एक कहानी : तब क्या होगा ?
महेन्द्र महर्षि , 31.7.2018. गुरूग्राम- चारपाई पर लेटा बुद्ध प्रकाश , जिसे घर पड़ौस के लोग लाड़ में बुधवा कहकर बुलाते हैं , आसमान में चमकते तारों को देखता – देखता न जाने कब सो […]
महेन्द्र महर्षि , 31.7.2018. गुरूग्राम- चारपाई पर लेटा बुद्ध प्रकाश , जिसे घर पड़ौस के लोग लाड़ में बुधवा कहकर बुलाते हैं , आसमान में चमकते तारों को देखता – देखता न जाने कब सो […]
नीना अन्दोत्रा पठानिया, पठानकोट ,पंजाब – सारे बयान सरिता के खिलाफ जा रहे थे , हर बयान के बाद एक-एक उम्मीद दम तोड़ रही थी । हर आँख उस से कई सवाल कर रही थी […]
नीना अन्दोत्रा पठानिया (पंजाब) “ रमा सोनू को अच्छी तरह से ढक ले ,आगे से चुड़ैल आ रही है , करम जली अपना तो सब कुछ खा गई अब सबके बच्चों पर नज़र रखती है […]
बृजेश पाण्डेय ‘बृजकिशोर’ बेनीगंज गाँव में रामदयाल नाम का एक युवक रहता था। उसके परिवार (फैमिली) में माता-पिता और दो छोटी बहनें थीं। पाँच बीघे खेती योग्य जमीन है। समीप […]
एक एसडीएम की कहानी आज स्कूल में शहर की महिला SDM आने वाली थी क्लास की सारी लड़कियां ख़ुशी के मारे फूली नहीं समां रही थी …सबकी बातों में सिर्फ एक ही बात थी SDM […]
नीना अन्दोत्रा पठानिया- क्या हुआ बीबी जी, हर शनिवार को आप कुछ ढूंढने के लिए बाहर चली जाती है। कोई जान-पहचान का है। जिसका पता आप ढूढती हो ? नंदा की काम वाली ने नंदा […]
नीना अन्दोत्रा पठानिया- रोज की तरह अंजली ऑफिस से आकर घर के काम निपटा कर जैसे ही रूम आई तो देखा अशोक सो गया था। अंजली अशोक को सोता हुआ देख कर सोचने लग गई, […]
नीना अन्दोत्रा पठानिया (कहानीकार)- “माँ-माँ आज हमारे मुहल्ले में इतनी ज्यादा भीड़ क्यों लगी हुई है , बारह वर्षीय नेहा ने उत्सुकता से अपनी माँ से पूछा । माँ ने कहा “बेटा आज हमारे नेता […]
भागीरथी नदी – भागीरथी (बांग्ला – ভাগীরথী) भारत की एक नदी है। यह उत्तराखंड में से बहती है और देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा नदी का निर्माण करती है। भागीरथी गोमुख स्थान से २५ […]
डॉ० पृथ्वीनाथ पाण्डेय- दीपवर्तिका की ज्वलनशीलता लोकमानस की सहनशीलता पृथक्-पृथक् पथ पर परिलक्षित होती हैं। दो समानान्तर दूरी पर चलते हुए भी संवाद करने के लिए कहीं-कोई ठौर नहीं बचता। किस हेतु लोक दीप जलाता […]
योगेश समदर्शी (साहित्यकार, दिल्ली)- एक अदद तख्ता घर में पड़ा मिल गया। जिसकी चौड़ाई रही होगी लगभग एक फिट और लम्बाई दो फिट। भुल्लन ने उसे उठाया और सीधे पहुंच गया बेगराज खाती के पास। […]
विवेक साहू- एक समय की बात है। एक शहर में एक धनी आदमी रहता था। उसकी लंबी-चौड़ी खेती-बाड़ी थी और वह कई तरह के व्यापार करता था। बड़े विशाल क्षेत्र में उसके बगीचे फैले हुए […]