मोदी-सरकार-द्वारा सत्ता का खुला दुरुपयोग कब तक?

February 23, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज काँग्रेस के मुखर प्रवक्ता पवन खेड़ा के विरुद्ध अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए, भारतीय जनता पार्टी की सरकार की असोम-राज्य- पुलिस-द्वारा दिल्ली वायुयान-केन्द्र से उन्हें यह कहकर अकस्मात् विमान […]

सदाचरण व सद्व्यवहार ही सत्धर्म

February 21, 2023 0

सदाचरण व सद्व्यवहार ही सत्धर्म है।यह सत्धर्म ही परस्पर शत्रुता के स्थान पर मित्रता को प्रतिष्ठित करता है।दुर्जन नहीं सज्जन बनने के लिए इसी शाश्वत एवं सनातन धर्म को स्वीकार किया जाता है ऐसे सनातन […]

समयसत्य विचार और प्रचार

February 19, 2023 0

◆ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय चलो, हम मान लेते हैं, तुम ‘हिन्दूराष्ट्र’ बना लो; पर हमारे कुछ प्रश्न हैं :―● तथाकथित हिन्दू सनातनी सरकार की प्रतिशोधात्मक राजनीति समाप्त हो जायेगी?● “फूट डालो और राजनीति करो” […]

आप कुछ सोचें और उस सोच को दूसरा कोई बता सके, सम्भव ही नहीं

February 19, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस जगत् मे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो आप कुछ सोचें और वह उस सोच को, आपसे बिना कोई प्रश्न किये, सीधे बता सके। आप जब कुछ सोचते हैं […]

उत्तर भारत मे पत्नियाँ अपने पति का नाम नहीं लेतीं

February 19, 2023 0

मान्यता है कि नाम लेने से उनके “उनकी” उम्र कम हो जाती है । इसी बात पर हरीलाल वाला चुटकुला भी बना है। हां, वही हरी/लाल जिनका शुरू का नाम लेने से गाड़ी चल देती […]

तो क्या त्रिपुरा का चुनाव ‘सत्तापरिवर्त्तन’ का संकेत है?

February 17, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस बार त्रिपुरा राज्य मे ६० सीटों के लिए कराये गये चुनाव मे कुल २५९ उम्मीदवार मैदान मे थे। भारतीय जनता पार्टी (५५ सीट) का अपने सहयोगी दल ‘आई० पी० […]

आरम्भो न्याययुक्तो य: स हि धर्म इति स्मृत:

February 16, 2023 0

“आरम्भो न्याययुक्तो यः स हि धर्म इति स्मृतः।” यानि न्याय से युक्त होने पर ही धर्म का प्रारम्भ होता है यही बात याद रखने योग्य है। अब उपरोक्तानुसार आप विचार कीजिये क्या वर्तमान किसी भी […]

बागेश्वरधाम के स्वामी धीरेन्द्र शास्त्री और उनके सेवादारों के कुकृत्यों को प्रशासन की हरी झण्डी

February 13, 2023 0

‘मुक्त मीडिया’ की अन्वेषणात्मक पत्रकारिता ● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय बागेश्वरधाम के स्वामी धीरेन्द्र शास्त्री को चमत्कारी पुरुष बतानेवाले देश के समस्त समाचार-चैनल के संवाददाता इस सच को जानने की कोशिश क्यों नहीं कर रहे […]

प्रेम तो मैत्री से भी ऊँचा

February 13, 2023 0

मित्रता पाने की नहीं करने की चीज है।प्रेम तो मैत्री से भी ऊंचा है।प्रेम बाहर से नहीं मिलेगा।प्रेम तो प्रत्येक को अपने भीतर जगाना होता है वह भी अपने से अधिक श्रेष्ठ व्यक्ति के प्रति।निकृष्टों […]

प्रेम देने से बढ़ता है मांगने से घटता है

February 9, 2023 0

मित्रता पाने की नहीं करने की चीज है।प्रेम तो मैत्री से भी ऊंचा है।प्रेम बाहर से नहीं मिलेगा।प्रेम तो प्रत्येक को अपने भीतर जगाना होता है वह भी अपने से अधिक श्रेष्ठ व्यक्ति के प्रति।निकृष्टों […]

कृष्ण जी की जिज्ञासा

February 7, 2023 0

प्रश्न-:न्याय तो सबकों चाहिए लेक़िन कोई भी जल्दी सत्यनिष्ठ बनने को तैयार नहीं हैं।लेकिन अगर उनके साथ अन्याय होता है तो उन्हें सत्य एवं न्याय की याद अवश्य आती है। उत्तर-:जी!अभी प्रायः लोगों को सत्यनिष्ठा […]

धर्म क्या है ?

February 6, 2023 0

जीवन में पारस्परिक सहजीविता के आधार पर “न्यायपूर्वक” जीना ही धर्म है। धर्म जीवन को कभी दो भागों में नहीं बाँटता था..राजनीति ने जीवन को दो भागों में बाँट दिया-एक शोषक और दूसरा शोषित । […]

‘बागेश्वरधाम’ के नाम पर रेलमन्त्रालय को प्रतिदिन लगाये जा रहे लाखों रुपये के चूने!..?

