विश्वकर्मा जयन्ती के मायने
हमारे समय में यानि 80-90 के दशक तक पढ़ाई का इतना दबाव बच्चों पर नहीं था। विद्यालय जरूर हम नियमित जाते थे लेकिन वहां से घर आने के बाद विद्यालय को लगभग भूल ही जाते […]
हमारे समय में यानि 80-90 के दशक तक पढ़ाई का इतना दबाव बच्चों पर नहीं था। विद्यालय जरूर हम नियमित जाते थे लेकिन वहां से घर आने के बाद विद्यालय को लगभग भूल ही जाते […]
उपर्युक्त (‘उपरोक्त’ अशुद्ध है।) शीर्षक पढ़कर आप सबको आश्चर्य होता होगा; परन्तु सत्य वही है, जिसे आपने पढ़ा है। देश-देशान्तर मे हमारी कर्मशाला इतिहास और कीर्त्तिमान के पृष्ठोँ पर रेखांकित होती आ रही है; परन्तु […]
हिन्दीभाषा-उत्थान-हेतु ‘अमर उजाला’ की शानदार पहल! हिन्दी-दिवस की पूर्व-संध्या मे ‘अमर उजाला’ के कार्यालय-सभाकक्ष मे ‘हिन्दी हैँ हम’ के अन्तर्गत प्रयागराज की संस्थाएँ, लेखक, साहित्यकार, कवि आदिक अपने-अपने स्तर से हिन्दी-उत्थान के लिए किस-किस प्रकार […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• प्रयाग-आगमन के बाद और क्रॉस्थवेट स्कूल, इलाहाबाद मे प्रवेश लेने के बाद महादेवी जी की साहित्य-साधना अबाध्य गति मे चलती रही। ‘माँ ने सुनी एक करुण कथा’ का प्राय: सौ […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अब कोलकाता मे वहाँ के डॉक्टर धरना-प्रदर्शन के नाम पर ‘गुण्डई’ कर रहे हैँ; उच्चतम न्यायालय के आदेश की भी अवमानना कर रहे हैँ। कोलकाता की रुग्ण जनता, उनके परिवार […]
आज (९ सितम्बर) भारतेन्दु हरिश्चन्द (यहाँ ‘हरिश्चन्द्र’ अनुपयुक्त है।) का जन्मदिनांक है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आज के दिनांक मे समाचारपत्रोँ और वैद्युत्-माध्यम ने खड़ी बोली की प्रतिष्ठा करनेवाले और साहित्य को नयी क्रान्ति […]
मेरी जन्मभूमि बैसवारा सदियों से कलम और तलवार का धनी क्षेत्र रहा है। महावीर प्रसाद द्विवेदी, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ जैसे अनूठे साहित्यकार और राजा राव राम बख्श सिंह तथा राणा बेनी माधव जैसे दुर्जेय योद्धा […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जो जाहिल विश्व-चैम्पियन भारतीय पहलवान विनेश फोगाट के ‘भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस’ मे शामिल हो जाने से उसे ‘भारत की बेटी’ मानने से इन्कार कर रहे हैँ, क्या वे बता सकते […]
‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे राष्ट्रीय ‘शिक्षा-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ४ सितम्बर को ‘शिक्षा बाज़ार से कैसे मुक्त हो?’ विषय पर अलोपीबाग़, प्रयागराज से एक राष्ट्रीय आन्तर्जालिक बौद्धिक परिसंवाद का आयोजन किया गया। आयोजन की अध्यक्षता […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अभी-अभी ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ की सहायक निदेशक डॉ० नूतन पाण्डेय जी ने फ़ोन-माध्यम से मानक शब्दप्रयोग से सम्बन्धित वार्त्ता करने की पहल की है; उन्होँने कल भी वार्त्ता करने का […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘केंद्रीय हिंदी निदेशालय’ की मानकीकरण की लघु पुस्तक मे उसी के द्वारा तैयार कराये गये मानक शब्दोँ, वर्तनी, चिह्नादिक की इतनी अशुद्धियाँ हैँ कि तीन हज़ार शब्दोँ से अधिक के […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जो सरकारी राजनीतिक दल मणिपुर मे अपनी ही सरकार मे सरे आम और खुले आम महिलाओँ को नंगा घुमाने, सामूहिक शारीरिक दुष्कर्म तथा हत्या की अमानवीय घटनाओँ पर निश्शब्द रहा; […]
