समय का समादर करना सीखेँ
समय सबको समान रूप से देखता आ रहा है। वह सबकी समस्त नकारात्मक-सकारात्मक गतिविधियोँ का एकमात्र साक्षी रहा है। वह प्रत्येक मनुष्य का मूल्यांकन उसके कर्मो के आधार पर करता आ रहा है। समय कभी […]
समय सबको समान रूप से देखता आ रहा है। वह सबकी समस्त नकारात्मक-सकारात्मक गतिविधियोँ का एकमात्र साक्षी रहा है। वह प्रत्येक मनुष्य का मूल्यांकन उसके कर्मो के आधार पर करता आ रहा है। समय कभी […]
आज से करीब 35 वर्ष पहले सबसे छोटे चाचा की शादी के लिए के लिए एक बेहद धार्मिक व्यक्ति आये थे। हालांकि किन्हीं कारणों से वह संबंध तो नहीं हो पाया लेकिन उनके द्वारा दिये […]
“हो रहा है ज़िक्र पैहम आम काआ रहा है फिर से मौसम आम का” ईश्वर ने हमें जो तमाम नेमते दी हैं, उनमें से आम मेरे लिए सबसे मनभावन, स्वादिष्ट और लजीज है। दिल्ली जैसे […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मनुष्य ‘मनुष्यता’ की बात तो करता है; किन्तु अपने भीतर की शुष्क मानवीय संवेदना पर दृष्टिपात करने मे क्षम (‘सक्षम’ अशुद्ध है।) नहीँ रहता। यही कारण है कि उसके उपदेश […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• गत रविवार को पत्नीसहित बेटियाँ लखनऊ आयीँ। तीनो की ज़िद थी, ‘लुल्लू माल’ घूमने की। पत्नी ‘इमामबाड़ा’ की रट लगा रखी थीँ। मैने सोचा– भावना का सम्मान करना चाहिए और […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• अकस्मात् फ़ोन की घण्टी बजी। मैने पूछा, “आप कौन हैँ?”परिचय प्राप्त हुआ, फिर उनका स्वर उभरा,”आपका दर्शन करना चाहता हूँ।” मेरा उत्तर था, “दर्शन तो देवी-देवता का किया जाता है; […]
आपमे यदि प्रतिभा, योग्यता, पात्रता, प्रतिबद्धता, संसार को जीतने की इच्छा (जिगीषा) और सामर्थ्य हो तो आप कभी परमुखापेक्षी (पराश्रित/परजीवी/परावलम्बी नहीँ हो सकते।आपका परम धर्म है, ‘केवल कर्म करते रहना’। आपकी धारणा होनी चाहिए– अभिलषित/अभीप्सित […]
आम तो आम, गुठली बताये पिय का मुकाम! हमारे यहां बैसवारा में बसंत पंचमी के दिन धोबिन एक थाल में आम के बौर (मंजर) , सिंदूर और साथ ही शिव पार्वती और गणेश की मूर्ति […]
राहुल सांकृत्यायन के जन्म-दिनांक ९ अप्रैल पर विशेष प्रस्तुति••••••••••••••••••••••••••••••••••••• विश्व के महानुभवी राहुल सांकृत्यायन के जन्मदिनांक ९ अप्रैल की पूर्व-संध्या मे ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज की ओर से एक राष्ट्रस्तरीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन ‘सारस्वत सदन’, […]
8 अप्रैल विशेष: शाश्वत तिवारी– 8 अप्रैल 1929 की वह घटना भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ थी। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने न केवल अंग्रेजी सत्ता को चुनौती दी, बल्कि […]
शाश्वत तिवारी– जब-जब जगत को दुःख, अधर्म और अराजकता ने घेरा, तब-तब राम ने अवतार लिया। तुलसीदास ने जब ‘रामचरितमानस’ की रचना की, तब भारत सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक रूप से गहरे संकट में था। […]
व्याकरणवेत्ता एवं भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने हाल ही मे उत्तरप्रदेश लोकसेवा आयोग, प्रयागराज की ओर से सहायक अध्यापक-पद पर चयन किये जाने की परीक्षा-प्रक्रिया के अन्तर्गत ‘स्क्रीन टेस्ट’ मे दीर्घ उत्तरीय प्रश्नो को […]
आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला••••••••••••••••••••••••••••••••••••• वास्तव मे, इस शब्द की शुद्ध वर्तनी है, ‘पसमान्द:’, जो ‘पसमान्दा’ नाम से प्रचलित है। यह फ़ारसी-भाषा का शब्द है, जो शब्दभेद के विचार से विशेषण-शब्द है। इसका शाब्दिक […]
गुप्ता जी ग्वालियर वाले!! हमारे मित्र गुप्ता जी बहुत ही समझदार और कोमल प्रकृति के व्यक्ति हैं। वह किसी भी कार्य मे महिला-पुरुष का भेदभाव नहीं करते हैं। इसलिए गुप्ताजी सर्दियों के मौसम में लहसुन, […]
Dr. Raghavendra Kumar Raghav In the intricate tapestry of human existence, the relentless pursuit of progress, whether in the realm of the spirit or the tangible world, is a constant and driving force. However, this […]
दारू बैसवारा में बड़ी बदनाम रही है!! हमारे यहां चाहे किसी व्यक्ति में दसियों गुण हों, लेकिन अगर वह दारू पीता हो तो सारे गुण गोबर हो जाएंगे। उसे सिरे से यह कहकर खारिज कर […]
“होली आयी रे कन्हाई,रंग छलके,सुना दे ज़रा बांसुरी।” कहने को तो होली फागुन मास की पुन्नवासी (पूर्णिमा) को मनाई जाती है लेकिन इसके रंग प्रकृति में, माहौल में और तन मन में महीनों पहले से […]
होली पर फिल्माये गए किसी भी गीत का मूल भाव है- मस्ती, धमाल, शोखी, शरारत, प्यार, मनुहार, इनकार और इकरार।होली आने वाली है तो आज होली पर फिल्माए गए तमाम बॉलीवुड गीत देख रहा था। […]
फागुन का अर्थ है मस्ती, मदहोशी, मनुहार और होली का अर्थ है अपने तमाम तनावों, चिंताओं और परेशानियों को एक कोने पर रख कर फाग, भांग और रंगों के सुरूर में डूब जाना। शायद इसीलिए […]
◆ हमारे लेखन के अन्तर्गत पंचमाक्षर मे अनुस्वार का व्यवहार नहीँ है; क्योँकि पंचमाक्षर अनुस्वारयुक्त होता है। उसके तद्भव वा देशज रूप मे आवश्यकतानुसार ध्वनिप्रभाव को न्यून और अधिक करने के लिए अनुनासिक का व्यवहार […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक कथा है, जिसके आधार पर तीर्थराजप्रयाग को तीर्थोँ मे शीर्ष स्थान दिया गया है। वह कथा इसप्रकार है :–एक बार की बात है। ब्रह्मा ने सोचा कि पृथ्वीलोक मे […]
‘धन्धेबाज़ यूट्यूबर अमरनाथ सर’ उर्फ़ अमरनाथ गुप्ता विद्यार्थियोँ के लिए अत्यन्त घातक सिद्ध होता हुआ!– बारह ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• यहाँ यूट्यूबर अमरनाथ गुप्ता के वीडियो के दो स्थिर चित्र हैँ :– पहला, अँगरेज़ी-भाषा […]
शाश्वत तिवारी— कुछ लोग तर्क देते नज़र आ जाएंगे कि ऐसा इसलिए किया जाता है कि ताकि जाने पहचाने चेहरे ज्यादा ताकतवर न बन जाएं, जिससे पार्टी में ऊपर बैठे लोगों को खतरा हो जाए। […]
लड़कों की शादी पूरब में और लड़कियों की शादी पश्चिम में करने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा रही है। अतः बैसवारा में बैस लड़कों की शादियां ज्यादातर पूरब यानि प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, जौनपुर के सोमवंशी, कनपुरिया, […]
डॉ० सुधान्शु बाजपेयी– हिंदी और उर्दू दो नहीं एक ही भाषा थी लेकिन हिंदी को हिंदुओं की भाषा और उर्दू को मुसलमानों की भाषा इतनी बार और इतने तरीकों से बताया गया कि इतना बड़ा […]