February 6, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय धर्म के नाम पर सरकार चलानेवाले और रेल-मन्त्रालय का संचालन करनेवाले प्रतिदिन आँखें मूँदे पुण्य कमाते आ रहे हैं और उसी धर्म के नाम पर बागेश्वरधाम जानेवाले धर्मात्मा उन्हें प्रतिदिन […]

भयभीत, मूल्यहीन, दु:खग्रस्त मनुष्य का जीवन किसी अभिशाप से कम नहीं

February 5, 2023 0

तीन बातों का स्व आत्मनिरीक्षण कीजिए- यदि ये तीनों या इनमें से कोई भी दो या कोई भी एक ग्रंथि आपके हृदय में विद्यमान है तो आप उतनी ही मात्रा में विक्षिप्त रहते हैं..! इन […]

ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध भारतीय क्रिकेट-खिलाड़ियों का चयन

February 5, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय मैने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध ९ फ़रवरी से आरम्भ होनेवाले क्रिकेट-टेस्ट मैच-शृंखला के लिए अधोटंकित भारतीय खिलाड़ियों का चयन किया है :― (१) रोहित शर्मा (२) के० एल० राहुल (३) पृथ्वी […]

धरम न दूसर सत्य समाना। आगम निगम पुरान बखाना॥

February 4, 2023 0

हिन्दू लोग जबसे सत्य के स्थान पर ईश्वर, भगवान, देवी, देवता, भूत, प्रेत की पूजा को धर्म मानकर जीवन जीना प्रारम्भ किए, तब से हिंदुओं का बेड़ागर्क हो गया। विश्वव्यापी हिन्दूधर्म बिखरता चला गया।और इनके […]

जीना इसी का नाम है

February 4, 2023 0

ज़िन्दगी बड़ी ख़ूबसूरत है, हर पल को ख़ुशी से जियो! जाने आनेवाला कल कैसा होगा? उसकी चिंता में इस पल को बेकार न करो! ज़िन्दगी को ख़ूबसूरत बनाना है कैसे? इस पर विचार करो! सभी […]

‘स्व’ और ‘पर’ के बीच के द्वैतबोध को हटाओ

February 2, 2023 0

प्रेम तो किसी से कोई आशा नहीं करता, प्रेम किसी को पीड़ा नहीं देता, फिर क्यो प्रेम को लोग स्वीकार नहीं कर पाते, जबकि प्रेम सबको स्वीकार करता है..? उत्तर- प्रेम जब किसी से कोई […]

रामचरितमानस विवाद, राम पर सवाल या वोट पर निशाना

February 2, 2023 0

पिछले कुछ समय से एक कूटरचित साजिश के तहत सनातनधर्म को विशेषकर निशाना बनाकर उसको बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। जिसमे विशेषकर अपने वोट बैंक को साधने के लिए विपक्षी राजनीतिक पार्टियों […]

कहाँ है यह रामराज्य

February 2, 2023 0

क्या रामराज में सतयुगीन वर्णाश्रमधर्म लौट आया था?गोस्वामी तुलसीदास ने तो लिखा था…!यदि रामराज आ चुका था तो रामराज को पुनः लाने की बात गांधीजी कैसे कहते थे..? उत्तर :-दुनिया को ‘रामराज्य’ की नहीं ‘न्यायराज्य’ […]

प्रेम ही श्रद्धा है

January 30, 2023 0

प्रेम ही संवेदना है।प्रेम ही साहस है।।प्रेम ही श्रद्धा है।प्रेम ही सद्वृत्ति है।।प्रेम ही सद्भाव है।प्रेम ही संबंध है।।प्रेम ही मैत्री है।प्रेम ही प्रवृत्ति है।।प्रेम ही सहकार है।प्रेम ही स्वीकार है।।प्रेम ही सहजीविता है।प्रेम ही […]

सामाजिक चेतना हेतु अतिमहत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

January 26, 2023 0

प्रश्न–क्या साधारण मनुष्य बिना अधिकारों के किसी भीनिजी या व्यवहारिक/सामाजिक कर्तव्य करने हेतु उत्तरदायी है? उत्तर–नही, कोई भी मनुष्य अपने निजी कर्तव्यों हेतु पूर्णतः स्वतंत्र है वो भी तबतक जबतक कि व्यवहारिक/सामाजिक बाध्यता का हनन […]

यह सद्भाव ही प्रेम है

January 24, 2023 0

प्रेम जितना बढ़ेगा काम उतना अच्छा होगा। प्रेमपूर्वक किया गया काम अवश्य, सुंदर, शुभ, कुशल और सुफल होता है। झुंझलाहट से किया गया काम अधकचरा ही रहता है। प्रेम अपने भीतर ही जागता है सत्यनिष्ठा […]

