कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए गरीबों को कंबल रूपी संबल

आदित्य त्रिपाठी ‘यादवेन्द्र’-

कुछ करने का जज़्बा हो तो उम्र मायने नहीं रखती । कुछ ऐसी ही इबारत बालामऊ के उत्साही युवा लिख रहे हैं । कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए गरीबों को कंबल रूपी संबल देते हुए इन युवाओं ने समाज को एक और नई दिशा दिखाई है ।

बालामऊ गांव के कुछ युवाओं ने मिलकर आपसी सहयोग से गरीबों के लिए कंबल खरीदे और नए साल में उनके बीच जाकर वितरित किए । यह युवा गांव ही नहीं अपितु क्षेत्र के अन्य गांवों में रहने वाले गरीबों को भी सर्दी में अपनत्व की गर्मी का एहसास कराने में सफल रहे हैं । हसनापुर, बाण सहित गांव के दर्जनों लोगों के बीच इन लोगों ने कंबलों का वितरण किया । कंबल पाकर राहत की सांस ले रहे गरीबों ने युवाओं को अनेक आशीर्वाद दिए ।

युवाओं में आशीष कुमार, शशिकान्त पटेल ‘माइकल’, सुधांशु दिवाकर, अमन तिवारी, अनुज दिवाकर, अभय चतुर्वेदी, दीपक पटेल, धर्मेन्द्र सक्सेना आदि ने प्रमुख रूप से योगदान दिया ।