मुझे नहीं पता कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में भगदड़ किन परिस्थितियों में हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? लेकिन कुछ प्रश्न मेरे दिमाग में कौंध रहे हैं- रेल प्रशासन को, जिम्मेदार लोगों को […]
आजकल के नौजवानों को प्यार बहुत जोर से आता है। रोज डे, प्रोपोज़ डे, किस डे, हग डे से होता हुआ आधुनिक लव कुछ ही दिनों में ओयो रूम तक जा पहुँचता है। हालांकि कार्बाइड […]
अँगरेज़ी मे दो शब्द हैँ :– ‘डिस्गाइज़्ड’ और ‘एक्सटोलिंग वॉइस’। इनको कुछ छद्म यूट्यूबरोँ ने पहन-ओढ़कर बहुरूपिया एवं गिरगिटिया बना लिया है। उन्हीँ मे से प्रमुख है, ख़ुद को ‘सर’ कहनेवाला ‘अमरनाथ सर’ उर्फ़ ‘अमरनाथ […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक–नृप निरीह निकृष्ट नटी, नागर नयना नार।नलिन नागरक नागरी, नाशक नारक क्षार।।दो–मुकुर मुकुल मन-मन्त्रणा,काकुल कंक कुलीन।चारु चित्त चातुर चरित, दंशदायिनी दीन।।तीन–मनका मन मनका मती, मन मनका मतभेद।मनोयोग मरघट मरण, मन-मानस […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इस धूर्त्त को अच्छी तरह से पहचानिए, जो स्वयं को हिन्दीभाषा/सामान्य हिन्दी का ‘सर’ कहता है; परन्तु इसका हिन्दीबोध नितान्त निचले स्तर का है। यह यूट्यूब पर अपनी कक्षा चलाता […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ऐसे बहुत सारे लोग हैँ, जो वीडियो बनाकर प्रतियोगी विद्यार्थियोँ के लिए हिन्दी-शिक्षण करने का धन्धा शुरू कर चुके हैँ। कुछ ऐसे भी हैँ, जो पहले किसी थोक के भाववाले […]
ये साहिब एक यूट्यूबर हैँ और सार्वजनिक रूप से हिन्दीभाषा और व्याकरण की घुट्टी अपने ही अन्दाज़ मे पिलाते आ रहे हैँ। ये ‘सर’ हैँ। वैसे तो ये विद्यार्थियोँ के बीच ‘अमर नाथ सर’ के […]
शाश्वत तिवारी– बहुत से लोग सोचते हैं कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री भगवा पोशाक पहनते हैं, इसलिए एक “सन्यासी” हैं, लेकिन उनके बारे में जो तथ्य सामने आए हैं वो चौंकाने वाले ओर प्रेरणादाई हैं। सबको […]
हम लोग जिस पीढ़ी के हैं उसमें पिता के सामने तमाम मजबूरियां रहती थी । वह चाहते हुए भी अपने बेटे को सबके सामने दुलार नहीं सकता था, प्यार नहीं कर सकता था। पूरे परिवार, […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक बार अधर्म ने धर्म से कहा, “धर्म भाई! मृत्युलोक मे ऐसा एक भी व्यक्ति नहीँ दिखता, जो तुम्हारे तात्त्विक रहस्य को जान सके; इसका कारण क्या है?” धर्म ने […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आप नीचे दिये गये सारे पोस्टरोँ मे दिखाये गये समाचार-शीर्षकोँ को अच्छी तरह से पढ़ते जाइए। ये ‘रिपब्लिक भारत’ की बेहद निर्लज्ज, निकृष्ट एवं निन्दनीय पत्रकारिता की एक बानगी है। […]
