बाल-दिवस के अवसर पर बालसाहित्य-विशेषज्ञ डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय का एकल व्याख्यान
“बाल्यकाल मानव-जीवन की आरम्भिक अवस्था है, जिसमें मनुष्य की समस्त शारीरिक और मानसिक क्षमताओं का आविर्भाव , प्रस्फुटन तथा विकास निहित है। यह एक विधायन विज्ञान भी है। इस दृष्टि से बालसाहित्य का प्रासंगिक और […]