‘सर्जनपीठ’ का बौद्धिक परिसंवाद ८ जून को

अभी हाल ही में देश के राज्यों ने हाईस्कूल इण्टरमीडिएट और केन्द्र ने बारहवीं की सी०बी०एस०ई० आदिक की परीक्षाएँ कोरोना का भय दिखाते हुए निरस्त कर जिस विवादास्पद निर्णय की घोषणा की थी, जबकि ‘नीट’ और ‘जेईई’ मुख्य परीक्षाओं को कराने के लिए हरी झण्डी दिखा दी है; प्रतियोगी परीक्षाएँ करायी जा रही हैं, उससे सरकारों का दोहरा चरित्र सामने आ चुका है। पिछले दिनों कोरोना से निर्भय रहते हुए चुनावी सभाओं में कोविड आचार-संहिता को ठेंगा दिखाते हुए लाखों की भीड़ जुटायी गयी; उत्तरप्रदेश के ज़िला पंचायत-चुनावों में लाखों की भीड़ करायी गयी तब कोरोना का भय नहीं था?

इन्हीं सन्दर्भों में ‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान में ‘कोरोना-भय की आड़ में परीक्षा-सन्दर्भ में केन्द्र और राज्य-सरकारों की दोहरी नीतियाँ’ विषय पर एक राष्ट्रीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन ८ जून को प्रयागराज से अपराह्न १.३० पर किया जायेगा।