आज के मन की बात कार्यक्रम का केन्द्रीय विषय रहा जल संरक्षण और जल प्रबंधन

आकाशवाणी से 43वीं बार मन की बात साझा करते हुए श्री मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को शुभकामनायें देते हुए कहा कि भगवान बुद्ध दया, सेवा और त्‍याग के प्रतीक हैं। बात आगे बढ़ाते हुए श्री मोदी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में मनरेगा के बजट के अलावा औसतन 32 हजार करोड़ रुपये जल संरक्षण और जल प्रबंधन पर खर्च किए गए हैं। इस दौरान जल संरक्षण और जल प्रबंधन उपायों से करीब एक करोड़ पचास लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र भूमि को लाभ मिला है।

प्रधानमंत्री ने कहा है कि जल संचय एक सामाजिक और सामूहिक उत्‍तरदायित्‍व होना चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि जल संचय हमारे पूर्वजों की जीवन शैली का हिस्‍सा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अप्रैल से जुलाई तक का समय वर्षा जल के संचय के लिए सबसे उपयुक्‍त समय है और वक्‍त पर तैयारियां की जायें तो इसके अच्‍छे नतीजे मिल सकते हैं। जल-संरक्षण और जल-प्रबंधन के लिए भारत सरकार के द्वारा जो मनरेगा में धनराशि मिलती है, कुछ लोगों ने इसका बहुत अच्छा फायदा उठाया है। केरल में कुट्टूमपेरूर (Kuttemperoor), उस नदी पर 7 हज़ार मनरेगा के काम करने वाले लोगों ने 70 दिनों तक कड़ी मेहनत करके उस नदी को पुनर्जीवित कर दिया। आज के मन की बात कार्यक्रम में आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने जल संकट की ओर इशारा किया है। उन्‍होंने इस बात को भी रेखांकित किया है और कहा है कि हमारे देश में प्राचीन काल से जो बावडि़यां बनी हुई है, उन बावडि़यों के माध्‍यम से जल संचय पर, जल प्रबंधन पर और जल संग्रहण पर काफी बल दिया जाता रहा है। बहुत ही प्रशंसनीय बात है कि उन्‍होंने बावडि़यों को जल मंदिर की संज्ञा दी है।

हाल में आस्‍ट्रेलिया में सम्‍पन्‍न राष्‍ट्र मंडल खेलों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इन खेलों में भारत का प्रदर्शन बहुत शानदार रहा। उन्‍होंने कहा कि इन खेलों का महत्‍व इसलिए भी विशेष था कि इसमें पदक जीतने वाले अधिकतर खिलाड़ी महिलायें थीं। प्रधानमंत्री ने युवाओं से ग्रीष्‍मकालीन स्‍वच्‍छ भारत इंटर्नशिप में भाग लेने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं छात्रों को, छात्राओं को, नौजवानों को फिर एक बार निमंत्रण देता हूं कि इंटर्नशिप के लिए आप इसका लाभ उठाए। आप MYGOV पर जाकर स्‍वच्‍छ भारत समर इंटरशिप के लिए रजिस्‍टर कर सकते हैं। मैं आशा करता हूं कि हमारे युवा स्‍वच्‍छता के इस आंदोलन को और आगे बढ़ायेंगे। आपके प्रयासों के बारे में जानने के लिए मैं भी इच्‍छुक हूं।

श्री मोदी ने कहा कि स्‍कूलों और कॉलेजों में उत्‍कृष्‍ट प्रदर्शन करने वाले सर्वोत्‍तम प्रशिक्षुओं को पुरस्‍कार देकर राष्‍ट्रीय स्‍तर पर सम्‍मानित किया जायेगा। दूरदर्शन पर दिखाये जाने वाले गुड न्‍यूज इंडिया कार्यक्रम की सराहना करते हुए श्री मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम देश के विभिन्‍न भागों में लोगों द्वारा किए गए अच्‍छे कार्यों के बारे में बताता है। सभी लोगों को इस कार्यक्रम को देखना चाहिए। श्री मोदी ने उत्‍तराखण्‍ड के बागेश्‍वर के कुछ किसानों की भी चर्चा की जिन्‍होंने कृषि उत्‍पाद के मूल्‍य संवर्धन की अभिनव प्रक्रिया अपना कर घाटे में चल रही खेती को मुनाफे में बदल दिया है।

पोखरण परमाणु परीक्षण की याद करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने विश्‍व को दिखा दिया है कि शांति के लिए आंतरिक शक्ति महत्‍वपूर्ण होती है। राजस्‍थान के पोखरन में परमाणु परीक्षण कि‍या गया था। उसे 20 वर्ष हो रहे हैं और यह परीक्षण भगवान बुद्ध के आर्शीवाद के साथ बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया गया था और एक तरह से कहे तो विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था। हम कह सकते हैं कि वो दिन भारत के इतिहास में उसके सैन्‍य शक्‍ति के प्रदर्शन के रूप में अंकित है।