प्रकृति से सामंजस्य बिठाकर ही पर्यावरण और प्रकृति का संरक्षण किया जा सकता है : मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री आदित्यनाथ योगी ने उत्तरायणी कौथिग मेले के अवसर पर लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित किया। पर्वतीय संस्कृति, कला और वहां के अध्यात्म व धर्म से जुड़कर विकास की दिशा को और समृद्धि प्रदान की जा सकती है । उत्तराखण्ड ने देश और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । राष्ट्रीय सुरक्षा में भी गढ़वाल और कुमाऊँ रेजिमेंट ने हमेशा योगदान दिया है । उत्तराखण्ड के लोग उत्तर प्रदेश और देश के साथ उत्तराखण्ड के विकास के लिए भी सहभागी बनें ।

उत्तराखण्ड में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड की धरती देवभूमि है और उसे इसी रूप में देश व दुनिया में देखा जाता है । प्रकृति से सामंजस्य बिठाकर ही पर्यावरण और प्रकृति का संरक्षण किया जा सकता है । पर्वतीय महापरिषद का आयोजन पर्वतीय समाज के लोगों को अपनी संस्कृति और परम्परा से जोड़े रखने में उल्लेखनीय भूमिका निभाता रहेगा । उत्तरायणी कौथिग मेला उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है । आदित्यनाथ योगी ने श्री केएन चन्दोला को गोपाल उपाध्याय साहित्य सम्मान-2018 तथा श्री मोहन सिंह बिष्ट ‘मोना’ को पर्वतीय युवा गौरव सम्मान-2018 से सम्मानित किया ।