प्रेम की तो पीड़ा भी आनंददायक है जबकि घृणा का आराम भी दुःखद है

January 22, 2023 0

प्रेम के बिना तुम कभी सुखी नहीं हो सकते।प्रेम ही तुम्हारे दुःखों-दर्दों की एकमात्र अचूक दवा है। यदि तुम इस विराट संसार में किसी एक सद्व्यक्ति से भी प्रेम करते हो तो समझ लो कि […]

समर्पण मे ही प्रेम की पूर्णता है

January 21, 2023 0

सर्वस्व समर्पित हुए बिना किसी का प्रेम पूर्ण नहीं होता।जब तन मन प्राण आत्मा से पूर्णतः समर्पित होकर मनुष्य अपने इष्ट में स्थित होता है तभी वह अपने स्वाभिमान से मुक्त होकर इष्ट ही हो […]

एकला चलो रे….!

January 20, 2023 0

दुष्ट या अहंकारी मनुष्य एकला ही चलना चाहता है।जबकि पारस्परिकता के बिना मानवीय जीवन जीना सम्भव नहीं है। दूसरे से मिलकर जीना ही मानवीय सभ्यता है। समाजशास्त्र कहता है कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। […]

प्रेम ही संसार को सुखी बनाता है

January 16, 2023 0

दूसरे से जुड़ने और उसकी महिमा में खो जाने की इच्छा ही प्रेम है।इससे ही संवेदना जागती है, सरलता और विनम्रता आती है। दूसरे को स्वीकार करवाती है यह प्रेम की तड़प।दूसरे के संपर्क से […]

प्रयाग का विलक्षण आध्यात्मिक वैभव

January 14, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय प्रयाग (इलाहाबाद) मे तीर्थयात्रियों का गमनागमन (‘आवागमन’ अशुद्ध है।) आरम्भ हो चुका है। इन दिनो ‘माघ मेला’ की आध्यात्मिक उत्सवधर्मिता के साथ सभी तीर्थयात्री सम्बद्ध हो गये हैं। सुदूर अंचलों […]

विश्वास और अविश्वास के बीच की कड़ी है ‘धर्म’

January 13, 2023 0

धर्म तो विश्वास और अविश्वास के बीच की कड़ी है!ये हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करती है..? धर्म किसी के विश्वास और अविश्वास का मोहताज नहीं होता।बल्कि धर्म तो संसार की सबसे महत्त्वपूर्ण वस्तु है। […]

सत्य को जानो, मानो और जीयो

January 9, 2023 0

इस संसार में सब कुछ एकात्म है।एक ही मूल तत्त्व से सब कुछ रचा हुआ है, दूसरा कोई है ही नहीं।मैं-तू के बीच सभी संघर्ष व्यर्थ हैं।सब प्रकार की तूतू-मैंमैं निरर्थक है। संसार में जब […]

पवित्रता क्या है?

January 6, 2023 0

प्रश्न;क्या “पवित्रता” विषय पर हमें सटीक जानकारी मिल सकती है..? उत्तर;गतिशीलता ही पवित्रता है।पवित्रता का अर्थ शुद्धता से ही है। संस्कृत की ‘पव्’ धातु से ‘पवित्र’ शब्द बनता है।इसी धातु से ‘पवन’ और ‘पावक’ शब्द […]

पूंजीवादी और साम्यवादी विचारधारा से नहीं; भारत की आध्यात्मिकता से उपजे अर्थशास्त्र की आवश्यकता : आचार्य वाजपेयी

December 28, 2022 0

विश्व मे दो अर्थशास्त्रीय धाराएं विद्यमान है– एक पूंजीवादी और दूसरी साम्यवादी। यद्यपि दोनों सतह पर अलग अलग दिखती है परंतु दोनों एक ही दर्शन से उत्पन्न है। दोनों मे पदार्थ, भौतिकवाद, उपभोग, मुद्रा प्रदर्शन, […]

सिक्किम की खाई मे सैन्य-वाहन गिरा; हमारे १६ सैनिक मारे गये; समाचार-चैनलों की नपुंसकता सामने आयी!

December 23, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय घोर आश्चर्य! आज हमारे १६ सैनिक मारे गये हैं; परन्तु सरकारी इशारे पर ‘कोरोना’ का भय दिखानेवाले दल्लाल समाचार-चैनलों मे साहस नहीं है, जो हमारे सैनिकों की अति दर्दनाक मृत्यु […]

देश मे शराब पर पूर्णत: प्रतिबन्ध क्यों नहीं?

