सई नदी की करुण कथा : पौराणिक और ऐतिहासिक नदी मर रही है

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला सम्पन्न

March 16, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय ने असम के विद्यार्थियों को मूलभूत व्याकरण का ज्ञान कराया ‘राष्ट्रभाषा प्रबोध विद्यालय’, विश्वनाथ (असम) के एक कक्ष मे कल आयोजित शैक्षिक कर्मशाला मे अनेक शिक्षण-संस्थाओं की छात्र-छात्राओं की सहभागिता उपयोगी […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 22, 2023 0

यहाँ एक शब्द है, खेल। इसी शब्द से दो शब्द का सर्जन (‘सृजन’ अशुद्ध शब्द है।) होता है :―१– खिलाड़ी२– खेलाड़ी। इनमे से कौन-सा शब्द उपयुक्त है और क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं, दोनो शब्द […]

आइए! उदात्त गुरु-शिष्य परम्परा की वापसी करायें

February 11, 2023 0

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय कभी-कभी प्रतीत होता है, ‘आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला’ अपने उसी पुराकाल की समृद्ध और सात्त्विक परम्परा की देन है, जहाँ कभी गुरु भौतिकता से परे आत्मिक परिवेश का सर्जन […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

February 11, 2023 0

‘लड़पोछन’ शब्द की सार्थकता? ‘लड़पोछन’ न तो कोई सार्थक शब्द है और न ही ‘अश्लीलता’ का बोध करानेवाला किसी भी प्रकार का शब्द है। ‘लड़पोछन’ मे दो शब्द दिख रहे हैं :― (१) लड़ (२) […]

कर्मशाला के माध्यम से विद्यार्थी और अध्यापक-वर्ग को शुद्ध हिन्दी-लेखन का बोध करना अपरिहार्य है– आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय

February 10, 2023 0

“हमे आज संदूषित किये जा रहे शब्दों को पकड़कर सारस्वत सुधारगृह मे रखना होगा, ताकि उनका समुचित परिष्कार हो सके और उनका सात्त्विक शब्दनिधि मे प्रवेश हो सके। वास्तविकता यह है कि हमारा अर्द्धशिक्षित-शिक्षित-सुशिक्षित समाज […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन लखनऊ मे ९ फ़रवरी को

February 7, 2023 0

प्रयागराज से पधारे भाषाविज्ञानी एवं समीक्षक तथा आयोजन मे मुख्य अतिथि आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की कर्मशाला का आयोजन ९ फ़रवरी को ‘दीनदयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान’, बख़्शी का तालाब, लखनऊ के सभागार मे […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 25, 2023 0

♀ हमे ‘इस पाठशाला’ से पूर्व ऐसा कोई भी स्रोत प्राप्त नहीं हुआ था, जिसमे किसी भी प्रकार के अशुद्ध-शुद्ध वाक्य को इतने विस्तार के साथ समझाते हुए, लेखन हुआ हो और समय-समय पर हमारा […]

‘परीक्षा पे/पर चर्चा’ वाक्यांश-प्रयोग का औचित्य?

January 21, 2023 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय इन दिनो एक वाक्यांश शिक्षाजगत् की शब्द-सम्पदा को खाने के लिए ‘जंगली कुत्ते’ की तरह से छोड़ दिया गया है। आश्चर्य है, उस कुत्ते को लठियाने की हिम्मत मरती हुई […]

शब्दों और अंकों का शुद्ध उच्चारण और लेखन करना सीखें

January 18, 2023 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ♀ प्रथम― प्रत्युत्पन्नमति ♀ द्वितीय― शुश्रूषा ♀ तृतीय― ५९ ♀ चतुर्थ― पोषकतत्त्व ♀ पंचम― ९५ ♀ षष्ठ― वीणापाणि ◆ प्रत्युत्पन्नमति :― प्रथम शब्द है― प्रत्युत्पन्नमति।प्रति+उत्पन्न+मति― इसका शाब्दिक अर्थ है, […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 15, 2023 0

◆ यहाँ प्रस्तुत है, एक वाक्य का सम्यक् और अनन्य विश्लेषण। ★ वाक्य है :― पुरुषार्थ से बढ़कर ‘कुछ’ भी नहीं।•••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••• सब कुछ विस्मृत के गर्भ मे विलीन हो जाता है, जबकि पुरुषार्थ ‘अजर-अमर’-रूप/अजर-अमर के […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 6, 2023 0