बात 1994-95 की है। तब मैं कानपुर में रहकर बीएनडी कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई कर रहा था। एक रोज मुझे किसी से सुनने में मिला कि श्रद्धेय अटल जी का भाषण किदवई नगर चौराहे […]
बाजार, घर या ऑफिस जाते हुए रास्ते में बारिश की कुछ बूंदे अनायास ही शरीर पर पड़ जाने में वो आनंद कतई नहीं है जो सावन के महीने में मूसलाधार बारिश में अपनी मर्जी से […]
गंभीर स्वभाव, बड़ी सी बड़ी विपत्ति में शांत-चित्त बने रहना, अपना कार्य अत्यंत खामोशी से करना और कई बार गलत न होते हुए भी अपने से बड़ो यहां तक कि छोटों की भी खरी-खोटी सुन […]
भारत की पराक्रमी बेटी विनेश! तुम्हेँ आशा, उमंग, उत्साह, ऊर्जा और ऊष्मा के साथ अपने मूल गन्तव्य ‘लक्ष्य-संधान’ की ओर बढ़ते रहना है। देश के कुछ क्षणजीवी क्षुद्रजीविता का चरित्र जीते आ रहे हैँ। तुम्हेँ […]
महान् कोशकार और हिन्दी-अनुरागी फ़ादर कामिल बुल्के की निधन-तिथि (१८ अगस्त) पर विशेष ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे संस्कृत, हिन्दी एवं अँगरेज़ी-भाषा के विद्वान् फादर कामिल बुल्के की निधन-दिनांक की पूर्व-संध्या मे ‘फ़ादर कामिल बुल्के […]
आदित्य त्रिपाठी (सहायक अध्यापक, बे०शि०वि०, प्रा०पा० प्रतापपुर, कोथावाँ, हरदोई) स्वतंत्रता कोई एक शब्द नहीं अपितु एक अप्रतिम विचारधारा है। स्वाधीनता वह है जैसे प्रकृति हर हाल मे प्राप्त करना चाहती है और सभी को स्वतंत्रता […]
1991 में पापा ने कानपुर-रायबरेली रोड पर बने इस दोमंजिला घर की शुरुआत मुख्य सड़क की तरफ से दो कमरे बनाकर की थी। यह सबसे आगे वाला कमरा जिसमें अब शटर लगाकर शॉप का रूप […]
भगवान शिव के ज्योतिर्लिंग पर गंगाजल चढ़ाने की परंपरा को ‘कांवड़ यात्रा” कहा जाता है। गंगाजल एक पवित्र स्थान से अपने कंधे पर ले जाकर भगवान शिव को सावन की महीने में शिवरात्रि को अर्पित […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आपने कल के अंक मे पढ़ा था कि जालसाज़ औरत पूजा खेडकर को संघ लोक सेवा आयोग की ओर से छ: बार अवसर दिये गये थे कि वह अपनी विकलांगता […]
पूजा खेडकर-आइ० ए० एस०-काण्ड– एक ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• पूजा खेडकर महाराष्ट्र मे पुणे की रहनेवाली है, जिसकी अवस्था ३२ वर्ष बतायी जाती है। उसका पिता दिलीप खेडकर आइ० ए० एस०-अधिकारी रह चुका है, […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ◆ हम शीघ्र इसपर प्रामाणिक लेख सार्वजनिक करेँगे। हाल ही मे संघलोक सेवा आयोग के अध्यक्षपद से त्यागपत्र देनेवाला मनोज सोनी नरेन्द्र मोदी का क़रीबी व्यक्ति है, जिसने पूजा खेडकर […]
