लड़कियों की खरीद-फरोख्त में लगे गैंग को एक चौकी इंचार्ज ने पकड़ा दूसरे ने छोड़ दिया

नाबालिग लड़की बेचने के मामले में परिजनों की गिरफ्तारी के बजाए टेढ़ी मोड़ पुलिस चौकी ने मोटी रकम वसूल कर समझौते का किया नाटक

मंझनपुर, कौशांबी : आम जनता की सूचना पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त में लगे गैंग के सदस्यों को अझुवा चौकी इंचार्ज ने पकड़ा और खेल कर दिया । मामला कोखराज थाना क्षेत्र का था । बरामद नाबालिग लड़की समेत गैंग के सदस्यों को कोखराज थाने के टेडीमोड पुलिस इंचार्ज को अझुवा चौकी इंचार्ज ने सुपुर्द कर दिया । नाबालिग बालिका के साथ उसको खरीद कर ले जाने वाले गैंग के सदस्यों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजने के बजाय नाबालिग बालिका की बिक्री के मामले में चौकी इंचार्ज टेडीमोड ने गैंग के सदस्यों की मोटी रकम के आगे घुटने टेक कर पंचायत का बहाना बनाकर आरोपियों को छोड़ दिया है ।

अब सवाल उठता है कि नाबालिग लड़की को ले जाने वाले गैंग के सदस्यों से पंचायत का क्या औचित्य था ? नाबालिग बालिका को बेचने वाले उनके परिजनों की भी इस मामले में गिरफ्तारी करने के बजाय उनसे चौकी इंचार्ज ने सुलह करा दे । नाबालिग पीड़िता को न्याय ना देने वाले चौकी इंचार्ज पर पुलिस अधिकारी क्या कार्यवाही करें और नाबालिग बालिका को बरामद कर लड़कियों के खरीद-फरोख्त में लगे गैंग के सदस्यों को गिरफ्तारी कराने का प्रयास क्या पुलिस आला अधिकारी करेंगे ? बेची गई आखिर अब नाबालिग बालिका को योगीराज में कैसे न्याय मिलेगा ?

इन दिनों समाज का मिजाज बदल रहा है । बेटियां बचाओ बेटियां पढ़ाओ के नारे की यहां कोई अहमियत नही दिख रही है । आलम यह है की बेटियों पर करीबी रिश्तेदारों परिजनों की ही नजर लग रही है और बेटियों को अधिक उम्र के दोनों के साथ धन के लालच में बेचा जा रहा है ।

ताजा मामला बीती रात का है । जानकारी के मुताबिक नाबालिग लड़की कोमल सरोज पुत्री लाल चंद्र निवासी गिरधर पुर थाना कोखराज जो कक्षा 9 की छात्रा को परिजनों ने अधिक उम्र के दूल्हे के साथ बेच दिया । धीरज सिंह पुत्र बलबीर सिंह निवासी मदारी नगला शमशेर गंज जिला किशुनी मैनपुरी ,हरनाथ यादव पुत्र सुरेंद्र यादव निवासी फिरोजपुर थाना तलगाम जिला कन्नौज ओमनी वाहन चालक मिलाप सिंह पुत्र कृष्ण कुमार सिंह U P84 A B 5512 में सवार होकर बालिका को लेकर जा रहे थे । यह सभी कोमल सरोज के बहन उर्मिला पत्नी रामकिसन निवासी अनेठा थाना पाइंसा के यहां से कोमल सरोज का सौदा करके ले जा रहे थे । मासूम कोमल अधिक उम्र के दूल्हे को देखकर गाड़ी में बैठी रो रही थी । जिसे देखकर अनेठा गांव के एक युवक ने 112 नंबर पुलिस को सूचना दी जिस पर कंट्रोल रूम की सूचना पर अझुवा चौकी इंचार्ज सक्रिय हुए । जानकारी के अनुसार गाड़ी अझुवा होकर गुजरने की सूचना थी । चौकी इंचार्ज अझुवा ने गस्त के दौरान ही नाबालिग बालिका समेत गैंग के सभी सदस्यों को पकड़ने का प्रयास किया किंतु दूल्हा धीरज सिंह फरार हो गया । शेष तीनो आरोपियों को चौकी इंचार्ज पकड़कर अझुवा चौकी लाकर संबंधित थाना पुलिस को सूचना देकर शहजाद पुर टेडीमोड चौकी इंचार्ज के हवाले कर दिया । वहीं सुबह जानकारी मिली कि सभी ने आपस मे समझौता कर लिया है और छोड़ दिए गए है । नाबालिग बालिका को भी उनके साथ पुलिस ने भेज दिया है ।

अब सवाल उठता है कि आख़िर कैसे समझौता हो सकता है ? कोमल सरोज जिसकी जन्मतिथि 26 अक्टूबर 2006 है । बालिका अपनी उम्र 14 वर्ष बता रही थी । खुद धीरज सिंह यादव के साथ वह नही जाना चाहती थी उसको नए वस्त्र भी पहनाए गए थे अपने साथ पर्स में वो कुछ जेवर भी लिए थी।

कहीं ये गरीब घर की लड़कियों के खरीद फरोख्त का धन्धा तो नही थी क्योंकि कोमल सरोज के अनुसार उसी की पारिवारिक बहन को कुछ महीने पहले दूसरी बिरादरी के लोगों ने शमशेर गंज मैनपुरी ले गए थे। जो कोमल सरोज के मां के अनुसार शादी की गई थी शादी के बाद वह दो बार मायके गिरधर पुर आयी भी थी। अब सवाल यही है कि नाबालिग छात्रा को बेचने के मामले में पुलिस का समझौता क्या हुआ ?