देश के प्रख्यात टी० जी० टी०-पी० जी० टी०-सहायक प्राध्यापक हिन्दीशिक्षाविद्, ‘हिन्दी-संसार’, प्रयागराज नामक शिक्षण-संस्थान के निदेशक एवं परमप्रिय शिष्य डॉ० अशोक स्वामी जी आज (१२ जनवरी) हमारे ‘सारस्वत सदन’ मे आये थे। हमने लगभग एक […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• धिक्कार है, उन माँ-बाप को, जो अपनी बेटियोँ को ‘वस्तु’ समझकर तथाकथित साधुओँ को दान करते आ रहे हैँ। नीचे चित्र मे दिख रही बालिका आगरा की है, जिसका नाम […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• देश को स्वतन्त्रता प्राप्त होने के पश्चात् ‘मीडिया-जगत्’ मे ऐसा पहली बार हो रहा है कि किसी राजनैतिक दल की सरकार ने अपनी ओर से यह मार्गदर्शिका निर्धारित कर दी […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• (यह ललकारभरा खुला संदेश उन सबके लिए है, जो सर्वथा व्यावहारिक ‘जनवरी से दिसम्बर-माह’ को भारतीय संदर्भ मे स्वेच्छा से अपनाते आ रहे हैँ और अपना मूल चरित्र भी प्रकट […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (वैयाकरण एवं भाषाविज्ञानी) हम यहाँ आप सबको ‘अभिनव’ शब्द के अर्थ और उसके प्रयोग के औचित्य को उत्पत्ति-सहित समझायेँगे। इसके अतिरिक्त नव, नया, नवल, नवीन, नूतन इत्यादिक शब्दोँ पर भी […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज वह क्षण है, जो हमे बाध्य कर रहा है, अपने भीतर के सत्य और मिथ्या के साथ संवाद करने के लिए; क्योँकि वर्ष का वर्तमान ‘अतीत’ होनेवाला है; इतिहास […]
स्वर्गीय मनमोहन सिंह के बारे में विचार करने से एक ऐसे व्यक्ति की छवि उभरती है जो टिपिकल मध्यमवर्गीय परिवार का मुखिया है, फैमिली मैन है। जो अपने काम से काम रखता है और अपने […]
अंग्रेजी वाला न्यू ईयर नजदीक आते ही दारू की याद आती है और दारू से याद आता है कि हमारे गांव-घर और समाज में ‘दारू’ की और ‘दारु पीने वाले’ ; दोनों की कभी स्याला […]
पश्चिम मध्य रेल भोपाल में जन सम्पर्क अधिकारी एवं पश्चिम मध्य रेल मुख्यालय जबलपुर में वरिष्ठ जन सम्पर्क अधिकारी रहे वरिष्ठ कवि, लेखक ,साहित्यकार श्री कमल किशोर दुबे को उनकी कृति “चाणक्य नीति दोहावली” के […]
अपवाद को छोड़ दे तो एयरफोर्स में वायु सैनिक के रूप में चयनित होने वाले अधिकतर वह लड़के हैं जो ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं, पढ़ने-लिखने में ठीक हैं । परंतु उनकी आर्थिक स्थिति उतनी ठीक […]
आज विजय दिवस है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के ग्रैंड अंकल जनरल नियाज़ी को लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा साहब के सामने ढाका के रेस कोर्स ग्राउंड में आत्मसमर्पण दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते […]
Peeyush Kumar, Balamau (Manager, Bank of Baroda) In today’s fast-paced world, the quest for peace has become more important than ever before. Amidst the chaos of daily responsibilities, constant connectivity, and information overload, finding a […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक जाहिल है; गोँडा का रहनेवाला बताया जाता है, जिसका नाम ‘घनश्याम अवस्थी’ है। वह गोँडा के किसी शिक्षालय मे गणित का अध्यापक है। मेरे घर भी आ चुका है। […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पत्नी और उसके मायकेवालोँ ने दहेज-क़ानून का दुरुपयोग किया। नौ प्रकार के आरोप लगाये गये थे। क़ानूनरक्षिका भी अधिकार का दुरुपयोग करती रही। उस भ्रष्ट-बेईमान-रिश्वतख़ोर महिला न्यायाधीश के विरुद्ध कठोर […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज भारत मे जिस तरह से धर्म का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, उससे यही प्रतीत होता है, मानो धर्म-जैसा घृणित और अश्लील शब्द कोई हो ही न। इसका मुख्य […]