December 16, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश की सरकारें लोभी रही हैं और नैतिकताविहीन भी; वह चाहें राज्य की रही हों वा केन्द्र की रही हों। यही कारण है कि आज़ादी के बाद से देश मे […]

आज विजय दिवस है

December 16, 2022 0

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के ग्रैंड अंकल जनरल नियाज़ी को लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा साहब के सामने ढाका के रेस कोर्स ग्राउंड में आत्मसमर्पण दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए देखना कितना गौरवशाली […]

कोस-कोस में बदले पानी, चार कोस में बानी

December 14, 2022 0

हमारे देश की विविधता के बारे में प्रचलित है –“कोस-कोस में बदले पानी, चार कोस में बानी।”लेकिन हर चार कोस में वाणी-भाषा बदलने की इस अनोखी, अद्भुत विशेषता के कारण कई बार एक ही शब्द […]

भारतीय शासन और मीडिया की गलबँहिया

December 12, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय चुनाव-परिणाम आ चुके हैं। अब ‘आफ़ताब और श्रद्धाकाण्ड’ का प्रचार-प्रसार समाप्त। क्रीतदास मीडियाकर्मी किसी और ‘मुसलमान-हिन्दू की राजनीति’ करने और उसके ज़ह्र (‘ज़हर’ अशुद्ध है।) की सुई को भारतीय समाज […]

रेलगाड़ी की पहली यात्रा : चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः

December 10, 2022 0

संस्कृत की एक सूक्ति है- ‘चरन्ति वसुधां कृत्स्नां वावदूका बहुश्रुताः।’ यानी बुद्धिमान और वाक कुशल लोग सारी पृथ्वी घूमते हैं। भारतवर्ष पृथ्वी के सबसे सुंदर देशों में से एक है और इस खूबसूरत देश को […]

बेटा आराम से चलना

December 5, 2022 0

2004 की बात है। मैं उस समय हैदराबाद में था और क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर से प्रभावित होकर नई-नई टीवीएस विक्टर बाइक ख़रीदी थी। पापा हमसे मिलने हैदराबाद आये थे। एक छुट्टी के दिन […]

आकाशलोक से सम्मोहक मेघदर्शन/मेघ-दर्शन

December 3, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आकाशगामी वायुयान से आकाश-दर्शन मन-प्राण (‘प्राणों’ अशुद्ध है।) को आह्लादित कर देता है; मेघ का रूप-परिवर्त्तन होते रहने से मन-मस्तिष्क मे एक अद्भुत विचार-शृंखला कौंधने लगती है; विचार-प्रक्रिया ‘शून्य से […]

समाचार-चैनलों की ओर से ‘ग़ुलाम-वंश’ के पुरावृत्त का आरम्भ

December 2, 2022 0

‘मुक्त मीडिया’ का ‘आजका’ सम्पादकीय ★ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ● बाइकवाली, ट्रैक्टरवाली, जीपवाली चैनलवालियाँ।● ऑटोवाला, ट्रकवाला चैनलवाले। ◆ सच तो यह है कि इन सभी का कोई स्वतन्त्र अस्तित्व नहीं; बनियों की नौकरी जो […]

जानकारी फुटबॉल के बारे मे

December 2, 2022 0

इंग्लैंड को आधुनिक फुटबॉल का जनक माना जाता है। इंग्लैंड में लोगों के झुंड फुटबॉल खेलते थे, जहां इसे ‘मॉब फुटबॉल’ के रूप में जाना जाता था। यह खेल नौवीं शताब्दी तक यूरोप के कई […]

इसलिए मुफ्त के चक्कर में कतई न पड़ें, परिणाम घातक होगा

November 30, 2022 0

एयर फोर्स अकैडमी हैदराबाद के मुख्य गेट यानी अन्नाराम की तरफ से अंदर प्रवेश करिए और अगर नाक की सीध में चलते जाइए तो आप ट्विन हैंगर के पास से गुजरते हुए डीएससी गेट पार […]

नरेन्द्र मोदी! नैतिकता बची हो और साहस हो तो उत्तर दें

November 28, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय गुजरात-चुनाव की सार्वजनिक सभा मे २७ नवम्बर को काँग्रेसी नेताओं को आतंकवादियों का साथ देने का आरोप मढ़नेवाले नरेन्द्र मोदी जवाब दीजिए– वर्ष १९९९ मे किस दल के सरकार मे […]

मासानां मार्गशीर्षोऽहम्

November 28, 2022 0

देवशयनी एकादशी’ से शुरू होकर ‘देवोत्थान एकादशी’ को समाप्त हुआ चातुर्मास (श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक महीना) का कठिन समय गुजर चुका है। हेमंत ऋतु का पहला और हिंदू पंचांग का नवां मास अगहन (अग्रहायण/मार्गशीर्ष) […]

कैसा मन्दिर-कैसा मस्जिद-कैसा गिरजाघर-कैसा गुरुद्वारा?

