सांडी में लगातार कई सालों से सूखे का सामना कर रही पक्षी विहार की झील को गर्रा नदी के पानी से लबालब करने के पंप कैनाल प्रोजेक्ट में एक्सईएन ट्यूबवेल और ठेकेदार की आपसी खींचतान से पिछले 20 दिनों से काम ठप पड़ा है। इस बारे में जहां एक ओर ठेकेदार योगेन्द्र सिंह ने भुगतान न मिलने से काम रोकने की बात बताई है। वहीं दूसरी ओर प्रोजेक्ट की मानीटरिंग कर रहे एक्सईएन ट्यूबवेल बीपी सिंह ने धन की कमी से काम ठप होने से इंनकार करते हुए जल्द ही कार्य शुरू होने की उम्मीद जताई है।
दरअसल बीते तीन सालों से एशिया के मुख्य पर्यटन स्थलों में शुमार सांडी पक्षी विहार कमजेार बारिश के चलते सूखा हुआ है। जिससे सर्द मौसम में यहां पर प्रवास को पहुंचने वाले सुदूर देशों के पक्षियों ने दूसरे वेटलैंड को रुख कर लिया है। नतीजन सैलानी झील में पक्षियों के करतब और कलरब से ही दूर नहीं हो गए बल्कि सूखे पक्षी विहार के कारण विभिन्न देशी वन्य जीव और पक्षियों के भोजन की तलाश में दूसरे ठिकानों पर चले जाने से इसका प्रकति चक्र खात्मे की ओर बढ़ता जा रहा है। पिछले साल शासन के आदेश पर जिला प्रशासन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर झील किनारे दो हैवी ट्यूबवेल की स्थापना कर झील को पानी से लबालब करने के प्रयास किए गए। लेकिन इसमें सफलता नही मिलने पर शासन की ओर से गर्रा नदी से पम्प कैनाल बनाकर झील को लबालब करने के लिए पौने पांच करोड़ की धनराशि मंजूर कर इसकी देखरेख ट्यूबवेल विभाग को सौंप दी गई। जिसके बाद नोएडा की गणेश इन्फ्रोटेक कम्पनी को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। कम्पनी की ओर से पिछले दिनों गर्रा नदी में चैनल बनाकर पम्प हाउस पर काम शुरू किया गया। इसके बाद पम्प हाउस से झील के बीच पाइप डालकर पानी पहुंचाए जाने पर काम शुरू होना था। लेकिन बताया जाता है कि भुगतान को लेकर ट्यूबवेल विभाग और ठेकेदार के बीच खींचतान शुरू हो गई। जिससे प्रोजेक्ट का काम ठप पड़ा हुआ है। हालांकि दोनो पक्ष अपने-अपने तर्क दे रहे हैं।