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मै अपनी हर लड़ाई अकेले ही लड़ने के लिए समर्थ हूँ; लड़ भी रहा हूँ। जिन्हेँ विश्वसनीय समझता था, उनमे से लगभग सारे दग़ाबाज़ निकले। वाक्-कौशल का परिचय देते हुए, पीठ […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हमारे देश मे जाने कितने ऐसे लोग हैँ, जो सर्वप्रभुतासम्पन्न एक व्यक्ति के साथ फ़ोटो खिँचवाने वा फिर पुस्तकादिक लोकार्पण कराने वा किसी आयोजन मे निमन्त्रित करने के लिए ”एड़ी-चोटी […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इन दिनो वैश्विक क्षितिज पर गौतम आडानी और उनके भाई राजेश आडवानी का बेटा सागर आडानी-सहित कुल छ: लोग चर्चा के केन्द्र मे हैँ, जिन पर संयुक्त राज्य अमेरिका के […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• चित्रकूट (उत्तरप्रदेश) मे स्थित तुलसी-पीठाधीश्वर रामभद्राचार्य ने विगत दिवस जयपुर (राजस्थान) मे आयोजित रामकथा विषय पर प्रवचन करने की अवधि मे उत्तरप्रदेशविधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना से आदेशात्मक स्वर मे […]
करवा हैं करवाली,उनके बरहें दिन दिवाली।उसके तेरहें दिन जेठुआन ,औरफिर चुटिया- पुटिया बांध के चलो गंगा नहाय। मतलब की दीपावली की धूम और फिर जेठुआन के गन्ने की मिठास खत्म होते कतकी (गंगा स्नान) की […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मेरा आरम्भ से स्वभाव रहा है कि जिस क्षेत्र मे जाओ, वहाँ ऐसा कर्म करो कि तुम्हारी स्थापना करने के लिए वहाँ की परिस्थिति विवश और बाध्य हो जाये। दूसरे […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• गत ११ नवम्बर को मै अपने प्रिय सम्पादक सुनील द्विवेदी जी, लखनऊ से मिला और उनके सम्पादकीय विभाग के लिए अपनी भाषिक कृति ‘आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ प्रदान […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाध पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• उत्तरप्रदेश मायावती-शासन मे निजी एवं प्रमुख सचिव एवं उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान मे निदेशक रहे, मेरे सारस्वत मित्र एवं ज्येष्ठ भ्राता-सम समादरणीय ७८ वर्षीय शम्भुनाथ जी को गत ११ नवम्बर को […]
छोटा भाई : भैया क्या आपको पता है कि बड़े-बड़े कास्तकार जिनका धान खेत से कटकर घर तक पहुंचने में पहले महीनो लग जाते थे, पूरा कातिक बीत जाता था, अब उनकी पूरी सीर एक […]
बैसवारा में छठ नहीं मनाई जाती, भोजपुरी और मैथिली भी नहीं बोली जाती। इसलिए भोजपुरी और मैथिली की प्रख्यात लोकगायिका स्वर्गीय शारदा सिन्हा को मैंने बहुत देर से जाना। उनकी जादुई आवाज मैंने पहली बार […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ए चचिया! तोरा क उठि-बइठि आ सूति-जागि क उठक-बइठक करत परनाम करत बानी। आछा त, तू खाँड़ी-चूकी ना हउ, सोगहगवे बाड़ू। आपना लेखा एगही। तू आपन पूत खइलू; भतार कटलू, […]