सन 1999 की बात है! वायुसेना का प्रशिक्षण पूरा होने के बाद सूरज की पहली पोस्टिंग वायुसेना स्टेशन बीदर में हुई थी। वायुसेना में नियुक्ति के समय सूरज बीएससी द्वितीय वर्ष का छात्र था। प्रशिक्षण […]
आज (२७ जुलाई) श्रद्धेय भ्राताश्री, पूर्व-राष्ट्रपति अबुल कलाम जी का निधन-दिनांक है। ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय डॉ० अब्दुल कलाम प्रेय थे तो श्रेय भी। उन्होँने जब राष्ट्रपति-पद की शपथ ली थी तब अपने ओजस्वी […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• हमारे प्रियवर शिष्य एवं देश के प्रख्यात शैक्षिक-प्रशैक्षिक संस्थान ‘हिन्दी-संसार ऑन-लाइन’ के प्रमुख डॉ० अशोक स्वामी जी अपने विद्यार्थियोँ तथा अन्य स्थानो के विद्यार्थियोँ के लिए समय-समय पर ऐसी-ऐसी योजना […]
कुछ लोग गर्मियों की छुट्टियों में जम्मू की सैर करने और मां वैष्णो देवी के दर्शन करने यह सोचकर निकल पड़ते हैं कि एक पंथ दो काज हो जाएगा। माता के दर्शन भी हो जाएंगे […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• (सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २१ जुलाई, २०२४ ईसवी।)
मेरे बाबा (दादा) का नाम श्री हौसिला बख्स सिंह था। लेकिन घर, गांव, जंवार के सभी लोग उन्हें ‘भाई’ के नाम से पुकारते और जानते थे। हम लोगों के लिए वह ‘भाई बाबा’ थे। भाई […]
लगभग तीन दशक पहले की बात होगी। हमारे गांव बरी (रायबरेली) में प्रतिवर्ष श्री शतचंडी महायज्ञ और रामलीला हुआ करती थी। दिन में यज्ञ, शाम को कथा-प्रवचन और रात को रामलीला का मंचन होता था। […]
ज्यादातर छात्र चाहते हैं कि वह अपने शिक्षकों की ‘गुड बुक’ में रहें। गुरु जी उसे पहचाने, हर काम के लिए उसे याद करें। रजिस्टर लेकर आने को कहें, किताब/कापियां स्टाफ रूम में रखने को […]
(सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ६ जुलाई, २०२४ ईसवी।)
यह कहना मुश्किल कि पीपल के इस बड़े से पेड़ के पास मेरा फ्लैट है या मेरे फ्लैट के पास यह पीपल का पेड़ है। नजदीकी इतनी कि खिड़की खोलते ही इसकी कोमल टहनियां गाल […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मेरे समग्र अध्ययन का निष्कर्ष है कि ‘इण्डिया’ ने देश मे सर्वाधिक सीटोँ पर बहुत बड़े अन्तर से अग्रता ले रखी थी, जिससे कि निर्वाचन आयोग के अधिकारिओँ का साहस […]
चुनाव-चर्चा ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• इस लोकसभा-चुनाव के परिणाम ने बता दिया है कि लोकतन्त्र के साथ ग़द्दारी करनेवालोँ को वह बख़्शता नहीँ है। चुनाव-परिणाम आने से दो दिनो पहले से एजेँसियाँ जिस तरह […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज (३० मई) ‘हिन्दीपत्रकारिता-दिवस’ है। उल्लेखनीय है कि ३० मई, १८२६ ई० को हिन्दी का प्रथम समाचारपत्र ‘उदन्त मार्त्तण्ड’ का प्रकाशन कलकत्ता में ‘कोल्हू टोला’ नामक मुहल्ले के ‘३७ नम्बर […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय चुनावी सभा मे तथाकथित ‘स्टार-प्रचारकोँ’ के ‘नंगा नाच’ के लिए निर्वाचन आयोग के अधिकारी पूरी तरह से उत्तरदायी हैँ। अब, जब पाँच चरण के मतदान हो चुके हैँ तब उक्त […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कल (१७ मई) उच्चतम न्यायालय की ओर से जो तेवर प्रस्तुत किया गया था, उससे ई० डी०-आधिकारियोँ की निरंकुशता और ‘मोदी ऐण्ड कम्पनी (प्रा० लि०)’ की औक़ात सतह पर आती […]
