयों के चूने लगवाते आ रहे हैं और कब तक लगवाते रहेंगे? क्या रेल और उसके क़ायदे-क़ानून मोदी-सरकार और उसके रेलमन्त्री की मुट्ठी मे हैं?

(आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ६ फ़रवरी, २०२३ ईसवी।)