चंद्रमा पूजनीय है क्योंकि हमारे शास्त्रों में चंदा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र कहा गया है। चंद्रमा को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त है, इसलिए सुहागिन स्त्रियां कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि […]
कातिक आने को है !! अब सुबह घास में पड़ने वाली ओस सूरज की पहली किरण पड़ते ही मोतियों सी चमकने लगी है। सुबह -शाम गुलाबी ठंडक पड़ने लगी है । शरद पूर्णिमा का चांद […]
आज (१५ अक्टूबर) श्रद्धेय भ्राताश्री, पूर्व-राष्ट्रपति अबुल कलाम जी का जन्म-दिनाङ्क है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय डॉ० अब्दुल कलाम प्रेय थे तो श्रेय भी। उन्होँने जब राष्ट्रपति-पद की शपथ ली थी तब अपने ओजस्वी […]
१५ अक्तूबर, १९६१ ई० निराला का निधन-दिनांक है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इलाहाबाद साहित्यकार, कवि-कवयित्रियोँ के लिए विश्रुत रहा है। ऐसे सारस्वत हस्ताक्षर बहुसंख्या मे रहे हैँ, जिनका जन्म कहीँ और हुआ था; किन्तु […]
असम राज्य का तेजपुर कस्बा वैसे तो बड़ा रमणीक स्थान है। अपने देश में सूरज देवता सबसे पहले इसी क्षेत्र से अपनी यात्रा शुरू करते हैं। तेजपुर में सुबह उठकर हिमालय की तरफ देखिए तो […]
पौराणिक मान्यता है कि विजयदशमी की तिथि को भगवान श्रीराम ने राक्षस रावण का वध किया तो संसार को एक पापात्मा से मुक्ति मिली। लेकिन भगवान श्रीराम के ऊपर ब्रहम हत्या का पाप भी लग […]
“अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्द नुते।गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते।जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥“ आदरणीय बानी कुमार द्वारा सर्जित और पंडित बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आध्यात्मिक वाणी और पंकज कुमार मलिक द्वारा […]
उत्तरप्रदेश मे दरिन्दगी चरम पर! बहनेँ-बेटियाँ सुरक्षित नहीँ। इस सच्चाई को अब हर व्यक्ति जान-समझ चुका है। आयेदिन योगीराज को ललकारते हुए, दरिन्दगी को अंजाम दिया जा रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण ६ अक्तूबर का […]
भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने गत दिवस ‘केन्द्रीय राज्य पुस्तकालय’ (उ० प्र०), प्रयागराज एवं ‘क्षेत्रीय अभिलेखागार’, प्रयागराज का ‘हिन्दीसमाचार-सेवाप्रभाग, आकाशवाणी, दिल्ली मे सम्पादक अमित राजपूत के साथ शैक्षिक भ्रमण किया। आचार्य ने सर्वप्रथम ‘केन्द्रीय […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• प्राय: देखा गया है कि जीवन मे ‘आकस्मिक’ और ‘अप्रत्याशित’ गमनागमन (‘आवागमन’ अशुद्ध है।) की विशेष भूमिका होती है; जैसा कि महात्मा गांधी जी के साथ हुआ था :– जाना […]
आज (१ अक्तूबर) ठाकुर श्रीनाथ सिँह का जन्मदिनांक है हिन्दीबाल-पत्रकारिता के माध्यम से देश मे अपनी पहचान बनानेवाले ठाकुर श्रीनाथ सिँह का जन्म १ अक्तूबर, १९०१ ई० को इलाहाबाद जिला के अन्तर्गत मानपुर गाँव मे […]
युद्ध हो, कोई सीक्रेट ऑपरेशन हो या दुर्दांत आतंकवादियों का सफाया करना हो; भारतीय सेना के कमांडो अत्यंत कम समय में मुश्किल कार्य करने में दक्ष होते हैं। श्री राम प्रताप सिंह सर थल सेना […]