‘सर्जनपीठ’ और ‘भारती भवन पुस्तकालय का संयुक्त बौद्धिक परिसंवाद आरम्भ मे, समारोह-अध्यक्ष और मुख्य अतिथि ने दीप-प्रज्वलन और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी के चित्र पर माल्यार्पण करके बौद्धिक परिसंवाद-कार्यक्रम का उद्घाटन किया था, तत्पश्चात् कवि […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; ११ मई, २०२४ ईसवी।)
कुछ दशक पहले तक अधिकतर शादियां गर्मियों में होती थी क्योंकि ज्यादातर लोग किसान थे और अप्रैल -मई के महीने में गेहूं की फसल कट जाती थी। धान की रोपाई जुलाई से शुरू होती थी […]
देश के सम्मानित मतदात्री-मतदातावृन्द! भारत के इतिहास मे उसके लोकतन्त्र, संवैधानिक संस्थानो तथा शासकीय तन्त्र के साथ इतना बल-प्रयोग नहीँ किया गया था जितना इन दिनो किया जा रहा है; सत्ताप्राप्ति के लिए भारतीय समाज […]
©आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय
आम तो आम, गुठली बताये पिय का मुकाम! हमारे यहां बैसवारा में बसंत पंचमी के दिन धोबिन एक थाल में आम के बौर (मंजर) , सिंदूर और साथ ही शिव पार्वती और गणेश की मूर्ति […]
कल (२४ अप्रैल) जिनकी पुण्यतिथि थी। मुख्य अतिथि के रूप मे हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के नवनिर्वाचित प्रधानमन्त्री कुन्तक मिश्र ने बताया– अल्मोड़ा जनपद के बाड़ेछिना गाँव मे १४ अक्तूबर, १९३१ को जन्म लेनेवाले शैलेश […]
धान की फसल के साथ यह अच्छा है कि खेत से कटाई, खलिहान में धान पीटना और फिर उन्हें घर तक पहुंचाने का कार्य करने के बाद ही लौनी (मजदूरी) दी जाती है। लेकिन गेहूं […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (सर्वाधिकार सुरक्षित– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय, प्रयागराज; २१ अप्रैल, २०२४ ईसवी।)
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ‘इण्डिया’ के सारे नेता प्रथम श्रेणी के ‘चतुर-मूर्ख’ दिख रहे हैँ। उन्हेँ ‘मोदी ऐण्ड कम्पनी (प्रा० लि०) की दुर्बलता का भान रहता तो सब एक स्वर मे पूछ रहे होते […]
शाश्वत तिवारी– छत्तीसगढ़ के जांजगीर के एक छोटे गांव चारपारा से स्थापित हुआ “रामनामी” संप्रदाय भले ही बहुत बड़ी संख्या के अनुयायियों वाला न हो, फिर भी जो है, जितना है, वह अद्भुत है। इस […]
यह अत्यन्त शोक का विषय है कि गीतकार-नवगीतकार स्मृति-शेष माहेश्वर तिवारी जी अब सशरीर हमारे मध्य नहीं हैं; क्योंकि काफी दिनो से अस्वस्थ रहने के कारण १६ अप्रैल को दिन मे उनका निधन हो गया […]
हिन्दी-विभाग, शासकीय महाविद्यालय, हटा, दमोह (म० प्र०) की सहायक अध्यापक आशा राठौर ने कहा– राहुल सांकृत्यायन ऐसे साहित्य-सर्जकों में से थे, जिनके जीवन और साहित्य में एकरूपता दिखायी देती हैं। उनका सम्पूर्ण साहित्य उनके अन्तर्मन […]
आशा विनय सिंह बैस– ऐसी मान्यता है कि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से सृष्टि के आदि मे काल गणना शुरू हुई और इसलिये यह दिन नववर्ष के रूप मे मनाया जाता है। 8.आज ही जम्बू […]
