केजीएमयू में कोरोना से जिन्दगी की जंग हारीं सीनियर नर्सिंग आफिसर आशा धूसिया

कोरोना से लड़ाई में जान गंवाने वाले योद्धाओं में आज केजीएमयू के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की सीनियर नर्सिंग आफिसर श्रीमती आशा धूसिया का नाम शामिल हो गया । यह केजीएमयू मे किसी नर्सिंग कर्मी की कोरोना से होने वाली पहली मौत है ।

जानकीपुरम लखनऊ की रहने वाली सिस्टर आशा धूसिया अपनी कार्य कुशलता, साफ़-सुथरी छवि व सौम्य व्यवहार के कारण अपने विभाग के साथ-साथ पूरे केजीएमयू नर्सिंग परिवार की पसंद थी । जून २०२३ मे उनकी सेवानिवृत्त थी । जल्द ही उनका प्रमोशन भी आने वाला था । उनके साथ साथ परिवार में उनकी बेटी भी कोरोना पाजिटिव हो गयी थी । दिनांक 19/9/2020 को उन्हे सांस लेने में परेशानी होने पर न्यूरोलॉजी में बने सेण्टर में भर्ती कराया गया था । जहाँ से उन्हे जाँच के बाद पॉज़िटिव आने पर गाँधी वार्ड आई सी यू में शिफ़्ट कर दिया गया था । आज दिनांक 21/9/2020 को सुबह से उनकी तबियत बिगड़ती चली गयी और लगभग 4.30 बजे उन्होंने अन्तिम सांस ली ।

राजकीय नर्सेज संघ केजीएमयू के सचिव सत्येन्द्र कुमार के अनुसार कोरोना वारियर्स की दुर्दशा का ज़िम्मेदार काफ़ी हद तक शासन व प्रशासन है, जो सुरक्षा व सम्मान के दावे तो करता है पर उन्हे धरातल पर उतारने में नाकाम रहता है । आज तक प्रदेश के तमाम कोरोना योद्धाओं के परिवार न्याय की आस में सरकार से उम्मीद लगाये बैठे हैं पर नतीजा शून्य है । आज भी तमाम अस्पतालों में कोरोना योद्धाओं व उनके परिवार के लिये चिकित्सा की कोई प्राथमिकता व आरक्षण नहीं दिया जा रहा है बल्कि उन पर काम का बोझ दिन प्रतिदिन बढ़ाया जा रहा है । यही कारण है हम रोज कोरोना योद्धाओं कोखोते जा रहे हैं ।

राजकीय नर्सेज संघ के प्रदेश महामन्त्री अशोक कुमार के अनुसार प्रदेश भर में कई नर्सेज कोरोना के कारण जान गंवा चुकी हैं उन्हे सरकार द्धारा निर्धारित राशि रू पचास लाख मिलना तो दूर, परिवार को किसी तरह की आर्थिक सहायता नही मिल सकी है । आज पूरे प्रदेश मे लगभग १०० से अधिक नर्सेज कोरोना वार्डों मे कार्य करते हुये संक्रमित चल रही है, फिर भी अपनी ज़िम्मेदारियों से पीछे नही हट रही हैं । प्रदेश सरकार को कोरोना योद्धाओं की यह उपेक्षा बहुत भारी पड़ेगी । जल्द ही सभी नर्सेज संगठन मिलकर सरकार से बात कर कोरोनो योद्धाओं को उनका सम्मान दिलायेंगे ।