“The word ‘freedom’ has such a broad meaning that many texts can be written about it. India fought against the British for 200 years to achieve freedom. The journey of India’s independence is filled with […]
जिन माता-पिता ने- और (विनय सिंह बैस)
कुआर आ गया है! ओस सुबह-सवेरे घास पर मोतियों सी बिखरने लगी है। बारिश के बाद दोपहर की धूप जरूर कुछ अधिक तीखी हो गई है लेकिन सुबह-शाम का मौसम सुहावना हो गया है। रात […]
हिन्दी-भाषा को समझने के लिए शब्द-साधना करनी होगी – आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय ‘प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद’, प्रयागराज की ओर से २५ सितम्बर को संस्थान के सभागार मे हिन्दी-पखवाड़े के अन्तर्गत एक कर्मशाला […]
बैसवारा में शादी -ब्याह जैसे शुभ अवसरों में हम परमात्मा, अपने परिवारजनों, रिश्तेदारों और इष्ट मित्रों के अलावा अपने पूर्वजों को भी आमंत्रित करते हैं। मुझे याद है विवाह के एक सप्ताह पहले से ही […]
हमारे समय में यानि 80-90 के दशक तक पढ़ाई का इतना दबाव बच्चों पर नहीं था। विद्यालय जरूर हम नियमित जाते थे लेकिन वहां से घर आने के बाद विद्यालय को लगभग भूल ही जाते […]
उपर्युक्त (‘उपरोक्त’ अशुद्ध है।) शीर्षक पढ़कर आप सबको आश्चर्य होता होगा; परन्तु सत्य वही है, जिसे आपने पढ़ा है। देश-देशान्तर मे हमारी कर्मशाला इतिहास और कीर्त्तिमान के पृष्ठोँ पर रेखांकित होती आ रही है; परन्तु […]
हिन्दीभाषा-उत्थान-हेतु ‘अमर उजाला’ की शानदार पहल! हिन्दी-दिवस की पूर्व-संध्या मे ‘अमर उजाला’ के कार्यालय-सभाकक्ष मे ‘हिन्दी हैँ हम’ के अन्तर्गत प्रयागराज की संस्थाएँ, लेखक, साहित्यकार, कवि आदिक अपने-अपने स्तर से हिन्दी-उत्थान के लिए किस-किस प्रकार […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• प्रयाग-आगमन के बाद और क्रॉस्थवेट स्कूल, इलाहाबाद मे प्रवेश लेने के बाद महादेवी जी की साहित्य-साधना अबाध्य गति मे चलती रही। ‘माँ ने सुनी एक करुण कथा’ का प्राय: सौ […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अब कोलकाता मे वहाँ के डॉक्टर धरना-प्रदर्शन के नाम पर ‘गुण्डई’ कर रहे हैँ; उच्चतम न्यायालय के आदेश की भी अवमानना कर रहे हैँ। कोलकाता की रुग्ण जनता, उनके परिवार […]
आज (९ सितम्बर) भारतेन्दु हरिश्चन्द (यहाँ ‘हरिश्चन्द्र’ अनुपयुक्त है।) का जन्मदिनांक है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज के दिनांक मे समाचारपत्रोँ और वैद्युत्-माध्यम ने खड़ी बोली की प्रतिष्ठा करनेवाले और साहित्य को नयी क्रान्ति […]
मेरी जन्मभूमि बैसवारा सदियों से कलम और तलवार का धनी क्षेत्र रहा है। महावीर प्रसाद द्विवेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जैसे अनूठे साहित्यकार और राजा राव राम बख्श सिंह तथा राणा बेनी माधव जैसे दुर्जेय योद्धा […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जो जाहिल विश्व-चैम्पियन भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के ‘भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस’ मे शामिल हो जाने से उसे ‘भारत की बेटी’ मानने से इन्कार कर रहे हैँ, क्या वे बता सकते […]
‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे राष्ट्रीय ‘शिक्षा-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ४ सितम्बर को ‘शिक्षा बाज़ार से कैसे मुक्त हो?’ विषय पर अलोपीबाग़, प्रयागराज से एक राष्ट्रीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन किया गया। आयोजन की अध्यक्षता […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अभी-अभी ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ की सहायक निदेशक डॉ० नूतन पाण्डेय जी ने फ़ोन-माध्यम से मानक शब्दप्रयोग से सम्बन्धित वार्त्ता करने की पहल की है; उन्होँने कल भी वार्त्ता करने का […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ की मानकीकरण की लघु पुस्तक मे उसी के द्वारा तैयार कराये गये मानक शब्दोँ, वर्तनी, चिह्नादिक की इतनी अशुद्धियाँ हैँ कि तीन हज़ार शब्दोँ से अधिक के […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जो सरकारी राजनीतिक दल मणिपुर मे अपनी ही सरकार मे सरे आम और खुले आम महिलाओँ को नंगा घुमाने, सामूहिक शारीरिक दुष्कर्म तथा हत्या की अमानवीय घटनाओँ पर निश्शब्द रहा; […]
बात 1994-95 की है। तब मैं कानपुर में रहकर बीएनडी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रहा था। एक रोज मुझे किसी से सुनने में मिला कि श्रद्धेय अटल जी का भाषण किदवई नगर चौराहे […]
बाजार, घर या ऑफिस जाते हुए रास्ते में बारिश की कुछ बूंदे अनायास ही शरीर पर पड़ जाने में वो आनंद कतई नहीं है जो सावन के महीने में मूसलाधार बारिश में अपनी मर्जी से […]
गंभीर स्वभाव, बड़ी सी बड़ी विपत्ति में शांत-चित्त बने रहना, अपना कार्य अत्यंत खामोशी से करना और कई बार गलत न होते हुए भी अपने से बड़ो यहां तक कि छोटों की भी खरी-खोटी सुन […]
भारत की पराक्रमी बेटी विनेश! तुम्हेँ आशा, उमंग, उत्साह, ऊर्जा और ऊष्मा के साथ अपने मूल गन्तव्य ‘लक्ष्य-संधान’ की ओर बढ़ते रहना है। देश के कुछ क्षणजीवी क्षुद्रजीविता का चरित्र जीते आ रहे हैँ। तुम्हेँ […]
महान् कोशकार और हिन्दी-अनुरागी फ़ादर कामिल बुल्के की निधन-तिथि (१८ अगस्त) पर विशेष ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे संस्कृत, हिन्दी एवं अँगरेज़ी-भाषा के विद्वान् फादर कामिल बुल्के की निधन-दिनांक की पूर्व-संध्या मे ‘फ़ादर कामिल बुल्के […]
आदित्य त्रिपाठी (सहायक अध्यापक, बे०शि०वि०, प्रा०पा० प्रतापपुर, कोथावाँ, हरदोई) स्वतंत्रता कोई एक शब्द नहीं अपितु एक अप्रतिम विचारधारा है। स्वाधीनता वह है जैसे प्रकृति हर हाल मे प्राप्त करना चाहती है और सभी को स्वतंत्रता […]
1991 में पापा ने कानपुर-रायबरेली रोड पर बने इस दोमंजिला घर की शुरुआत मुख्य सड़क की तरफ से दो कमरे बनाकर की थी। यह सबसे आगे वाला कमरा जिसमें अब शटर लगाकर शॉप का रूप […]
भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग पर गंगाजल चढ़ाने की परंपरा को ‘कांवड़ यात्रा” कहा जाता है। गंगाजल एक पवित्र स्थान से अपने कंधे पर ले जाकर भगवान शिव को सावन की महीने में शिवरात्रि को अर्पित […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आपने कल के अंक मे पढ़ा था कि जालसाज़ औरत पूजा खेडकर को संघ लोक सेवा आयोग की ओर से छ: बार अवसर दिये गये थे कि वह अपनी विकलांगता […]