हाईवे में जमीन जाने से एकदम से अमीर हुए लोगों और टेबल के नीचे से कमाई करने वाले बाबुओं की तो मैं नहीं कहता लेकिन मेरे जैसे जिन साधारण मनुष्यों के बच्चे स्कूल में, वह […]
★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय उत्तरप्रदेश के मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ को अपने राज्य को सँभालने के स्थान पर बार-बार बंगाल, असम, त्रिपुरा, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, केरल आदिक के चुनावी सभाओँ मे जाने की आवश्यकता क्योँ […]
मुख़्तार अंसारी मरे वा मारे गये? ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय २६ मार्च को उत्तरप्रदेश-विधानसभा के पूर्व-सदस्य मुख़्तार अंसारी का ख़राब स्वास्थ्य बताते हुए, कारागार से मेडिकल कॉलेज, बाँदा ले जाया गया था, जहाँ चिकित्सकों […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ये अपराधी, जिनके विरुद्ध ई० डी० और सी० बी० आइ० के ग़ुलाम अधिकारी अपराध दर्ज़कर काररवाई कर रहे थे; परन्तु भारतीय जनता पार्टी मे शामिल होते ही पाक-साफ़ बना दिये […]
जब भारतवर्ष के दो टुकड़े मजहब के आधार पर किए जा रहे थे तो जमीन, सेना के साथ साथ अन्य चीजों का भी बंटवारा हुआ। भारत की ओर से श्री एच एम पटेल और पाकिस्तान […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••• हम जिन्हें चुनकर संसद् और विधानमण्डल मे बैठने-योग्य बनाते हैं, वे हमारे साथ विश्वासघात करके चन्द टुकड़ों के लोभ मे दल-बदलू बनते जा रहे हैं। ऐसे ही धूर्त्तों और मक्कारों […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• ४ मार्च, २०२४ ई० को देश के शीर्षस्थ न्यायालय उच्चतम न्यायालय के सात सदस्यों की संवैधानिक पीठ के न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से जो निर्णय किया है, वह देश की संदूषित […]
क्रिकेट तो इस धरा पर सदियों से खेला जा रहा है और शायद आगे भी खेला जाता रहेगा लेकिन कुछ क्रिकेटर अपने कौशल और जीवटता के कारण इस खेल की किसी एक विधा के पर्याय […]
मुझे गीत, गानों, गजलों की ज्यादा समझ नहीं है। सुर, लय, ताल की तो बिल्कुल भी नहीं है। लेकिन मुझे शब्दों की समझ है, शब्दों के प्रभाव की समझ है। मुझे जज्बातों की समझ है, […]
“रोने से और इश्क़ में बेबाक हो गए,धोए गए हम इतने कि बस पाक हो गए।” प्रेम एक दैवीय गुण है। अपूर्णता में पूर्णता का भाव प्रेम है। प्रेम एक भाव है, एक सुंदर सा […]
(प्रस्तुत है, भाषाविज्ञानी आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की सकारण आपत्ति) पिछले रविवार को उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से ‘समीक्षा अधिकारी परीक्षा’ करायी गयी थी, जिसमे लाखों की संख्या मे विद्यार्थियों ने परीक्षा दी […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• एक नेता से किये गये प्रश्न और उसके उत्तर को देखें।प्रश्न– हमारा राष्ट्रीय गीत क्या है?नेता– जन गड़ अधिनायक जय हे।प्रश्न– राष्ट्रगान को कितने समय के अन्दर गाया जाता है?नेता– […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• आर्थिक विषमता तथा आतंकवाद-सहित कई गम्भीर विषयों से जूझ रहे पाकिस्तान मे आज ८ फ़रवरी) आम चुनाव कराया जा रहा है, जिसके लिए सभी महारथियों ने अपनी-अपनी कमर कस ली […]
