एक लोकसभा और चार विधानसभा-उपचुनावों मे ‘भारतीय जनता पार्टी’ की करारी हार

★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

१० मार्च को पाँच राज्यों के विधानसभाई क्षेत्रों से जो चुनाव-परिणाम दिखाये गये थे, उनमे एक ही दल भारतीय जनता पार्टी का दबदबा दिख रहा था। ऐसा लग रहा था कि देश मे वही ऐसा दल है, जो जनता का ‘तारणहार’ हो; मगर यह सच नहीं है। उक्त चुनाव मे जिस तरह से सारी सरकारी मशीनरी का भरपूर दुरुपयोग किया गया था, उसी का परिणाम और प्रभाव भारतीय जनता पार्टी को तथाकथित ‘प्रचण्ड बहुमत’ के रूप मे दिखा था। अधिकतर मतदाता हारे हुए ‘जुआरी’ की तरह से दिख रहे थे।

अब मतदाताओं ने स्वयं को सँभाल लिया है, जिसका प्रभाव १२ अप्रैल, २०२२ ई० को एक लोकसभा-उपचुनाव और चार राज्यों मे कराये गये चार विधानसभा-उपचुनावों के मतदान के समय दिखा था। आज (१६ अप्रैल) उन सभी उपचुनावों की मतगणना पूर्वाह्न ८ बजे आरम्भ की गयी थी। मतगणना के आरम्भ के समय से ही भारतीय जनता पार्टी बहुत पीछे छूट चुकी है।

बंगाल के आसनसोल संसदीय क्षेत्र मे ‘तृणमूल काँग्रेस’ के प्रत्याशी फ़िल्म-अभिनेता शत्रुघ्न सिनहा १ लाख से अधिक मतों से विजयी हुए हैं। बंगाल के विधानसभा-क्षेत्र बालीगंज से भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर तृणमूल काँग्रेस मे शामिल होनेवाले बाबुल सुप्रियो ने जीत अर्जित की है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर-विधानसभाई क्षेत्र के काँग्रेसी की प्रत्याशी जयश्री जाधव ने जीत प्राप्त की है। काँग्रेस की प्रत्याशी यशोदा वर्मा खैरागढ़ (छत्तीसगढ़) से विजयी हुई हैं। बोचहाँ (बिहार) की सीट राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी अमरकुमार पासवान ने जीत ली है।

इस प्रकार उपर्युक्त उपचुनावों मे तृणमूल ‘काँग्रेस’, ‘काँग्रेस’ तथा ‘राष्ट्रीय जनता दल’ ने ‘भारतीय जनता पार्टी’ को क़रारी शिकस्त देते हुए, उपचुनावों मे अपना दबदबा बना लिया है।

(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; १६ अप्रैल, २०२२ ईसवी।)