आम जीवन में जी एस टी का असर दिखाई देने लगा है । खुदरा बाजार में गिरावट के चलते मंहगाई पर ब्रेक लगता दिख रहा है । जून के बनिस्बत जुलाई के दूसरे सप्ताह में ही आंकड़े अलग कहानी कहते दिख रहे हैं । आने वाले दिन और भी राहत भरे हो सकते हैं । जानकारों के अनुसार खुदरा मंहगाई जैसे-जैसे घट रही है, उसी उनुपात में बाजार पर औद्योगिक उत्पादन के चलते एक दबाव बन रहा है । यब दबाव उत्पादन की गति मन्द कर रहा है । यही कारण रिजर्व बैंक पर को ब्याज दरें कम करने के लिए सोचने पर विवश कर रहा है । खुदरा मंहगाई के आंकड़ों के अनुसार अभी हाल में आए आंकड़ों के हिसाब से 1999 के बाद केअब खुदरा मंहगाई सबसे निचले स्तर पर 1.54 प्रतिशत रह गई है ।