कहते हैं कि यक्ष-यक्षिणी में देवताओं की तरह दैविक चमत्कारिक शक्ति होती है। पौराणिक ग्रंथो में हमारी पृथ्वी में दैत्य, दानव, गंधर्व, किन्नर, यक्ष-यक्षिणी, भूत-प्रेत, रीछ, वानर, नाग, नाग कन्या और डाकिनी-शाकिनी जैसी बहुत सारी […]
यह सन्देश उनके लिए, जो संसार को जीत लेने की सामर्थ्य विकसित कर सकते हों। परवाह किसी की मत करो। जीवन-यात्रा के पाथेय के रूप मे सकारात्मक जीवन-दिशा-निर्धारण करते हुए, व्यवधान, व्यतिक्रम, अवरोध आदिक नकारात्मक […]
शिशु तुतलाकर पहली बार ‘मां’ बोलने को है, चिड़ियां कलरव करने को हैं, कोयल गान सुनाने को है; हिमनद पिघलकर मरुस्थल की ओर बढ़ने को है, कुंआ खुद चलकर प्यासे के पास आने को है, […]
हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि महातीर्थ गंगासागर में स्नान और दान का जो महत्व है वह अन्यत्र नहीं है। सभी तीर्थों में कई बार यात्रा करने से जो पुण्य प्राप्त होता है वह […]
पड़ोसी राज्य हरस्य यानम् (ईश्वर के निवास स्थान) यानि हरियाणा में – हरियाणा के कण-कण और शब्द-शब्द मे राम बसते हैं। शायद इसीलिए हरियाणा पर रामजी की कुछ ज्यादा ही कृपा है। तभी तो हरियाणा […]
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय हे ‘अयोध्या के राम’!हे ‘जय श्रीराम’!हे ‘राजनीतिक दल-विशेष के आयातीत राम’!मत भूलो कि “हम भक्तन के भक्त हमारे” का उद्घोष करनेवाले ‘सियाराम’/’सीताराम’ लोकमानस में अंकित हैं। वे ‘एकाकी’ राम नहीं हैं […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• “सितासिते तु ये स्नाता माघमासे युधिष्ठिर,न तेषां पुनरावृत्ति: कल्पकोटि शतैरपि।”‘तीर्थराज’ प्रयाग की महत्ता को समझें :―“त्रिवेणी माधवं सामं भरद्वाज च वासुकिम्।वन्दे अक्षयवटं शेषं प्रयागं तीर्थ नायकम्।।” बाबा तुलसी ने प्रयाग […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• देश मे सत्ताधारी राजनेताओं के प्रश्रय पाकर अपराधियों के हौसले बलन्द देखे जा रहे हैं। इसका जीता-जागता नमूना गुजरात का है, जहाँ कुछ गुण्डे बिलकिस बानो के परिवार के सात […]
राम इस लोक के हृदय में बसते हैं, इसलिए उन्हें लोकनाथ कहा जाता है। इस भूलोक और संस्कृति दोनों में राम समाहित हैं। माता सीता और भगवान श्रीराम विश्वव्यापी हैं। वह पूरे विश्व में लोकप्रिय […]
१० जनवरी को प्रयागराज के प्रतिष्ठित टी० जी० टी०-पी० जी० टी०-शिक्षा-प्रशिक्षा-संस्थान ‘हिन्दी-संसार’ की ओर से ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ के अवसर पर संस्थान तथा उसके बाहर के विद्यार्थियों के लिए शुद्ध और उपयुक्त शब्द-प्रयोग के प्रति सजगता […]
आज (१० जनवरी) साहित्य, भाषा एवं व्याकरण को विद्यार्थियों और अध्यापकों आदि का सम्यक् मार्गदर्शन करनेवाली संस्था ‘हिन्दी-संसार’ की ओर से उसके सभागार मे ‘विश्व हिन्दी-दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप मे भाषाविज्ञानी […]