November 27, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय स्वर्ग यहीं है और नरक भी यहीं। कर्म के सम्मुख किसी ‘भौतिक धर्म’ का कहीं कोई अस्तित्व नहीं। ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की यही निष्पत्ति है। जो भी इस विचार से असहमत हो, […]

देर से ऑफिस आने का बहाना

November 26, 2022 0

बिल्कुल असत्य घटना पर आधारित कहानी! शर्मा जी पढ़ने-लिखने में होशियार थे और देखने- सुनने में स्मार्ट। कामकाज के मामले में भी वह तेजतर्रार थे। बस उनकी एक ही कमी थी कि वह ऑफिस हमेशा […]

केंद्रीय सचिवालय

November 24, 2022 0

राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट की तरफ चलिए तो बाई तरफ नार्थ ब्लाक, दाहिनी तरफ साउथ ब्लॉक और कर्तव्य पथ के रास्ते नाक की सीध में चले जाइए तो इंडिया गेट, नेताजी सुभाष चंद्र बोस […]

देश के संवेदनहीन समाचार-चैनलवालो! डूब मरो

November 23, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय देश के समाचार-चैनलवालो! गिर तो पूरी तरह से चुको हो; अब उठ-उठकर; सरक-सरककर कब तक और कितना गिरते रहोगे? गुजरात के मोरबी पुल के टूटने से सैकड़ों लोग मरे थे। […]

भारत पर प्रभुता स्थापित करती ‘न्यू इण्डिया’

November 22, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय वर्ष २०१४ मे ‘भारत’ को पराधीन बनाकर, ‘न्यू इण्डिया’ की स्थापना करनेवाले प्रभुतासम्पन्न लुटेरे ‘भारत’ मे घुसपैठ कर चुके हैं। देश की औसत जनता भूखी, रूखी तथा सूखी पड़ती जा […]

पुरुष कौन है?

November 19, 2022 0

बेटी के लिए ‘परफेक्ट मैन’, बेटे के लिए ‘सुपरमैन’, पत्नी के लिए ‘ही मैन’ और मां के ‘जेंटलमैन’ पुरुष है। बच्चों, पत्नी, मां-बाप, परिवार के लिए सामान खरीदने के बाद बचे हुए पैसों से अपना […]


नितान्त असभ्य दिख रहा गुजरात का ‘चुनावी प्रचार’!

November 19, 2022 0

‘मुक्त मीडिया’ का आज का सम्पादकीय विधानसभा-चुनाव गुजरात-राज्य मे होनेवाला है; परन्तु वहाँ का सत्ताधारी दल और उनके तथाकथित चालीस स्टार प्रचारक यह नहीं बता पा रहे हैं कि वर्षों तक गुजरात मे रहनेवाली उनकी […]

ऊंचाहार ‘बैलगाड़ी’ एक्सप्रेस

November 18, 2022 0

सन 1988 में रायबरेली के ऊंचाहार कस्बे में थर्मल पावर स्टेशन स्थापित हुआ तो ऊंचाहार को देश की राजधानी दिल्ली से जोड़ने के लिए तत्कालीन इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) और दिल्ली के मध्य ‘ऊंचाहार एक्सप्रेस’ रेलगाड़ी […]

आइए! ‘राष्ट्रीय प्रेस-दिवस’ को समझें

November 16, 2022 0

◆ आप सभी से सानुरोध आग्रह है कि इस आलेख मे किसी भी प्रकार का ‘प्रयोगदोष’/’प्रयोग-दोष’ (‘प्रयोग दोष’ निरर्थक प्रयोग है।) दिखे तो संबोध करायें; आभारी रहूँगा। आज (१६ नवम्बर) ‘राष्ट्रीय प्रेस-दिवस (तिथि)’ है। ● […]

रूस-युक्रेन मे अब तक का भीषण आक्रमण-प्रत्याक्रमण

November 16, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय २३ फ़रवरी, २०२२ ई० की रात्रि से रूस-द्वारा युक्रेन पर लगातार किया जा रहा आक्रमण अब रूस के लिए गले की फाँस बन चुका है। अब तक रूस के लगभग […]

व्हिस्की और रम

November 12, 2022 0

रम और व्हिस्की दोनों ही मादक पेय हैं। सामान्य भाषा में दोनों को ही ‘दारू’ कहा जाता है। लेकिन रम, गन्ने से प्राप्त शीरे के किण्वन (fermentation with yeast) के पश्चात प्राप्त घोल के आसवन […]

मेरी पक्की सहेली

November 12, 2022 0

मेरा नाम दिशा है, मैं नौवीं कक्षा में पढ़ती हूं। मेरी एक सहेली थी जिसका नाम पायल था। जो मेरे साथ पहली से आठवीं तक पढ़ती थी। अब मैं नौवीं कक्षा में प्रवेश कर चुकी […]

बाल दिवस और अध्यापक

November 11, 2022 0

जैसे कि हम जानते हैं पंडित जवाहरलाल नेहरु के जन्म दिवस 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह निर्णय नेहरू का बच्चों के प्रति लगाव को देखकर ही […]

दिल्ली मॉडल

November 11, 2022 0

आज से एक दशक पूर्व तक दिल्ली में डीडीए का फ्लैट निकलना लॉटरी लग जाने जैसा होता था। आज ड्रा में फ्लैट निकला और कल से ब्रोकर पीछे पड़ जाते कि इतने लाख लेकर इसे […]

बैसवारा की कतकी (कार्तिक पूर्णिमा)

