बाल अभिनेत्री वान्या सिंह :- छोटी सी उम्र में बड़ी उपलब्धियां

राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”, कवि एवं साहित्यकार

उम्र से कोई बड़ा नहीं होता। यदि आपकी सोच बड़ी हो और लक्ष्य लेकर आत्मविश्वास से आप आगे बढोगे तो सफलता की राह में कोई बाधक नहीं बन सकता। ऐसी ही कहानी है बाल अभिनेत्री वान्या सिंह की। केवल 13 वर्ष की वान्या ने जो करिश्मा करा वह अकल्पनीय अदभुत है। दिल्ली के द्वारका स्थित विश्व भारती पब्लिक स्कूल में कक्षा नवीं की स्टूडेंट है वान्या। वह कोरियोग्राफर बनने का सपना देखा करती। आज वह अभिनय डांसिंग व मॉडलिंग में बड़ा नाम है। अब वो ऐसे बच्चों को शिक्षित करने में लगी है जिनके पास कला तो है लेकिन उनका मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं होता है। ऐसी प्रतिभाओं की खोज कर उन्हें डांस सिखाती है वान्या। 30 बच्चों को जो कला में माहिर है उन्हें निशुल्क नृत्य की शिक्षा दे रही है। वान्या वर्तमान में कक्षा 9 में पढ़ रही है। वह पढ़ाई के साथ साथ कोरियोग्राफर बनना चाहती है और ऐसे बच्चों को आगे बढ़ाना चाहती है जिन्हें कभी आगे बढ़ने का अवसर नहीं मिला। मंच नहीं मिला हो। वह ऐसे बच्चों को मंच तक पहुंचाती है। ताकि वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें। आर्थिक समस्या के कारण कई बच्चे अपनी प्रतिभा में निखार नहीं ला पाते। और कई बच्चे ऐसे भी होते है जिन्हें मार्गदर्शन देने वाले नहीं मिलते। उनकी प्रतिभा कैसे बाहर आये। ऐसे बच्चों के लिए वान्या ने घर पर ही डांस अकेडमी खोल दी। उसका नाम नव्या सृजना रखा। जहाँ संध्या काल मे वान्या दो घण्टे डांस सिखाती है।

वान्या ने अल्प उम्र में अपार उपलब्धियां प्राप्त की। वान्या की डांस में रुचि रही। उन्होंने 3 साल की आयु में कथक सीखा। 2009 में डांस इंडिया डांस रियलिटी शो व लिटिल चेम्प में वान्या ने धमाकेदार आगाज़ किया। और वान्या के सपनों के पंख लग गए। इसके बाद वे लघुफिल्म व विज्ञापनों में नज़र आई। विज्ञापन फिल्मों में खूब काम किया। फिल्मों में अभिनय किया। मॉडलिंग में भी बेहतरीन कार्य किया। वान्या अब तक 250 पुरस्कार जीत चुकी है। मिस जूनियर इंडिया 2017 प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ था।

भारत गौरव तेजस्वनी अवार्ड सोशल मीडिया अवार्ड प्राइड ऑफ दिल्ली अवार्ड और किशोरी अवार्ड एशियन एक्ससीलेन्स अवार्ड कंट्री प्राइड आवर्ड वीनर लता मंगेशकर अवार्ड जैसे सम्मानों से वान्या को सम्मानित किया जा चुका है।

वान्या दीपिका पादुकोण को अपना आदर्श मानती है। अपनी उपलब्धियों का श्रेय वे उनकी माँ को देती है। वान्या के पिताजी ने बताया कि वान्या ने साढ़े तीन साल की उम्र में ही दिल्ली के हिन्दी भवन में पहला एकल नृत्य स्टेज पर किया था। आज वह दर्जनों स्टेज शो कर चुकी है। दिल्ली से बाहर दूसरे प्रदेशों में वह 30 स्टेज शो कर चुकी है। अब तक 300 सर्टिफिकेट प्राप्त चुकी है वान्या। कथक डांसर के रूप में वान्या की अपनी पहचान है लेकिन वह हर नृत्य में पारंगत है। हाल ही में रसियन बेले भी सीखी है। कथक नृत्य में 4 साल का क्लास भी कर चुकी है। फॅशन शो में शिरकत करना उसे अच्छा लगता है।

वान्या ने एन डी टी वी स्टार प्लस सहित कई टी वी चैनलों में काम किया। गली गली सिम सिम के 20 एपिसोड पूरे हो चुके हैं। पोगो चेनल में वॉइस ओवर आर्टिस्ट राह चुकी है। अब तक 300 स्टेज शो कर चुकी है। टी वी वीडियो शूट करना प्रिंट शूट ऑनलाइन शूट कई ब्रांड के वान्या कर चुकी है। जो बच्चे स्कूल नहीं जाते उनगें शिक्षित करती है डांस सिखाती है।

वान्या का संदेश है कि दिव्यांग बच्चों के लिए सबको आगे आना चाहिए। मैं चाहे कुछ भी बन जाऊं लेकिन दिव्यांगों के लिए काम करती रहूंगी। समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का मैं प्रयास करती रहूँगी। वे अपनी सफलता का श्रेय अपनी माताजी कंचन सिंह और पिताजी रंजीत कुमार जी को देती है।इतनी छोटी सी उम्र में इतनी प्रतिभा बहुत कम मिलती है।

98, पुरोहित कुटी श्रीराम कॉलोनी
भवानीमंडी, जिला झालावाड राजस्थान