‘विश्व हिन्दी-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ‘सर्जनपीठ’ का अन्तरराष्ट्रीय आयोजन सम्पन्न ‘सर्जनपीठ’, प्रयागराज के तत्त्वावधान मे आज (९ जनवरी) ‘विश्व हिन्दी-दिवस’ की पूर्व-संध्या मे ‘सारस्वत सदन’, अलोपीबाग़, प्रयागराज से ‘हिन्दी की वैश्विक स्थिति’ विषयक एक आन्तर्जालिक […]
‘हिन्दी-संसार’ एक ऐसा शैक्षणिक-दैक्षणिक संस्थान है, जहाँ से विद्यार्थी यथोचित अनुशासन और संस्कार ग्रहण करने के अनन्तर समाज को समुचित दिशाभान कराने की भूमिका मे लक्षित होते हैं। जो विद्यार्थी मेधावी और प्रतिभावान् होते हैं, […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय पुस्तकें ‘जीवन से मरण तक’ का आख्यान करती आ रही हैं। शब्द कभी अभिधा, कभी व्यंजना तो कभी लक्षणा के अदृश्य परिधान धारणकर पाठक-पाठिकावर्ग को गुदगुदाते आ रहे हैं; ज्ञानसिन्धु […]
इस वर्ष सर्वाधिक बौद्धिक, शैक्षिक, साहित्यिक तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम करानेवाली संस्था अलोपीबाग़, प्रयागराज की ‘सर्जनपीठ’, रही, जिसके तत्त्वावधान मे वर्ष २०२३ मे अब तक कुल मिलाकर ७७ अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय तथा जनपदस्तरीय समारोह आयोजन किये गये […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय•••••••••••••••••••••••••••••••••••••• क़र्ज़ तब लिया जाता है जब मन और हृदय मे उसे चुकाने की मंशा भी हो। यही कारण है कि उस क़र्ज़ को लेकर ‘अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष’ (आइ० एम० एफ०) […]
एक समय था जब ट्रेन का टिकट लेने के लिए घंटों लाइन लगानी पड़ती थी। तत्काल टिकट के लिए ₹500 प्रति व्यक्ति अलग से घूस देनी पड़ती थी। किस ट्रेन में और किस दिन टिकट […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ३ दिसम्बर को चार राज्यों के जो चुनाव-परिणाम आये थे, उनमे से दो राज्यों के परिणाम निश्चित रूप से आशा और विश्वास के विपरीत दिख रहे हैं। उसके अगले दिन […]
कल श्रद्धेय द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी का जन्मदिनांक (१ दिसम्बर) था। उन दिनो, मै आगरा से प्रकाशित प्रतियोगितात्मक मासिकी ‘प्रतियोगिता विकास’ का सम्पादक था, तब मैने उस पत्रिका मे अँगरेज़ी-व्याकरण के स्तम्भ-लेखन का दायित्व जिन्हें […]
जब मै इस आततायी सरकार की देश और राष्ट्रविरोधी नीतियों पर प्रहार करता हूँ और उसके नंगे चरित्र को सामने लाता हूँ तब इस ‘फ़ेसबुक’ मे जितने भी चेहरे भरे हुए हैं, उनमे से बहुसंख्यकजन […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय तेलंगाना मे मुख्यमन्त्री के० चन्द्रशेखर राव की बेटी ‘कल्वाकुन्तला कविता’ दिल्ली-शराबकाण्ड मे मुख्य आरोपित है; मगर उसे अब भी बचाकर रखा गया है, जबकि आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन, […]
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘देवउठनी एकादशी’ या ‘हरिप्रबोधिनी एकादशी’ कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि चार माह तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार […]
