अन्नमहोत्सव के तहत लाभार्थियों को निःशुल्क अन्न किया गया वितरित

कछौना (हरदोई) : सरकार की मंशा सबको राशन सबको पोषण के तहत प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत विशेष अन्न महोत्सव के रूप में लाभार्थियों को निःशुल्क अन्न वितरण किया गया। कोविड-19 महामारी के चलते किसी के सामने भोजन का संकट खड़ा न हो, इसके लिए सरकार ने प्रति यूनिट 5 किलो राशन नवंबर माह तक निःशुल्क देने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री द्वारा टीवी प्रसारण द्वारा कार्ड धारकों से संवाद की व्यवस्था की गई। प्रत्येक कोटेदार के यहां ग्राम सचिव, पर्यवेक्षक की ड्यूटी लगाई गई। दुकान के आसपास सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई। कार्ड धारकों को निःशुल्क मोदी जी का फोटो लगा बैग में खाद्यान्न दिया गया। बैग सीमित संख्या में आने के कारण काफी लाभार्थी बैग से वंचित हो गए। जिससे लाभार्थी मायूस दिखे। लाभार्थी ने कई जगह मोदी जी का उद्बोधन भी सुना।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत तकनीकी व्यवस्था के कारण पूर्ववर्ती सरकारों से काफी सुधार हुआ। पूर्ववर्ती सरकारों में शासन व्यवस्था में राशन माफियाओं का खेल गोदामों व तेल डिपो से शुरू हो जाता था। राशन माफियाओं को एक बड़ा काकस जनप्रतिनिधि, अधिकारी, राशन माफिया व्यवस्था को हाईजैक किए थे। जिसके कारण उपभोक्ताओं को नियमित रूप से राशन और तेल नहीं मिलता था। कोटेदार राशन माफियाओं के संरक्षण के चलते मनमाने तरीके से वितरण करते थे। वर्तमान समय में ईपाश मशीन लग जाने के कारण उचित दर विक्रेता प्रत्येक माह लाभार्थी को राशन देने को मजबूर हैं। केवल उचित दर विक्रेताओं द्वारा निर्धारित मूल्य से ज्यादा शुल्क व वसूली की शिकायत आती है। मिली गोपनीय सूचना के अनुसार गोदामों से कुछ सत्ता पक्ष के नेता कोटेदारों से अवैध वसूली कर रहे हैं। जिसका कोटेदार सत्ता पक्ष के कारण विरोध करने में असमर्थता जताते हैं। उचित दर विक्रेता इस वसूली के कारण घटतौली व ओवर रेट उपभोक्ताओं से लेते हैं। अन्न महोत्सव के माध्यम से सरकार के प्रति बेहतर माहौल बनाने का एक कदम है। वर्तमान राशन वितरण व्यवस्था से लोग काफी संतुष्ट दिखे। उचित दर विक्रेता के यहां तेल वितरण व्यवस्था बंद होने को ग्रामीणों ने सराहा।

लोग ने बताया इससे तेल माफियाओं पर अंकुश लगा है। लेकिन सरकार को इसके बदले प्रत्येक लाभार्थी को प्रत्येक वर्ष सोलर लालटेन उपलब्ध कराई जाए। कुछ लोग ने बताया वर्तमान मांग के अनुसार उन्हें गांव की दुकान के रूप में विकसित किया जाए। जहां पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को दैनिक प्रयोग की चीजें सही रेट में मिल सके। गांव के लोगों को कस्बे में दौड़ भाग से निजात मिल सके। इन दुकानों पर विद्युत बिल जमा होने की व्यवस्था सही कराई जाए। समाज के अंतिम व्यक्ति की पीड़ा को समझ कर उसे मुख्यधारा में जोड़ने के लिए सरकार की जवाबदेही व प्रयास से ही लोगों के अंदर सरकार के प्रति विश्वास का इजाफा हो गया।

रिपोर्ट- पी०डी० गुप्ता