मेरी तरह ‘अकेले’ चलिए; पग-पग पर ‘विजयश्री’ क़दम चूमेगी
आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय••••••••••••••••••••••••••••••••••••• मै अपनी हर लड़ाई अकेले ही लड़ने के लिए समर्थ हूँ; लड़ भी रहा हूँ। जिन्हेँ विश्वसनीय समझता था, उनमे से लगभग सारे दग़ाबाज़ निकले। वाक्-कौशल का परिचय देते हुए, पीठ […]