भारतीय क्रिकेट की ‘पुरूष टीम’ को आईसीसी विश्व कप जीतने की अग्रिम शुभकामनाओं के साथ विश्व के समस्त नागरिकों को ‘अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस’ की कोटि कोटि बधाई। (आशा विनय सिंह बैस)
‘राष्ट्रीय प्रेस-दिवस पर हमारी विशेष प्रस्तुति ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय भारत मे प्राय: प्रत्येक दिन कोई-न-कोई दिवस आयोजित होता रहा है; परन्तु उसकी मान्यता और उपयोगिता-महत्ता से अधिकतर जन अनभिज्ञ रहे हैं। इसका मूल […]
८ नवम्बर, २०१६ : भारतीय अर्थव्यवस्था का ‘कृष्णपक्ष’ ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय भारत के आर्थिक इतिहास मे ८ नवम्बर, २०१६ की तारीख़ अति भयावह थी। जैसे ही रात्रि के ८ बजे थे, देश के […]
खादी सिर्फ एक कपड़ा नहीं बल्कि यह भारत के इतिहास, मूल्यों और आकांक्षाओं का प्रतीक है। भारत में हाथ से कताई और बुनाई की परंपरा लगभग 1000 साल पुरानी है। सिंधु घाटी सभ्यता में इसके […]
आत्मचिन्तन ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज़ादी के बाद से पिछले नौ वर्षों में जिस नीति के अन्तर्गत वर्तमान सरकार ने प्रत्येक स्तर पर प्रत्येक क्षेत्र मे जिस तरह से खोखला कर आत्म-समृद्धि कर ली […]
● “मैंने अतीत को ध्यान से पढ़ा है; वर्तमान को मनोयोग से सुना है तथा भविष्य को प्रत्यक्ष की भाँति देखा है”― श्रीमती इन्दिरा गान्धी भारत ही नहीं, अपितु शेष विश्व मनुष्य के लिए शान्तिपूर्वक […]
हालांकि भगवान राम की मर्यादा और रामायण की महिमा तो सर्वकालिक है। लेकिन चिर निद्रा में सोये और अपने महान इतिहास को लगभग विस्मृत कर चुके हम सनातनियों को जब कोई जामवंत आकर याद दिलाता […]
बैसवारा में शादी-ब्याह जैसे शुभ अवसरों में हम अपने परिवारजनों, रिश्तेदारों और इष्ट मित्रों के अलावा अपने पूर्वजों को भी आमंत्रित करते हैं। मुझे याद है विवाह के एक सप्ताह पहले से ही परिवार की […]
“अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्द नुते।गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।।भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते।जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥“ आदि शंकराचार्य द्वारा लिखित और पंडित बीरेंद्र कृष्ण भद्र की आध्यात्मिक वाणी में महालया अमावस्या तिथि को मां […]
हमारे गांव बरी वाले घर में दो गोई (जोड़ी) यानी कुल चार बैल हुआ करते थे। बड़ी वाली गोई ‘बछौना’ (जब बछवा यानी बच्चा था, तभी खरीदा गया था इसलिए बछौना ) और ‘बड़ौना’ (थोड़ी […]
● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय राहुल गांधी चुनाव-प्रचार के लिए पिछले १० अक्तूबर को शहडोल (मध्यप्रदेश)-हवाई अड्डा पहुँचे थे। उससे पहले सतना (मध्यप्रदेश) हवाई अड्डे पर उनके चार्टेड प्लेन के उतरते ही अचानक, एक अज्ञात […]
जिन दिनों मैं हमेशा की तरह एक यात्रा करती हुई अपने गंतव्य पर पहुंचने की आशा में प्रयागराज से ट्रेन पकड़ रही थी । सारनाथ ट्रेन आने वाली थी सभी यात्री अपने सामान के साथ […]
कभी तमन्ना थी कि हर कोई पहचाने मुझे,अब ये चाहत है कि गुमनाम ही रहूं…!! जीवन का सर्वश्रेष्ठ साल गुजर गया! एक ऐसा साल, जिसने मुझे मुझसे मिलाया! इस साल उन तमाम परिस्थितियों का सामना […]