आधार कार्ड बनाने व संशोधन में छात्र-छात्राओं सहित अन्य लोग से हो रही वसूली

कछौना (हरदोई) : स्कूल और कॉलेजों में भरे जाने वाले छात्रवृत्ति फार्म या आनलाइन एडमीशन में जब से आधार प्रमाणीकरण का आप्शन आया है। तब से छात्र छात्राओं के लिए आधार कार्ड मुसीबत बन गया है। छात्रों की मार्कशीट और आधार में नाम या आयु में अंतर होने के चलते छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति के फार्म भरना मुश्किल हो रहा है।

सरकार द्वारा कछौना कस्बे के उप डाकघर, बैंक आफ इंडिया, खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर आधार बनाने व केंद्र संचालित करने की इजाजत हैं। इन केंद्रों पर नामांकन कराने वालों से ऑपरेटरों द्वारा 100 रुपये से लेकर 200 रुपये की अवैध वसूली की जा रही हैं। जिसमें आधार कार्ड बनाने व अपडेट करने का काम कछुआ चाल की तरह किया जा रहा है। उप डाकघर कछौना का काफी बुरा हाल है। यहां पर कई बिचौलियों व दलालों के बिना आधार कार्ड नया बनाने व संशोधन करने का कार्य नहीं किया जाता हैं। उप डाकघर में आधार कार्ड के नाम पर नामांकन कराने वालों से खाता खुलवाने के नाम पर 200 रुपये लिए जाते हैं। जबकि इनको एक भी रुपए की रसीद नहीं दी जाती है। इन केंद्रों पर कस्बे सहित ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं रोज़ अपना आधार सही कराने के लिए लाइन में लगती हैं। जिसमें कुछ लोगों का काम हो जाता है, तो सैकड़ों थक हार कर शाम को फिर वापस चले जाते हैं।

सूत्रों की मानें तो जो छात्र अतिरिक्त सुविधा शुल्क देने की गुंजाइश रखता है, उसी का काम जल्दी कर दिया जाता है अन्यथा महीनों बाद का टोकन दे दिया जाता हैं, महीने तक इन केंद्रों का चक्कर लगाते हैं। जिसके बाद उनका काम किया जाता है। कर्मचारी सुविधा शुल्क के चक्कर में धीमी गति से कार्य करते हैं। जिससे इन केंद्रों के बाहर लंबी लंबी लाइन लगी दिखाई देती। जिसमें लोग कोरोनावायरस महामारी का भी ख्याल नहीं रखते हैं। इन लंबी-लंबी लाइनों में सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जाती हैं। इन केंद्रों के कर्मचारियों की शिथिलता के कारण कस्बे में कोरोना विस्फोट होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है।

रिपोर्ट – पी०डी० गुप्ता