
भारत ने अरूणाचल प्रदेश के छह स्थानों के नाम बदलने के चीन के प्रयास पर नाराजगी व्यक्त की है। भारत ने कहा है कि किसी पड़ोसी देश के स्थानों के नाम बदल देने मात्र से उसका गैर कानूनी दावा वैध साबित नहीं हो जाता। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अरूणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और यह भारत का हिस्सा बना रहेगा।
चीन ने कल अरूणाचल के छह स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की। दलाई लामा के प्रदेश के दौरे को लेकर चीन ने भारत के साथ दर्ज कराए गए कड़े विरोध के कुछ दिनों के बाद यह कदम उठाया है। कुलभूषण जाधव के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में श्री बागले ने कहा कि भारत के कल पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को तलब करने के बाद अब पाकिस्तान से इस मुद्दे पर आधिकारिक जवाब की प्रतीक्षा है। उन्होंने कहा कि जाधव के खिलाफ लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद है और पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के गुमराह करना चाह रहा है। श्री बागले ने कहा कि कुलभूषण तक राजनयिक संपर्क बनाने के लिए भारत अब तक15 बार अनुरोध कर चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि श्री जाधव की सुरक्षित रिहाई के लिए सभी उपाय किए जायेंगे। हमको इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि वो कहां पर हैं। यह पाकिस्तान सरकार का कहना है कि वो उनकी कस्टडी में हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य कैसा है, उनके हालात कैसे हैं, किस तरीके से वो हैं यह हमारे लिए एक चिंता का विषय है और हमने इस बारे में अपनी चिंता पहले भी जाहिर करी है कि हमको उनके संबंध में जानकारी दी जाये और इनफेक्ट जानकारी ही नहीं दी जाये बल्कि उनसे काउंसलर भेंट करने के लिए हमने 14 बार अब तक पाकिस्तान सरकार से कल को अगर मिला लें तो 15वीं बार पाकिस्तान सरकार से मांग करी है। अमरीका के एच1-बी वीजा मामले पर श्री बागले ने कहा कि वीजा भारत के लिए अव्रजन मुद्दा नहीं है बल्कि यह आपसी व्यापार और सेवा से जुड़ा मुद्दा है।