झारखंड उच्च न्यायालय ने आज राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को करोड़ो रूपये के चारा घोटाले के दुमका खज़ाने के मामले में जमानत दे दी। इससे कारावास से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया। न्यायालय ने श्री यादव को ज़मानत अवधि के दौरान बिना अनुमति के देश नहीं छोड़ने, अपना पता और मोबाइल फोन नम्बर नहीं बदलने के निर्देश दिये हैं। श्री यादवके वकील ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका दायर करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष ने अपने कारावास का आधा समय पूरा कर लिया है इसलिए उन्हें जमानत दे देनी चाहिए। जमानत याचिका में उनके स्वास्थ्य की खराब स्थिति का भी जिक्र किया है।
श्री यादव को चारा घोटाला के चार मामलों में दोषी ठहराया गया है। उन्हें पहले मामलें में 2013 में सजा हुई थी। दो और मामलों में उन्हें 2017 और 2018 में सजा दी गई। लालू यादव दिसम्बर 2017 से कारावास में हैं। उन्हें 2018 में भारतीय दंड संहिता के तहत सात वर्ष कारावास की सजा दी गई। इसके अलावा चारा घोटाले के मामले में भ्रष्टाचार विरोधक अधिनियम के तहत भी उन्हें सात वर्ष की सजा मिली है।
श्री यादव को चारा घोटाले के तीन अन्य मामलों में जमानत मिल चुकी है और वह दुमका खजाने से अवैध रूप से तीन करोड़ 13 लाख रूपये निकालने से संबंधित मामले में निर्णय का इंतजार कर रहे थे। फिलहाल यह दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज करा रहे हैं।