November 8, 2022 0

करवा हैं करवाली,उनके बरहें दिन दिवाली।उसके तेरहें दिन जेठुआन ,औरफिर चुटिया-पुटिया बांध के चलो गंगा नहाय। मतलब की दीपावली की धूम और फिर जेठुआन के गन्ने की मिठास खत्म होते कतकी (गंगा स्नान) की तैयारी […]

हर साल नवंबर के महीने में यह साबित करना पड़ता है कि मै जिंदा हूँ : रिटायर्ड फौजी

November 5, 2022 0

जंगल वाले टाइगर के साथ तो ऐसी कोई मजबूरी नहीं है लेकिन फौज वाले रिटायर्ड टाइगर्स को हर साल नवंबर के महीने में यह साबित करना पड़ता है कि वह जिंदा हैं। तभी उनकी पेंशन […]

बैसवारा का जेठुआन

November 3, 2022 0

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को ‘देवउठनी एकादशी’ या ‘हरिप्रबोधिनी एकादशी’ कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि चार माह तक भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हैं। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार […]

महापर्व छठ

October 31, 2022 0

पिछले कुछ वर्षों में अगर कोई त्यौहार पूरे भारत में सबसे तेजी से फैला है तो वह महापर्व छठ ही है। हालांकि इसके प्रचार- प्रसार में बिहार और उत्तर प्रदेश की तथाकथित पिछड़ी, समाजवादी, सेकुलर […]

भाईदूज का त्यौहार और इसकी कथा

October 26, 2022 0

हिंदू धर्म में भाई-बहन के स्नेह के प्रतीक के रूप में दो त्योहार मनाए जाते हैं:- पहला ‘रक्षाबंधन’ जो श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इसमें भाई बहन की रक्षा करने का संकल्प […]

यदि दीपावली ‘मुसलमानो’ का त्योहार होता….

October 26, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय यदि दीपावली मुसलमानो का त्योहार होता तो अब तक कई याचिकाएँ न्यायालयों मे दाख़िल हो जातीं। दोष मढ़ा जाता :– दीपावली से शोर-शराबा होता है; हमारे देवी-देवताओं के चित्र चिपकाकर […]

देश की कार्यसंस्कृति सात-आठ सालों मे बदलने का श्रेय ‘नरेन्द्र मोदी’ को

October 23, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय अन्तत:, यह सच नरेन्द्र मोदी की ज़बान पर आ ही गया :–“देश की कार्यसंस्कृति सात-आठ साल मे बदली है।” नरेन्द्र मोदी के इस कथन मे कहीं कोई असत्य का पुट […]

बचपन वाली दीवाली

October 23, 2022 0

बचपन की दीपावली का मतलब छोटी दीवाली, बड़ी दिवाली और उसके बाद गंगा स्नान (कार्तिकी) की तैयारी हुआ करता था। धनतेरस और भैया दूज कम से कम हमारे गांव में तो नहीं मनाया जाता था। […]

चाय पर चर्चा

October 21, 2022 0

ईसा से 2737 साल पहले एक दिन चीन के सम्राट शेन नुंग के सामने रखे गर्म पानी के प्याले में कुछ सूखी पत्तियां आ कर गिरी, जिनसे पानी में रंग आया और जब उन्होंने उसकी […]

निर्लज्जता की पराकाष्ठा!

October 20, 2022 0

◆ आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस समय देश की आर्थिक स्थिति बदतर हो चुकी है; परन्तु ‘न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार’ पर इसका कहीं कोई असर होता दिख नहीं रहा है। सभी उत्पादों पर आये-दिन बेलगाम […]

‘कश्मीर पण्डितों’ के बहाने करोड़ों की कमाई

October 19, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ दिखाकर अपनी पीठ थपथपाने और अपने उल्लू सीधा करनेवालो! कश्मीर मे ‘कश्मीरी पण्डित’ और ‘अन्य हिन्दू’ मारे जा रहे हैं; अब चुप क्यों हो? फ़िल्म से की […]

चिकित्साविज्ञान की पुस्तकों का बेहद ‘शर्मनाक’ अनुवाद!

October 18, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीचे मध्यप्रदेश-सरकार की ओर से ‘मेडिकल साइंस’ (चिकित्साविज्ञान) के अध्ययन करनेवाले विद्यार्थियों के लिए एक अनूदित (अँगरेज़ी से हिन्दी-अनुवाद) पुस्तक के ‘लंग्स’ (फेफड़े/फेफड़ों) नामक अध्याय की सामग्री है। इसमे केवल […]

ग्रामीण पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी मीडियम से होना किसी वरदान से कम नहीं

October 18, 2022 0

विज्ञान वर्ग से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से करने के बाद मैंने बीएससी (पीसीएम) करने हेतु कानपुर के प्रसिद्ध बीएनडी कॉलेज में एडमिशन लिया । वहां के प्रोफेसर बहुत अच्छे थे, अपने विषय […]

चंदा तेरे कितने रूप

October 14, 2022 0

चंद्रमा पूजनीय है क्योंकि हमारे शास्त्रों में चंदा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र कहा गया है। चंद्रमा को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त है , इसलिए सुहागिन स्त्रियां कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी […]

काश! राममन्दिर का पूरा निर्माण देख गये होते मुलायम सिंह यादव

October 11, 2022 0

‘मौलाना मुलायम’ की हकीकत तो सबको मालूम ही है कि वह एक जाति विशेष और मजहब विशेष के नेता थे। उत्तर प्रदेश के यादवों के लिए वह ‘अंबेडकर’ और शांति दूतों के लिए ‘जिन्ना’ से […]

कट्टर मुसलमानो! जवाब दो!