◆ वे शब्द, जिनका विश्व-समाज अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता आ रहा है।■ शब्दप्रयोग― आभार; शुक्रिय:/शुक्रिया, धन्यवाद, साधुवाद तथा थैंक यू। आइए! ‘आभार’ शब्द को समझते हैं। ‘आभारी’ का समानार्थी शब्द ‘कृतज्ञता’ है। पढ़े-लिखे लोग […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

January 2, 2023 0

एक वाक्य के आधार पर व्याकरणीय सम्बोध/संज्ञान करें। वाक्य है :–★ हमारे जीवन मे एक ‘तिनके’ की उपयोगिता है और महत्ता भी। ◆ यह वाक्य ‘अनिश्चित वर्त्तमान/वर्तमानकाल/वर्त्तमान/वर्तमान-काल/ वर्तमान का काल/समय (‘वर्त्तमान/वर्तमान काल’ अशुद्ध है।) का […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 29, 2022 0

■ यदि आपको इसमे से किसी भी प्रकार की अशुद्धि दिखे तो हमारा समुचित मार्गदर्शन करें, स्वागत है।◆ यहाँ वे शब्द हैं, जिनका विश्व-समाज जाने-अनजाने (‘अंजाने’ और ‘अन्जाने’ अशुद्ध हैं।) अशुद्ध और अनुपयुक्त व्यवहार करता […]

‘शब्द-शब्द संधान’ का आयोजन २१ दिसम्बर को

December 18, 2022 0

‘सर्जनपीठ’ के तत्त्वावधान मे हिन्दी-साहित्य के युगप्रवर्तक (द्विवेदी-युग) आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी की पुण्यतिथि के अवसर पर ‘शब्द-शब्द संधान’ के अन्तर्गत ‘मौखिक और लिखित भाषाओं मे विराम और विरामेतर-चिह्नो की उपयोगिता’ विषय पर एक व्याकरणिक परिसंवाद […]

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला

December 17, 2022 0

भाषासंस्कार/भाषा-संस्कार/भाषा का संस्कार (‘भाषा संस्कार’ अशुद्ध है।) विकसित करें प्रतिभाशाली/प्रतिभावान्/प्रतिसम्पन्न/प्रतिभायुक्त विद्यार्थी वही होता है, जो शब्दानुशासन को सम्यक् रूपेण (भलीभाँति) धारण करता हो। जिसके पास विद्या होती है, वही विद्यार्थी कहलाने का अधिकारी होता है; […]

शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर, शहडोल मे राष्ट्रीय कार्यशाला का प्रथम दिवस

December 7, 2022 0

शिक्षाजगत् मे भाषा-व्याकरण के प्रति उदासीनता समाप्त हो– आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता परियोजना प्रकोष्ठ के तत्त्वावधान मे ७ दिसम्बर, २०२२ ई० को शासकीय महाविद्यालय जयसिंहनगर के हिन्दी एवं समाजशास्त्र-विभाग की ओर […]

अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ पर दो टूक टिप्पणी

December 6, 2022 0

● आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय नीचे अज्ञेय के निबन्ध ‘संवत्सर’ का एक अंश दिया गया है, जिसमे वे ‘अतिरिक्त’ बुद्धिवाद बघारते हुए दिखते हैं। अज्ञेय अपने शब्दजाल मे पाठकवर्ग को ऐसे फँसाते हैं कि वह […]

आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय-द्वारा मध्यप्रदेश मे व्याख्यान और प्रशिक्षण ७-८ दिसम्बर को

December 4, 2022 0

‘मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन परियोजना एवं आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ’ के तत्त्वावधान मे शासकीय महाविद्यालय, जयसिंह नगर, शहडोल (म० प्र०) मे भाषाविज्ञानी और समीक्षक आचार्य पं० पृथ्वीनाथ पाण्डेय (प्रयागराज) की अध्यक्षता मे द्विदिवसीय राष्ट्रीय […]

‘सृजन’ शब्द शुद्ध है अथवा ‘सर्जन’ शब्द?

December 3, 2022 0

आचार्य पण्डित पृथ्वीनाथ पाण्डेय की पाठशाला ‘सृजन’ शब्द शैक्षिक और साहित्यिक वातावरण मे ऐसे घुल-मिल गया है, जैसे ‘दूध मे पानी’। उस दूध मे कितना पानी (पानी का भिन्नार्थक :– जल; चमक; प्रतिष्ठा) है, इसे […]

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