● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
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पत्नी और उसके मायकेवालोँ ने दहेज-क़ानून का दुरुपयोग किया। नौ प्रकार के आरोप लगाये गये थे। क़ानूनरक्षिका भी अधिकार का दुरुपयोग करती रही। उस भ्रष्ट-बेईमान-रिश्वतख़ोर महिला न्यायाधीश के विरुद्ध कठोर काररवाई की जानी चाहिए, जो पीड़ित अतुल सुभाष को छोड़ने के लिए रिश्वत माँग रही थी। उस घिनौनी न्यायकर्त्री की तुरन्त गिरिफ़्तारी की जानी चाहिए।
परिणाम– इंजीनियर अतुल सुभाष ने तरह-तरह की प्रताड़ना से व्याकुल होकर आत्महत्या की है। उसने वीडियो बनाये हैँ और आत्महत्या के कारण को सुस्पष्ट करते हुए, एक विस्तृत पत्र लिखा है।
सच तो यह है कि इस विसंगति से सिस्टम (व्यवस्था) और सरकार वाक़िफ़ हैँ; परन्तु दोनो मौन हैँ!..?
मै रहता तो प्रताड़िका और प्रताड़कोँ को मारकर मरता।
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ११ दिसम्बर, २०२४ ईसवी।)
चित्र-विवरण :– हत्यारिन पत्नी और उसका मृतक पति।