October 10, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय तुम केवल एक ईश्वर ‘ख़ुदा’ को मानते हो, जिसका कोई आकार-प्रकार नहीं है। वैसे भी तुम लोग के ख़ुदा का कोई मूर्त रूप आज तक नहीं मिला है और यदि […]

घोर हिन्दूवादियो! उत्तर दो?

October 10, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय तुमने राम, कृष्ण, लक्ष्मण, हनुमान आदिक को देखा है? देखा था? तुम्हें अब तक इनसे क्या मिला है? इसके बाद भी तुम इन सभी के अन्धभक्त बने हुए हो और […]

भारत की चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए उत्तरदायी कौन?— दो और अन्तिम भाग

October 10, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय भारत की चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए उत्तरदायी कौन?— एक हम इस तथ्य को अस्वीकार नहीं कर सकते कि मोदी-सरकार लगातार क़र्ज़ लेती आ रही है; किन्तु उसे पटा नहीं पा […]

भारत की चरमराती अर्थव्यवस्था के लिए उत्तरदायी कौन?— एक

October 10, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय आज भारत देश के आर्थिक पहिये बेलगाम हो चुके हैं। यही कारण है कि वे अपना संतुलन खोकर ऊबड़-खाबड़ रास्ते से भागे जा रहे हैं। इसका सामान्य जन-जीवन पर सीधा […]

आम जनता को पूरी तरह से लूट रहा है, ‘रेलमन्त्रालय’!

October 7, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय जबसे न्यू इण्डिया की मोदी-सरकार का गठन हुआ है तबसे उसका इरादा साफ़ है– जनसामान्य को कैसे कंगाल (तत्सम ‘कंकाल) बनाया जाये और उसे आर्थिक रूप से इतना तोड़ दिया […]

नरेन्द्र मोदी के सिर पर मडराता ‘नोटबन्दी’ का भूत!

October 6, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नरेन्द्र मोदी ने जिन-जिन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नोटबन्दी (उपयुक्त शब्द ‘नोटपरिवर्त्तन’ है।) की थी, उन्हें लेकर वे और उनकी सरकार अब बुरी तरह से घिर चुकी हैं। उच्चतम […]

यह है, सुधीर चौधरी, जो हिन्दी-टाँगें तोड़ रहा है

October 6, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस विमूढ व्यक्ति की बातें सुने और जो लिखे हुए दिख रहे हैं, उन्हें भी पढ़ें। यह स्कूल को ‘कॉलेज’ और कॉलेज को ‘महाविद्यालय’ बता रहा है। अब इससे प्रश्न […]

हरी भदैली गंग नहावा, नीलकंठ के दर्शन पावा

October 5, 2022 0

पौराणिक मान्यता है कि विजयदशमी की तिथि को भगवान श्रीराम ने अत्याचारी रावण का वध किया तो संसार को एक पापात्मा से मुक्ति मिली। लेकिन भगवान श्रीराम के ऊपर ब्रह्महत्या का पाप भी लग गया […]

‘संस्कृत’ और ‘हिन्दी’ के साथ किया जा रहा क्रूर छल!

October 5, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय शिक्षिका मनोरमा जी!आपने यह वीडियो प्रस्तुत करके अपने खोखले ‘संस्कृत-ज्ञान’ का बहुविध परिचय प्रस्तुत कर दिया है। शुद्ध शब्द ‘संस्कृत’ है; उच्चारण ‘सम्सकृत’ है, न कि ‘सन्स्कृत’। आप सभी का […]

रामानंद सागर-कृत धारावाहिक “रामायण” कई अर्थो मे कालजयी है

October 5, 2022 0

अपने कालखंड में महर्षि वाल्मीकि ने “रामायण” और गोस्वामी तुलसीदास ने “रामचरितमानस” से जिस प्रकार जनमानस को शिक्षित और जाग्रत किया था, रामानंद सागर ने भी अपने धारावाहिक ‘रामायण” के माध्यम से हमारी पीढ़ी के […]

सीमित संसाधनो मे रामानंद जी ऐसा क्या जादू कर गए जो पुनः कोई दोहरा नहीं पाया

October 4, 2022 0

श्रद्धेय रामानंद सागर कृत रामायण को असाधारण लोकप्रियता देखकर यह सोचता हूँ कि आखिर उनकी रामायण में ऐसा क्या है जो लोग को बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है? 80 के दशक के उत्तरार्ध […]

इलाहाबाद में महात्मा गांधी जी का प्रथम आगमन

October 3, 2022 0

प्राय: देखा गया है कि जीवन में ‘आकस्मिक’ और ‘अप्रत्याशित’ गमनागमन (‘आवागमन’ अशुद्ध है।) की विशेष भूमिका होती है; जैसा कि महात्मा गांधी जी के साथ हुआ था :– जाना कहीं था और चले गये […]

क्या गांधीवाद आज भी प्रासंगिक है?

October 2, 2022 0

यह बात तो ठीक है कि राजे-रजवाड़ों, नवाबों, रियासतों में बंटे इस देश के लोगों में अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी की अलख जगाने और उन्हें एकजुट करने में मोहनदास करमचंद गांधी की महत्वपूर्ण भूमिका रही […]

गाँधीजयंती विशेष : मोहनदास करमचंद गांधी प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता

October 2, 2022 0

संकलित- मोहनदास करमचंद गांधी (2 अक्तूबर 1869 – 30 जनवरी 1948) भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह – व्यापक सविनय अवज्ञा के माध्यम से अत्याचार के […]

तथाकथित शब्दप्रयोग ‘बेस्ट सेलर बुक’ के नाम पर कब तक छलावा होता रहेगा?

October 1, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इस पुस्तक को शुद्ध हिन्दी का बोध करानेवाली ‘सर्वोत्तम’ पुस्तक बताया जा रहा है। सम्भवत: आप सभी मे से कुछ ने इस पुस्तक के आवरणपृष्ठ पर दृष्टिपात किये होंगे; परन्तु […]

संसदीय ‘वाद-विवाद’ का अनुवाद

September 30, 2022 0

संसद भवन, भारतीय लोकतंत्र का सबसे पवित्र मंदिर है । संसद में होने वाला वाद -विवाद अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में संसदीय पुस्तकालय में सुरक्षित रखा जाता है ताकि माननीय सांसद, शोधार्थी और अन्य […]

दशहरा वाली ईद

September 29, 2022 0

मैं वायु सेना में सेवा के दौरान हैदराबाद के वायुसेना अकादमी के बाहर सिविल एरिया (अन्नाराम) में फैमिली के साथ किराए पर रह रहा था। मेरे घर के पीछे रहने वाले एक हैदराबादी सज्जन खाने-पीने […]

हाईटेक पत्रकारिता के बिजनेस मे प्रोडक्ट हुईं ख़बरें

September 27, 2022 0

सुधीर अवस्थी परदेसी, बघौली : पत्रकारिता महज एक काम नहीं बल्कि मिशन रही है। इस क्षेत्र में आने वाला शख्स अपना सब कुछ दांव पर लगा कर पत्रकार कहलाता है। बिल्कुल इस बात को कहने […]

हमारे दो गोई बैल!

September 26, 2022 0

हमारे गांव बरी वाले घर में दो गोई (जोड़ी) यानी कुल चार बैल हुआ करते थे। बड़ी वाली गोई ‘बछौना’ (जब बछवा यानी बच्चा था, तभी खरीदा गया था इसलिए बछौना ) और ‘बड़ौना’ (थोड़ी […]

भादों वाला भद्दर प्यार

September 25, 2022 0

(एक काल्पनिक कहानी) बचपन की बात है। एक बार ऐसे ही झमाझम बारिश हो रही थी और मुझे जोर से ‘दो नंबर’ लग आई। तब घरों में शौचालय नहीं हुआ करते थे इसलिए मैं छाता […]

निजीकरण के दौर मे टारगेट अचीव करना ही एक लक्ष्य

September 23, 2022 0

आजकल निजीकरण का दौर है। इसलिए सबको टारगेट अचीव करना पड़ता है। नहीं तो व्यक्ति को ‘फ्लावर’ देने की जगह ‘फायर’ कर दिया जाता है। बहुत पहले नहीं, बस आज से दो-तीन दशक पहले तक […]

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के जाने का तात्पर्य

September 22, 2022 0

मैं कल से ही सोच रहा हूं कि स्टैंड अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के जाने का इतना दुख क्यों है???क्या इसलिए कि वह हास्य कलाकार थे? लेकिन हास्य कलाकार तो सेकुलर कपिल शर्मा और जिहादी […]

क्या हिंदी सिर्फ लड़कियों या पढ़ाई में कमजोर छात्रों की भाषा है?

September 14, 2022 0

1984 की बात है। ‘बड़ा पेड़’ गिरने के बाद धरती हिलकर लगभग शांत हो चुकी थी। मैं पापा के साथ मुंबई घूमने गया था, अपने नाना के घर। चूंकि उन दिनों किसी घर का दामाद […]

विश्वास ही सबसे कारगर इलाज़ है, डॉक्टर और दवाएं तो निमित्त मात्र हैं

September 11, 2022 0

लगभग तीन दशक पहले की बात है। मैं 12 वीं कक्षा में पढ़ता था। हमें लालगंज बैसवारा में रहते हुए 4-5 साल हो गए थे। इसलिए अब तक सब कुछ तय सा हो गया था। […]

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